विश्वकप क्रिकेट फाइनल में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड का मैच और सुपरओवर दोनों टाई हो गया था. तब आईआईसी ने नए नियमों के तहत पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके-छक्के की संख्या के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया. आईसीसी के इस फैसले की भी आलोचना हुई थी.
लंदन/मेलबर्न: पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टफेल और के. हरिहरन ने कहा है कि विश्व कप फाइनल के अंपायरों ने इंग्लैंड को ‘ओवरथ्रो’ के लिए पांच के बजाय छह रन देकर गलत फैसला किया. दोनों पूर्व अंपायरों के इस बयान पर इस पर आईसीसी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
यह घटना फाइनल मैच के अंतिम ओवर में हुई. अंतिम ओवर में इंग्लैंड को 15 रन चाहिए थे. आदिल राशिद और बेन स्टोक्स क्रीज पर थे. इस ओवर की चौथी गेंद पर दो रन लेने के दौरान दौरान न्यूजीलैंड के खिलाड़ी मार्टिन गुप्टिल के ओवरथ्रो पर गेंद स्टोक्स के बैट से लगकर सीमा रेखा के पार चली गई थी.
मालूम हो कि दोनों खिलाड़ियों के दो रन पूरा करने से पहले ही गेंद स्टोक्स के बल्ले से लगकर सीमा रेखा के पार चली गई थी. इस तरह मैदानी अंपायरों ने इस गेंद पर कुछ छह रन इंग्लैंड को दे दिए थे.
दोनों पूर्व अंपायरों ने इसी फैसले पर सवाल उठाया है.
दोनों पूर्व अंपायरों का कहना है कि टीवी रीप्ले से साफ लग रहा था कि आदिल राशिद और स्टोक्स ने तब दूसरा रन पूरा नहीं किया था, जब गुप्टिल ने थ्रो किया था. लेकिन मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना और मारियास इरासमुस ने इंग्लैंड के खाते में छह रन जोड़ दिए. चार रन बाउंड्री के तथा दो रन जो बल्लेबाजों ने दौड़कर लिए थे.
बता दें कि, श्रीलंका के कुमार धर्मसेना और दक्षिण अफ्रीका के मारियास इरासमुस मैदानी अंपायर थे.
आईसीसी के पांच बार के वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अंपायर चुने गए टफेल ने कहा, ‘यह साफ गलती थी. यह बहुत खराब फैसला था. उन्हें (इंग्लैंड) पांच रन दिए जाने चाहिए थे छह रन नहीं.’
Nowadays in cricket you need luck not skills to be world champion @icc #CWC19Final #CWC19 #NZvENG Watch “England lucky 4 overthrow” on #Vimeo https://t.co/nMaEij7XLe and 4(s) in super over ;
— Nishant Rana (@nishantranaCRM) July 14, 2019
पूर्व भारतीय अंपायर के. हरिहरन ने टफेल की बात से सहमति जताते हुए कहा, ‘कुमार धर्मसेना ने न्यूजीलैंड के विश्व कप के सपने को तोड़ दिया. यह छह नहीं पांच रन होने चाहिए थे.’
उधर, आईसीसी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उसके प्रवक्ता ने कहा, ‘अंपायर नियमों को ध्यान में रखकर मैदान पर फैसले करते हैं और नीतिगत मामलों में हम किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.’
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व अंपायर टफेल अब एमसीसी की नियम बनाने वाली उप-समिति का हिस्सा हैं.
मालूम हो कि इससे पहले कई खिलाड़ियों ने विश्वकप फाइनल में बाउंड्री गिनने के आईसीसी के नियम की आलोचना की थी, जिसके आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया था. मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने चौके-छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ करार दिया था.
इंग्लैंड ने मैच में 22 चौके और दो छक्के लगाए थे, जबकि न्यूज़ीलैंड ने 16 चौके लगाए थे.
आईसीसी के एक नए नियम के अनुसार, अगर किसी टाई मैच का नतीजा अगर सुपरओवर में भी नहीं निकल सके और सुपरओवर में भी मैच टाई हो जाए तो ऐसी सूरत में मैच का नतीजा पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके- छक्के की संख्या के आधार पर तय की जाएगी.
आईसीसी के इस नियम की पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर, युवराज सिंह, न्यूज़ीलैंड के पूर्व हरफनमौला स्कॉट स्टायरिस और डियोन नैश ने कहा, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस, भारत के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा आदि ने सवाल उठाए थे.
न्यूजीलैंड के कोच ने विश्वकप नियमों की समीक्षा की मांग की
न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड ने आईसीसी विश्व कप नियमों की समीक्षा की मांग करते हुए कहा कि वह अजीबोगरीब तरीके से विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड से मिली हार के बाद ‘काफी खोखला’ महसूस कर रहे हैं.
निर्धारित ओवरों और सुपर ओवर के बाद भी स्कोर बराबर रहने के बाद चौकों छक्कों की संख्या के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया.
स्टीड ने पत्रकारों से कहा, ‘काफी खोखला महसूस कर रहा हूं क्योंकि 100 ओवर के बाद स्कोर बराबर रहने के बाद भी आप हार गए. लेकिन यह खेल की तकनीकी पेचीदगी है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि जब नियम लिखे जा रहे होंगे तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि विश्व कप फाइनल ऐसा भी हो सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘इसकी जरूर समीक्षा होगी और वे कई तरीके तलाशेंगे.’
कोच ने इस बात को खारिज किया कि बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर गए ओवरथ्रो पर इंग्लैंड को अतिरिक्त रन दिया गया. पूर्व अंपायर साइमन टफेल ने कहा था कि बल्लेबाजों को पांच रन ही दिये जाने चाहिये थे.
स्टीड ने कहा, ‘मुझे इस बारे में नहीं पता लेकिन अंपायर आखिर में फैसले लेने के लिए ही हैं. वे भी खिलाड़ियों की तरह इंसान हैं और कई बार गलती हो जाती है. यह खेल का मानवीय पहलू है.’
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने कहा, फाइनल कोई नहीं हारा
इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल में नाटकीय तरीके से मिली हार से उबरने की कोशिश में जुटे न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने मंगलवार को कहा कि ‘फाइनल कोई नहीं हारा है.’
पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों ने न्यूजीलैंड से सहानुभूति जताई है. निर्धारित समय और सुपर ओवर में स्कोर बराबर रहने के बाद चौकों-छक्कों की संख्या के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया. इसके बाद से क्रिकेट जगत ‘हास्यास्पद’ नियमों की समीक्षा की मांग कर रहा है .
विलियमसन ने न्यूजटॉक जेडबी से कहा, ‘आखिर में कोई भी फाइनल नहीं हारा लेकिन खिताब तो एक टीम को देना ही था.’
हार को गरिमा के साथ स्वीकार करने के लिए हर तरफ विलियमसन और उनकी टीम की तारीफ हो रही है. उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट के नियमों का सभी को पहले से पता था.
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में विलियमसन ने इस नियम के बारे में पूछे जाने पर कहा था, ‘आप कभी सोच नहीं सकते कि ऐसे सवाल भी पूछे जायेंगे. मैने भी कभी नहीं सोचा था कि ऐसे सवाल का जवाब दूंगा.’
उन्होंने कहा, ‘यह स्वीकार करना मुश्किल है क्योंकि दोनों टीमों ने इस पल के लिए काफी मेहनत की थी.’ उन्होंने कहा, ‘दो प्रयासों के बाद भी विजेता का निर्धारण नहीं हो सका. इसके बाद जिस तरह से हुआ , कोई भी टीम ऐसा नहीं चाहेगी.’
एक सच्चे खिलाड़ी की तरह उन्होंने आईसीसी के इस नियम पर कोई सवाल उठाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘नियम है तो है और टूर्नामेंट की शुरूआत से है. किसी ने सोचा नहीं होगा कि इस तरह का मैच होगा. यह शानदार मैच था और सभी ने इसका मजा लिया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)