बजट पेश होने से कुछ दिन पहले गोपनीयता बनाए रखने के लिए वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है, लेकिन बजट पारित होने के बाद ये पाबंदी हटा ली जाती है. हालांकि, इस बार ऐसा नहीं किया गया.
नई दिल्ली: एक प्रत्याशित कदम उठाते हुए वित्त मंत्रालय ने सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकारों के भी नॉर्थ ब्लॉक में परिसर में बिना पूर्व अनुमति के जाने पर पाबंदी लगा दी है.
अभी तक केवल बजट से पहले ही इस तरह की पाबंदी लगाई जाती थी ताकि बजट को लेकर गोपनीयता बनाई रखी जा सके. वहीं, पूर्व में बजट पेश होने के अगले ही कामकाजी दिन पाबंदी हटा ली जाती थी.
वहीं, इससे पहले केवल खुफिया एवं नियामकी विभागों सहित प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय में ही जाने के लिए पूर्व अनुमति लेनी पड़ती थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बजट पेश होने के अगले दिन शनिवार को नॉर्थ ब्लॉक में पत्रकारों के जाने पर लगाई गई पाबंदी के बाद पत्रकारों ने विरोध किया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने का समय मांगा. इसके बाद वित्त मंत्री ने मंगलवार को पत्रकारों से मुलाकात की.
मुलाकात के बाद सीतारमण के कार्यालय ने एक बयान ट्वीट किया. इसमें कहा गया, ‘पीआईबी मान्यता प्राप्त कार्ड रखने वाले सहित सभी मीडियाकर्मियों को पूर्व अनुमति के आधार पर प्रवेश मिलेगा. नॉर्थ ब्लॉक में स्थित वित्त मंत्रालय में प्रवेश के लिए उनके ऊपर कोई और प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.’
बयान में कहा गया, ‘मीडियाकर्मियों को जिन अधिकारियों से मुलाकात करनी है उन्हें उनसे पूर्व अनुमति लेनी होगी. पूर्व अनुमति लेने के बाद पीआईबी कार्ड रखने वाले मीडियाकर्मियों को अलग से कोई और लेने की जरूरत नहीं होगी. यह पूरी प्रक्रिया इसलिए अपनाई जा रही है ताकि पत्रकारों को रिपोर्टिंग करने में कोई परेशानी न हो. यह पूरा प्रयास उनकी सुविधा के लिए है. कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है.’
Clarification on media reports alleging that media persons have been banned from entering the Ministry of Finance, North Block. pic.twitter.com/T2muJ6NV0J
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) July 9, 2019
बता दें कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाला प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो कम से कम पांच अनुभव वाले पूर्ण कालिक पत्रकारों को मान्यता प्रदान करता है. यह मान्यता उनके पेशेवर पत्रकार की पहचान के लिए होती है और इससे कोई विशेष दर्जा नहीं मिलता है. यह मान्यता गृह मंत्रालय द्वारा विस्तृत सुरक्षा जांच और पुलिस द्वारा उनके घर की पहचान करने के बाद दी जाती है.
पीआईबी मान्यता प्राप्त कार्ड गृह मंत्रालय के सुरक्षा जोन के तहत आने वाली बिल्डिंगों में प्रवेश के लिए मान्य होता है. उद्योग भवन, निर्माण भवन और नीति आयोग जैसे विभिन्न मंत्रालयों वाले लगभग सभी सरकारी बिल्डिंगों में पीआईबी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को बिना किसी परेशानी के प्रवेश मिल जाती है.
सेंट्रल न्यूज मीडिया एक्रेडिटेशन गाइडलाइंस के अनुसार, मान्यता का उद्देश्य सरकार में सूचना के सूत्र और इसके साथ ही पीआईबी या भारत सरकार की अन्य एजेंसियों द्वारा जारी लिखित या प्रकाशित तक पहुंच होती है.
इस साल एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश होने से पहले मंत्रालय ने 3 दिसंबर, 2018 से पत्रकारों की पहुंच पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन बजट पेश होने के बाद 2 फरवरी को इसे हटा लिया गया था. प्रवेश पर पाबंदी लगाने वाला आदेश वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के बजट विभाग द्वारा जारी किया जाता है.
वहीं, पत्रकारों पर लगाई गई इस पाबंदी पर विपक्षी पार्टियां मुखर हो गई हैं. 16 विपक्षी पार्टियों ने मीडिया की स्वतंत्रता पर एक छोटी बहस के लिए राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू को नोटिस दिया है. इस नोटिस पर सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार हैं. हालांकि, इस नोटिस को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है लेकिन विपक्षी पार्टियां अगले हफ्ते इस पर बहस कराने के लिए दबाव बना रही हैं.
वहीं, इस नोटिस में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी हस्ताक्षर किए हैं. इस नोटिस पर कांग्रेस, टीएमसी, राजद, सपा, बसपा, आप, सीपीआई, पीडीपी, सीपीआई(एम), डीएमके, केरल कांग्रेस (एम) और आईयूएमएल पार्टियों के हस्ताक्षर हैं.