विधायकों ने कहा, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद या महाराष्ट्र और कर्नाटक कांग्रेस के किसी अन्य नेताओं से मिलने की हमारी कोई इच्छा नहीं है. हमें इन लोगों से खतरे की आशंका है.’
नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों ने मुंबई के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि वे महाराष्ट्र और कर्नाटक कांग्रेस के किसी भी पदाधिकारी या नेता से मुलाकात नहीं करना चाहते हैं. बागी विधायकों ने पत्र में इन नेताओं से खुद को खतरा बताया है.
ये दूसरा मौका है जब कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों ने पुलिस को पत्र लिखा है. इससे पहले बीते नौ जुलाई को उन्होंने पुलिस पत्र लिखकर कहा था कि वे कांग्रेस नेता और कर्नाटक सिंचाई मंत्री डीके शिवकुमार से नहीं मिलना चाहते हैं. मालूम हो कि शिवकुमार को 10 जुलाई को उस होटल में घुसने नहीं दिया गया था जहां बागी विधायक ठहरे थे.
ये कयास लगाए जा रहे थे कि सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री एचडी कमारस्वामी मुंबई के पवई में होटल रेनेसा में जा सकते हैं, जहां पर पिछले हफ्ते से बागी विधायक ठहरे हुए हैं.
मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर बागी विधायकों ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के किसी भी नेता से मिलने की कोई इच्छा नहीं है.
Mumbai: 14 rebel K'taka MLAs write to Sr Police Inspector, Powai Police Station. Write '…we've absolutely no intentions in meeting Mallikarjun Kharge, GN Azad or any Congress dignitaries from Maharashtra&K'taka or any political leader as we anticipate serious threat from them.' pic.twitter.com/RfI2Jt6d6D
— ANI (@ANI) July 14, 2019
विधायकों ने लिखा, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद या महाराष्ट्र और कर्नाटक कांग्रेस के किसी अन्य नेताओं से मिलने की हमारी कोई इच्छा नहीं है. हमें इन लोगों से खतरे की आशंका है.’
इससे पहले जब कांग्रेस नेता शिवकुमार होटल का दौरा करने वाले थे तो इन 15 बागी विधायकों ने पुलिस को पत्र लिखकर डीके शिवकुमार से खतरे की आशंका जताई थी.
Supreme Court said we would likely hear the case of five rebel MLAs-K Sudhakar, Roshan Baig, MTB Nagaraj, Muniratna and Anand Singh, tomorrow along with the main petition which is pending before us. https://t.co/K41XKTZ6Jt
— ANI (@ANI) July 15, 2019
इस बीच सोमवार सुबह कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कर्नाटक विधानसभा स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने के संबंध में सुनवाई की मांग की. कोर्ट मंगलवार को मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई है. पहले से ही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 10 बागी विधायकों ने इसी मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार को सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 10 बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता पर 16 जुलाई तक कोई भी निर्णय लेने से रोक दिया था.
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के सत्तारूढ़ गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के एक) हैं. दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है.
बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर करने के भय के चलते कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 100 रह जाएगी.