वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि 26 जून 2019 तक इस योजना के तहत खोले गए 35.99 करोड़ खातों में से 25.54 करोड़ खाते ही सक्रिय हैं.
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंकों में अब तक 35.99 करोड़ खाते खोले गए जिनमें 29.54 करोड़ खाते सक्रिय हैं.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना 28 अगस्त 2014 को प्रारंभ की गई थी. उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 26 जून 2019 तक इस योजना के तहत 35.99 करोड़ खातों में से 25.54 करोड़ खाते सक्रिय हैं. यानी कि जन-धन योजना के तहत खोले गए 6.45 करोड़ खाते सक्रिय नहीं हैं.
ठाकुर ने बताया कि इस योजना के तहत निजी क्षेत्र के बैंकों को भी खाते खोलने की अनुमति है और उनसे मिली जानकारी के अनुसार निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों द्वारा 1.23 करोड़ खाते खोले गए.
जन-धन खातों में जमा राशि एक लाख करोड़ रुपये के पार
जन-धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में जमा राशि एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है. मोदी सरकार ने पांच साल पहले इस योजना की शुरुआत की थी.
वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़े के मुताबिक तीन जुलाई की स्थिति के अनुसार 36.06 करोड़ खातों में 1,00,495.94 करोड़ रुपये थे.
जन-धन लाभार्थियों के खातों में जमा राशि निरंतर बढ़ रही है. इससे पहले छह जून को इन खातों में यह राशि 99,649.84 करोड़ रुपये तथा उससे एक सप्ताह पहले 99,232.71 करोड़ रुपये थी.
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गयी थी. इसका मकसद देश के उन लोगों को बैंक सुविधाएं उपलब्ध कराना है जो इससे वंचित थे.
पीएमजेडीवाई के तहत खोला गया खाता मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता है. इसके साथ रुपे डेबिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है.
बीएसबीडी खाते में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है. अब तक 28.44 करोड़ खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं.
योजना की सफलता से उत्साहित सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए खातों के लिये दुर्घटना बीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया है. इसके साथ ओवरड्राफ्ट की सीमा भी दोगुनी कर 10,000 रुपये कर दी गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)