पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली में कथित तौर पर सरकारी ज़मीनों पर अवैध रूप से बने 50 से अधिक मस्जिदों, क़ब्रिस्तानों और मदरसों की सूची उपराज्यपाल को सौंपी है.
नई दिल्लीः भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने गुरुवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और उन्हें 50 से अधिक मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मदरसों की एक सूची सौंपी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवेश सिंह का दावा है कि इनका निर्माण सरकारी जमीनों पर गैरकानूनी रूप से किया गया है.
उन्होंने इनकी पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण करने की मांग की. इस सूची में नरेला, बवाना और रोहिणी में 49 मस्जिदें, तीन मकबरें, एक मदरसा और एक कब्रिस्तान है.
पिछले महीने प्रवेश सिंह ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दावा किया था कि राजधानी में सरकारी जमीनों पर कुकुरमुत्ते की तरह मस्जिदें बनी हुई हैं और इसे रोकने के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए.
उपराज्यपाल को दिए गए ज्ञापन पत्र में उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने एक सर्वेक्षण कराया है, जिससे पता चलता है कि ये जमीनें- डीयूएसआईबी, ग्रामसभा, बाढ़ विभाग, डीडीए और एमसीडी की हैं और इन पर मस्जिदों और कब्रिस्तानों ने अतिक्रमण किया है.
सिंह ने कहा कि क्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेटों को इस पर दो महीनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि अधिकारियों से यह पूछा जाएगा कि ये अतिक्रमण कैसे हुआ और इन जमीनों को वापस लेने के लिए क्या कार्रवाई की जाए.’
सरकारी जमीन पर बने अन्य धर्मों के गैरकानूनी ढांचों के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, ‘जब मुझे इस तरह का कुछ नहीं मिला तो मैं इसका उल्लेख कैसे कर सकता हूं. अगर लोगों को कुछ मिलता है तो वे सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी भेज सकते हैं.’
प्रवेश सिंह के उपराज्यपाल को लिखे गए पत्र के बाद दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने इन दावों की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग समिति का गठन किया है. डीएमसी के चेयरमैन ज़फरुल इस्लाम खान ने कहा, ‘आयोग सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का समर्थन नहीं करता लेकिन जिस तरीके से यह मुद्दा उठाया गया, उससे एक चुनिंदा समुदाय के खिलाफ माहौल बिगाड़ने की कोशिश लगती है.’
एक दक्षिण महानगरपालिका अधिकारी ने कहा, ‘पहले लोग एक धार्मिक ढांचा बनाते हैं. फिर उसके आसपास घर बना लेते हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ एक धर्म के लोग नहीं करते. इस तरह के ढांचों की पहचान कर इन्हें इसके निर्माण के दौरान ही नष्ट करना आसान है. एक बार इनमें प्रार्थना शुरू होने पर कानून एवं व्यवस्था की दिक्कतें आड़े आ जाती हैं.
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘दिल्ली में पुलिस और भूमि मामले सीधे केंद्र सरकार के तहत आते हैं. प्रवेश सिंह पिछले पांच साल से सो रहे हैं और उनकी खुद की सरकार इन अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही.’