गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले माइकल लोबो को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंत्रिमंडल में बदलाव के लिए सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के तीन सदस्यों और एक निर्दलीय सदस्य को मंत्री पद से हटा दिया.
पणजी: गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों के भाजपा में शामिल होने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया. मंत्रिमंडल में बदलाव के लिए सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के तीन सदस्यों और एक निर्दलीय सदस्य को मंत्री पद से हटाया गया.
गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले माइकल लोबो और इस सप्ताह भाजपा में शामिल होने वाले 10 में से तीन विधायक चंद्रकांत कावलेकर, जेनिफर मोन्सेराते, फिलिप रोड्रिगेज ने नए मंत्रियों के तौर पर शपथ ली. लोबो ने शनिवार की सुबह विधानसभा उपाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था.
Filipe Nery Rodrigues, Jennifer Monserratte, and Chandrakant Kavleka, three out of the ten MLAs who joined BJP from Congress recently, take oath as ministers in Goa Government. Former Deputy Speaker Michael Lobo also takes oath. pic.twitter.com/ns9PpK9CtA
— ANI (@ANI) July 13, 2019
वहीं, कांग्रेस के 10 विधायकों को तोड़कर अपने साथ भाजपा में शामिल करने वाले विपक्ष के पूर्व नेता चंद्रकांत कावलेकर को राज्य का उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है.
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने दोपहर में राज भवन में आयोजित एक समारोह में नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
शपथ ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री ने एक अधिसूचना जारी की. अधिसूचना के अनुसार चार मंत्रियों- उप मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई, जल संसाधन मंत्री विनोद पालेकर, ग्रामीण विकास मंत्री जयेश सालगांवकर (सभी जीएफपी विधायक) और राजस्व मंत्री रोहन खुंटे (निर्दलीय) को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया.
कांग्रेस के 10 विधायक बुधवार को भाजपा में शामिल हुए थे. इसके साथ ही 40 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या बढ़कर 27 हो गयी है.
वहीं, 2017 में हुए गोवा विधानसभा चुनाव में 16 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने वाली कांग्रेस पांच सीटों पर सिमट गई है.
कांग्रेस विधायकों के समर्थन के बाद सावंत ने जीएफपी के मंत्रियों को हटाने का फैसला किया. क्षेत्रीय पार्टी जीएफपी ने साल 2017 में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई थी. तीन महीने पहले मुख्यमंत्री बनने के बाद से यह सावंत मंत्रिमंडल में दूसरा फेरबदल है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा करने के बाद वापस गोवा लौटने वाले सावंत ने कहा कि गैर-भाजपाई मंत्रियों को हटाने के कई कारण थे.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को भरोसे में लेने के बाद लिया गया. राज्य नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा की थी. सभी कारणों पर विचार करते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने निर्णय लिया कि अब भाजपा के चार सदस्यों को मंत्री बनाया जाना चाहिए.’
मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद जीएफपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकती है. जीएफपी नेता विजय सरदेसाई ने कहा, ‘हम सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे और विपक्ष का हिस्सा बनेंगे.’
सरदेसाई ने कहा, मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि इस फैसले के पीछे कौन सी असुरक्षा थी. इसका पहला संकेत मानसून सत्र के दौरान मिलेगा जो 15 जुलाई से शुरू हो रहा है. हमें बताया गया कि माइकल लोबो मंत्री बनना चाहते हैं. एक नवनिर्वाचित विधायक का नाम भी दिया गया. मेरी पार्टी के सदस्यों को इस्तीफा देने के लिए कहा गया. मैंने अमित शाह के बात भी कि क्योंकि उन्हें जमीनी हकीकत और 2017 में हमने जो त्याग किया, उसका पता था.
इस बीच, कांग्रेस पार्टी विधानसभा अध्यक्ष के सामने एक याचिका दाखिल करने और 10 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए अदालत जाने पर भी विचार कर रही है.
शुक्रवार को राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा पैसे की ताकत और डरा-धमकाकर सरकारें गिराने का काम कर रही है.
उन्होंने कहा, भाजपा धनबल और भय का उपयोग करके सरकारें गिराने का काम कर रही है. आपने इसे पहले गोवा में देखा और फिर पूर्वोत्तर में देखा. और अब वे कर्नाटक में भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रहे हैं. यह उनके कामकाज का तरीका है. उनके पास पैसा, शक्ति है, और वे इसका उपयोग करते हैं, यही सच्चाई है.