बांग्लादेश में तस्करी की जा रहीं इन गायों को बीएसएफ ने ज़ब्त किया था. गोशाला की प्रभारी जोशीन एंटनी ने कहा कि गोशाला में कम से कम 700 गाय हैं. हम गायों की जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से हमें कोई सहायता नहीं मिली है.
अगरतला: बांग्लादेश में तस्करी की जा रहीं कम से कम 45 जिन गायों को बीएसएफ ने जब्त किया था, उन सभी की मौत एक एनजीओ की गोशाला में देखरेख की कमी से हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
सिपाहीजाला जिले में देवीपुर की गोशाला क प्रभारी ने बताया कि गायों की मौत ‘हाइपरथर्मिया’ की वजह से हो गई क्योंकि जगह की कमी से उन्हें खुले में रखा गया था और पिछले छह दिन से बारिश हो रही थी.
अधिकारियों ने बताया कि गायों की मौत रविवार से अब तक तीन दिन के बीच में हुई है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 14 मई से अब तक सिपाहीजाला जिले की गोशाला में 159 गायों की मौत हो चुकी है.
गोशाला की प्रभारी जोशीन एंटनी ने बताया कि गोशाला में कम से कम 700 गाय हैं. उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिन में ‘गोशाला’ में 45 गायों की मौत हुई है क्योंकि वह खुले में थीं और बारिश में भीग रही थीं.
इस गोशाला का निर्माण पिछले साल 14 मई को दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन ने किया था, जिसका समझौता त्रिपुरा सरकार के साथ हुआ था. इस समझौते के तहत बीएसएफ द्वारा मवेशी तस्करों से बचाए गए मवेशियों को यहां रखना तय था.
एंटनी ने बताया, ‘पिछले छह दिनों से लगातार बारिश हो रही है और 45 गाएं लगातार भीग रही हैं. इनकी मौत हाइपरथर्मिया की वजह से हो गई.’
उन्होंने बताया कि रविवार और सोमवार को 40 गायों के मरने के बाद राज्य के पशु चिकित्सकों ने गोशाला का निरीक्षण किया और पेशाब और खून के नमूने जमा किए.
एंटनी ने कहा, ‘पिछले तीन महीने में बीएसएफ ने सीमा चौकियों पर जो मवेशी जब्त किए, उन्हें यहां भेज दिया गया. यह एक आपात स्थिति थी क्योंकि सीमा चौकियों पर मवेशियों की मौतें हो रही है और बीएसएफ उनका ध्यान रखने में असमर्थ है.’
उन्होंने दावा किया, ‘हम गायों की जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से हमें कोई सहायता नहीं मिली है.’
वहीं, संपर्क करने पर राज्य के पशु संसाधन विकास विभाग के निदेशक डॉक्टर दिलीप कुमार चकमा ने बताया कि एनजीओ ने पिछले दो-तीन महीने से काम शुरू किया है.
उन्होंने कहा कि विभाग ने उन्हें अस्थायी इस्तेमाल के लिए चार एकड़ जमीन भी दी और उन्हें पता चला है कि कुछ मवेशियों की मौत भूखे रहने की वजह से हो गई. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में राज्य में सिर्फ एक गोशाला है.