बिहार: थाने में फंदे से लटकता मिला जदयू के दलित नेता का शव, तीन पुलिसकर्मी गिरफ़्तार

कथित तौर पर एक लड़की के अपहरण मामले में पूछताछ के लिए जदयू के महादलित सेल के प्रखंड प्रमुख गणेश रविदास को पुलिसवाले थाने ले गए थे. जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने किया हिंसक प्रदर्शन.

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जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने हिंसक प्रदर्शन किया. लोगों ने थाने पर पथराव भी किया. (फोटो साभार: ट्विटर/@avinashdnr)

कथित तौर पर एक लड़की के अपहरण मामले में पूछताछ के लिए जदयू के महादलित सेल के प्रखंड प्रमुख गणेश रविदास को पुलिसवाले थाने ले गए थे. जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने किया हिंसक प्रदर्शन.

जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने हिंसक प्रदर्शन किया. लोगों ने थाने पर पथराव भी किया. (फोटो साभार: ट्विटर/@avinashdnr)
जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने हिंसक प्रदर्शन किया. लोगों ने थाने पर पथराव भी किया. (फोटो साभार: ट्विटर/@avinashdnr)

बिहारशरीफ: बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के एक स्थानीय दलित नेता का शव एक थाने के अंदर शौचालय में फंदे से लटकता मिला. उन्हें एक लड़की के अपहरण के मामले में पूछताछ के लिए थाने लाया गया था. इस घटना के बाद नालंदा जिले के उनके गांव के लोगों हिंसक प्रदर्शन किया.

जिला प्रशासन ने बीते शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि दलित नेता की मौत के संबंध में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जदयू नेता गणेश रविदास (45) का शव बृहस्पतिवार को देर रात नालंदा जिले के नगरनौसा थाने के शौचालय में फंदे से लटकता मिला.

बता दें कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसी जिले से आते हैं.

पार्टी के महादलित सेल के प्रखंड प्रमुख गणेश रविदास को एक लड़की के अपहरण के संबंध में पूछताछ के लिए थाने लाया गया था. हालांकि, इस मामले में रविदास नामजद नहीं थे.

शुक्रवार की सुबह नगरनौसा थाना अंतर्गत उनके गांव सैदपुरा में उनकी मौत की खबर फैलने के बाद उनके समर्थकों ने थाने में घुसकर पथराव किए जिससे कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए.

इसके बाद भीड़ ने बिहारशरीफ-पटना मुख्य मार्ग को नगरनौसा बाजार में जाम कर दिया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज कराना पड़ा था.

गांववालों का आरोप है कि यह हिरासत में प्रताड़ना से परेशान होकर की गई खुदकुशी है.
कुछ गांववालों का कहना है कि उन्होंने दिवंगत के सिर पर चोट के निशान देखे जिससे पता चलता है कि उन्होंने पुलिस के हाथों यातना से तंग आकर खुदकुशी की.

गांववालों ने बताया था कि रविदास पर एक लड़की की उसके प्रेमी से शादी कराने और शहर के बाहर आश्रय दिलाने में उसकी मदद करने का आरोप लगाया गया था.

गणेश रविदास के सैदपुरा गांव के एक व्यक्ति ने अपनी 16 वर्षीय बेटी के अपहरण की आशंका जताते हुए 11 जून को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. हालांकि इसमें गणेश रविदास नामजद नहीं थे.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की लड़की के पिता से मिलीभगत थी और वे रविदास से लड़की का पता बताने का दबाव डाल रहे थे.

इस बीच, मध्य रेंज के डीआईजी राजेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और उनके निर्देश पर नगरनौसा के थाना प्रभारी कमलेश कुमार, अतिरिक्त उपनिरीक्षक बलिंद्र राय और चौकीदार संजय पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया.

इस मामले में मृतक के परिजनों ने तीनों गिरफ्तार पुलिसकर्मियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है.

प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक गणेश के पुत्र बलराम रविदास ने नगरनौसा थाना प्रभारी कमलेश कुमार, एएसआई बलिंद्र राय, चौकीदार जितेंद्र कुमार, संजय पासवान, ग्रामीण नरेश साव, पवन साव, दयानंद साव और कमलेश कुमार समेत एक अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.

उन्होंने बताया कि फरार चौकीदार जितेंद्र कुमार की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)