बीते जून में झारखंड के सरायकेला खरसावां में तबरेज अंसारी की चोरी के आरोप में भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की, जिसके कुछ रोज़ बाद अंसारी की मौत हो गई थी. मामले की जांच कर रहे दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जहां पुलिस ने मुस्तैदी नहीं दिखाई, वहीं डॉक्टर अंसारी की चोट का पता नहीं लगा सके.
जमशेदपुरः झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में चोरी के शक में भीड़ के हमले का शिकार हुए तबरेज अंसारी की मौत पुलिस और डॉक्टरों की लापरवाही से हुई थी. तीन सदस्यों की एक जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है.
सब डिविजनल अधिकारी और जिला सिविल सर्जन के सदस्यों वाले इस दल का यह भी कहना है कि भीड़ द्वारा तबरेज अंसारी के साथ मारपीट किए जाने की सूचना पुलिस को मिल चुकी थी लेकिन फिर भी पुलिस देरी से मौके पर पहुंची थी.
मालूम हो कि जून को मुस्लिम युवक तबरेज अंसारी (24) को भीड़ ने चोरी के आरोप में कथित तौर पर बेरहमी से पीटा गया था और उससे जबरन ‘जय श्री राम’, ‘जय हनुमान’ के नारे लगवाए थे.
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दो पुलिस अधिकारियों को इस मामले में निलंबित किया जा चुका है और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
सरायकेला खरसावां के पुलिस उपायुक्त अंजनेयुलु डोड्डे ने कहा, ‘पुलिस और डॉक्टरों की तरफ से लापरवाही हुई है. पुलिस जहां घटनास्थल पर देर से पहुंची, वहीं डॉक्टर सिर में लगी चोट का पता नहीं लगा पाए.’
पुलिस उपायुक्त तीन सदस्यों वाले प्रशासनिक जांच दल का नेतृत्व कर रहे हैं. डोड्डे की बात का समर्थन करते हुए एक सिविल सर्जन ने कहा कि एक्स-रे और पूरे शरीर की जांच होनी चाहिए थी लेकिन यह जांच नहीं की गयी क्योंकि सिर पर चोट के निशान नहीं थे.
इस सिविल सर्जन का तबादला इस घटना के बाद खूंटी कर दिया गया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने समय पर कोई मुस्तैदी नहीं दिखाई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 जून की रात पुलिस को इस घटना के बारे में जानकारी मिली लेकिन उन्होंने सुबह छह बजे के बाद ही इस पर कार्रवाई की. जांच टीम ने बताया कि अंसारी के विसरा की जांच के लिए उसे रांची में फॉरेसिंक विभाग भेजा गया है ताकि मौत की वास्तविक वजह का पता लग सके.
गौरतलब है कि 17 जून को अंसारी अपने दोस्तों के साथ था कि कुछ लोगों ने उसे मोटरसाइकिल चुराने के आरोप में पकड़ लिया. इसके बाद भीड़ ने उनकी बेरहमी से पिटाई की साथ ही उन्हें ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए भी मजबूर किया.
इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. पुलिस को मामले की जानकारी मिलने के बाद उसने अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद गंभीर रूप से घायल अंसारी को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे जेल भेजे जाने की मंजूरी दे दी.
इसके चार दिन बाद 22 जून को जब अंसारी की हालत और खराब हो गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. अंसारी के सिर पर गंभीर चोटें आई थी. इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी पप्पू मंडल समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.