उत्तर प्रदेश: स्कूल में गिरे हाईटेंशन तार के करंट से 51 बच्चे घायल

बलरामपुर ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल में 51 बच्चे हाईटेंशन तार के करंट की चपेट में आ गए. लापरवाही बरतने के आरोप में बिजली विभाग के दो कर्मचारी निलंबित, जूनियर इंजीनियर के ख़िलाफ़ विभागीय जांच के आदेश.

बलरामपुर ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल में 51 बच्चे हाईटेंशन तार के करंट की चपेट में आ गए. लापरवाही बरतने के आरोप में बिजली विभाग के दो कर्मचारी निलंबित, जूनियर इंजीनियर के ख़िलाफ़ विभागीय जांच के आदेश.

Balrampur

बलरामपुरः उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के एक प्राइमरी स्कूल की इमारत पर हाईटेंशन तार गिरने से 51 बच्चे करंट की चपेट में आ गए. इन बच्चों को निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. इस मामले पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने लापरवाही बरतने के आरोप में बिजली विभाग के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है जबकि जूनियर इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं.

यह घटना सोमवार सुबह 10 बजे के राजधानी लखनऊ से करीब 160 किमी दूर बलरामपुर जिले में उस समय हुई, जब छात्र टाट पर बैठने के लिए अपने जूते उतार रहे थे.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक हाईटेंशन तार स्कूल में लगे पेड़ों से छूकर गुजर रहा था. सोमवार को बारिश की वजह से जमीन गीली थी इसलिए करंट पेड़ और आसपास की गीली जमीन पर उतर आया, जो बच्चे स्कूल की गीली जमीन पर खड़े थे वो बिजली का झटका लगने की वजह से बेहोश हो गए.

स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि 60 के करीब बच्चे चिल्लाते हुए नंगे पांव इधर-उधर भागने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भाग नहीं पाए और एक-एक करके बेहोश हो गए. शिक्षकों को कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने जूते पहन रखे थे.

स्कूल की एक अध्यापिका ऋचा सिंह ने बताया, ‘कुछ सेकेंड के लिए हम समझ ही नहीं पाए कि क्या हुआ. ज्यादातर बच्चे अपने जूते निकाल रहे थे इसलिए उनके नंगे पैर जमीन के सीधे संपर्क में आने के बाद उन्हें झटका लगा.’

उन्होंने बताया, ‘कुछ सेकेंड बाद समझ आया कि क्या हुआ है. किसी ने चिल्लाकर कहा कि हाईटेंशन तार से निकला करंट फैल गया है.’

इसके बाद तुरंत स्कूल ने बिजली लाइन काटने के लिए बिजलीघर फोन किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. 15 मिनट बाद किसी ने फोन उठाया और तब बिजली का कनेक्शन काटा गया.

घटना की जानकारी मिलने पर बच्चों के अभिभावक भी बच्चों को बचाने मौके पर पहुंचे और जिला प्रशासन की मदद से बच्चों को अस्पताल ले जाया गया.

जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश ने बताया, ’29 बच्चों का इलाज उतराला सामुदायिक अस्पताल में चल रहा है जबकि 22 बच्चों का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं.’

उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी चूक के लिए बिजली विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इलाके के एक लाइनमैन को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि बिजली लाइनों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एक अन्य कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है.

इसके साथ ही इलाके की जूनियन इंजीनियर प्रियदर्शी तिवारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया है. जिलाधिकारी करुणेश ने 48 घंटों के भीतर जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों के भवनों का निरीक्षण करने का भी निर्देश जारी किया है.

राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर बच्चों को हरसंभव मदद देनी की बात कही है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जनपद बलरामपुर के एक स्कूल में हाईटेंशन तार गिरने से कई बच्चों के गंभीर रूप से झुलसने की दुखद खबर प्राप्त हुई है. जिला प्रशासन जल्द से जल्द घायलों बच्चों को हरसंभव चिकित्सीय सहायता प्रदान करें. भगवान से दुर्घटना में घायल हुए बच्चों के शीघ्र स्वास्थ लाभ की प्रार्थना करता हूं.’

इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी को घायल स्कूली बच्चों की हरसंभव सहायता करने और उन्हें उपचार दिलाने के निर्देश दिए हैं.