कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 16 विधायक इस्तीफ़ा दे चुके हैं. विधानसभा स्पीकर ने इनमें से 8 विधायकों का इस्तीफ़ा तय प्रारूप में न होने का हवाला देते हुए खारिज़ कर दिया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक के कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 10 बागी विधायकों को शाम छह बजे विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर उन्हें अपने इस्तीफे के बारे में जानकारी देने को कहा. साथ ही न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे पर आज ही फैसला करने का निर्देश भी दिया.
प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को आज गुरुवार को ही विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने का निर्देश भी दिया. पीठ में जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे.
पीठ ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी शुक्रवार को मामले की अगली सुनवाई के दौरान दी जाए.
The Supreme Court says Karnataka Speaker has to take a decision in remaining part the day. The Court also ordered the DGP of Karnataka to provide protection to all the rebel MLAs and adjourned the hearing for tomorrow (July 12). https://t.co/ih2fE1AKR3
— ANI (@ANI) July 11, 2019
दरअसल, छह जुलाई को कांग्रेस-जेडीएस के 14 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था जिससे राज्य में गठबंधन सरकार खतरे में पड़ गई थी.
इस बीच कांग्रेस के दो विधायकों आवास मंत्री एमटीबी नागराज और के. सुधाकर ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया जिससे असंतुष्ट विधायकों की संख्या बढ़कर 16 हो गयी है.
इस सारी उठापठक के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. कांग्रेस की ओर से सिद्धारमैया, केसी वेणुगोपाल,गुलाम नबी आजाद बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा भी इस वक्त कुछ विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत है. इसलिए वह इस्तीफा नहीं देंगे.
लाइव लॉ के अनुसार, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायकों के इस्तीफों को स्वीकार करने से इनकार करके विधानसभा स्पीकर कानून सम्मत रूप से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं.
रोहतगी ने कहा, विधायकों ने छह जुलाई को अपना इस्तीफा सौंप दिया था लेकिन स्पीकर ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. अब विधायकों पर अयोग्यता का खतरा मंडराने लगा है.
इस पर शीर्ष अदालत ने कर्नाटक के डीजीपी को 10 असंतुष्ट विधायकों के मुम्बई से बेंगलुरु पहुंचने के बाद उन्हें बेंगलुरु हवाई अड्डे से विधानसभा तक सुरक्षा मुहैया करने का निर्देश भी दिया.
विधायकों का दावा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार न करके स्पीकर रमेश कुमार ने गैर-कानूनी रूप से अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभाई है.
वहीं, स्पीकर रमेश कुमार का कहना है कि अभी तक उन्होंने कोई इस्तीफा मंजूर नहीं किया है. इसका एक नियम है, वह उसके अनुसार ही काम करेंगे.
नाराज विधायक मुंबई के एक होटल में रुके हैं, जहां बुधवार को उनसे मिलने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार पहुंचे थे. हालांकि, उन्हें मिलने नहीं दिया गया. पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया और बाद में जबरन बेंगलुरु के लिए रवाना कर दिया.
शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुरू होना है, बीजेपी इस सेशन को अवैध बता रही है. इस बीच कर्नाटक विधानसभा के आसपास धारा 144 लगा दी गई है.
Delhi: Congress leaders including Sonia Gandhi, Rahul Gandhi and Anand Sharma protest in front of Gandhi statue in Parliament. Rahul Gandhi tells ANI, "We are protesting against Karnataka and Goa issue" pic.twitter.com/wmZCj7Pihn
— ANI (@ANI) July 11, 2019
कर्नाटक के मुद्दे पर दिल्ली में संसद भवन के बाहर कांग्रेस के कई सोनिया गांधी, आनंद शर्मा सहित कई वरिष्ठ नेताओं के साथ राहुल गांधी धरने पर बैठ गए हैं. वे संसद परिसर में गांधी मूर्ति के बाहर धरना दे रहे हैं.
TMC, SP, NCP, RJD, CPI(M) protest in front of Gandhi statue in Parliament against BJP Government pic.twitter.com/AX4dnw0KQh
— ANI (@ANI) July 11, 2019
दूसरी तरफ टीएमसी, सपा, एनसीपी, राजद और सीपीआई(एम) सहित कई अन्य पार्टियां भी राज्य सरकारों को गिराने का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं.
बता दें कि, राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन का संख्या बल विधानसभा अध्यक्ष के अलावा 118 (कांग्रेस-78, जेडीएस-37, बसपा-1 और निर्दलीय-2) है. इसमें वे विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक स्वीकार नहीं किए हैं.
यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा क्योंकि गठबंधन के विधायकों की संख्या घट कर 102 हो जाएगी. वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)