रविवार को खेले गए क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच हुई टक्कर में मैच और सुपरओवर दोनों टाई हो गया. आईआईसी ने नए नियम के आधार पर पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके-छक्के की संख्या के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया.
नई दिल्ली: दुनियाभर के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने चौके छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की जिस नियम की वजह से लॉर्ड्स पर फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूज़ीलैंड को हराया.
इंग्लैंड ने मैच में 22 चौके और दो छक्के लगाये जबकि न्यूज़ीलैंड ने 16 चौके लगाये थे.
दरअसल, आईसीसी के एक नए नियम के अनुसार, अगर किसी टाई मैच का नतीजा अगर सुपरओवर में भी नहीं निकल सके और सुपरओवर में भी मैच टाई हो जाए तो ऐसी सूरत में मैच का नतीजा पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके- छक्के की संख्या के आधार पर तय की जाएगी.
बता दें कि, क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच टक्कर हुई. 50-50 ओवरों के इस मैच का कोई नतीजा नहीं निकल सका क्योंकि दोनों टीमों ने बराबर बनाए.
इसके बाद विजेता का फैसला करने के लिए आईसीसी ने सुपर ओवर का नियम इस वर्ल्ड कप में लागू किया. मैच सुपर ओवर की 6-6 गेंदों तक भी पहुंचा लेकिन वहां भी दोनों टीमों 15-15 रन बनाए और मुकाबला बराबरी पर छूटा.
इसके बाद आईआईसी ने नए नियम के आधार पर पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके- छक्के की संख्या के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया.
भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ट्विटर पर लिखा, ‘समझ में नहीं आता कि विश्व कप फाइनल जैसे मैच के विजेता का निर्धारण चौकों छक्कों के आधार पर कैसे हो सकता है. हास्यास्पद नियम. यह टाई होना चाहिये था. मैं न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड दोनों को बधाई देता हूं.’
Don't understand how the game of such proportions, the #CWC19Final, is finally decided on who scored the most boundaries. A ridiculous rule @ICC. Should have been a tie. I want to congratulate both @BLACKCAPS & @englandcricket on playing out a nail biting Final. Both winners imo.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 14, 2019
विश्व कप 2011 के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने लिखा, ‘मैं नियम से सहमत नहीं हूं लेकिन नियम तो नियम है. इंग्लैंड को आखिरकार विश्व कप जीतने पर बधाई. मैं न्यूज़ीलैंड के लिये दुखी हूं जिसने अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा. शानदार फाइनल.’
I don’t agree with that rule ! But rules are rules congratulations to England on finally winning the World Cup , my heart goes out for the kiwis they fought till the end 😥. Great game an epic final !!!! #CWC19Final
— Yuvraj Singh (@YUVSTRONG12) July 14, 2019
न्यूज़ीलैंड के पूर्व हरफनमौला स्काट स्टायरिस ने लिखा, ‘शानदार काम आईसीसी. आप एक लतीफा हो.’
Nice work @ICC … you are a joke!!!
— Scott Styris (@scottbstyris) July 14, 2019
आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस ने लिखा, ‘डकवर्थ लुईस प्रणाली रन और विकेट पर निर्भर है. इसके बावजूद फाइनल में सिर्फ चौकों छक्कों को आधार माना गया. मेरी राय में यह गलत है.’
The DL system is actually based on runs and wickets lost… yet the Final result is only based on Boundaries hit? Not fair in my opinion. Must have been great to watch!
— Dean Jones AM (@ProfDeano) July 14, 2019
न्यूज़ीलैंड के पूर्व हरफनमौला डियोन नैश ने कहा, ‘मुझे लग रहा है कि हमारे साथ छल हुआ है. यह बकवास है. सिक्के की उछाल की तरह फैसला नहीं हो सकता. नियम हालांकि पहले से बने हुए हैं तो शिकायत का कोई फायदा नहीं.’
भारत के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने ट्वीट किया, ‘क्रिकेट के कुछ नियमों पर गंभीरता से गौर करने की जरूरत है.’
Some rules in cricket definitely needs a serious look in.
— Rohit Sharma (@ImRo45) July 15, 2019
न्यूज़ीलैंड की मीडिया ने कहा, अटपटे नियम से छली गई उनकी टीम
‘22 नायकों के साथ क्रिकेट विश्व कप का फाइनल और कोई विजेता नहीं,’ न्यूज़ीलैंड के एक अखबार में सोमवार को छपा शीर्षक पूरी कहानी बयां करता है और यहां मीडिया का मानना है कि आईसीसी के अटपटे नियम के कारण उनकी टीम ‘छली’ गई है.
रविवार को लॉर्ड्स पर नाटकीय फाइनल में निर्धारित ओवरों और सुपर ओवर में स्कोर बराबर रहने के बाद चौकों छक्कों की संख्या के आधार पर विजेता का निर्धारण हुआ.
स्टफ डॉट कॉम डॉट न्यूज़ीलैंड ने लिखा, ‘क्रिकेट विश्व कप फाइनल: चौकों छक्कों की गिनती ने न्यूज़ीलैंड को जीत से महरूम किया.’
‘न्यूज़ीलैंड हेराल्ड’ ने लिखा, ‘क्रिकेट विश्व कप फाइनल: 22 नायक और कोई विजेता नहीं.’ एक अन्य कालम में लिखा, ‘ओवरथ्रो के लिये इंग्लैंड को छह नहीं, पांच रन मिलने चाहिये थे.’
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने कहा कि विश्व कप फाइनल का फैसला सुपर ओवर के आधार पर नहीं किया जाना चाहिये था.
उन्होंने अपने कालम में लिखा, ‘केन विलियमसन और इयोन मोर्गन दोनों को कप दिया जाना चाहिये था. इस तरह का फाइनल कोई भी टीम नहीं हारना चाहेगी. न्यूज़ीलैंड के कप्तान विलियमसन के हाथ में भी कप होना चाहिये था.’
हेसन ने कहा, ‘ नॉकआउट चरण में फैसला सुपर ओवर पर हो सकता है लेकिन फाइनल में नहीं.’
निराश नीशम ने कहा- खिलाड़ी मत बनो बच्चों
विश्व कप के रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड से हारने के बाद मायूस न्यूज़ीलैंड के हरफनमौला जिम्मी नीशम ने बच्चों को सलाह दी, ‘खिलाड़ी मत बनना ’.
यह पहला विश्व कप फाइनल था जो सुपर ओवर तक खिंचा. सुपर ओवर में भी स्कोर बराबर रहने के बाद विजेता का फैसला दोनों टीमों द्वारा लगाए गए चौकों-छक्कों के आधार पर हुआ.’
Kids, don’t take up sport. Take up baking or something. Die at 60 really fat and happy.
— Jimmy Neesham (@JimmyNeesh) July 15, 2019
नीशम ने ट्वीट किया, ‘बच्चों, खिलाड़ी मत बनना. बेकर बन जाना या कुछ और. हट्टे कट्टे होकर 60 साल की उम्र में मर जाना.’
उन्होंने लिखा, ‘यह दुखद है. शायद अगले दशक में कोई दिन ऐसा आयेगा जब मैं इस आखिरी आधे घंटे के बारे में नहीं सोचूंगा. बधाई हो ईसीबी क्रिकेट.’ उन्होंने कहा, ‘सभी प्रशंसकों को धन्यवाद. हम माफी चाहते हैं कि कप नहीं जीत सके.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)