एमएम कलबुर्गी पर गोली चलाने वाले को उनकी पत्नी ने पहचाना

अगस्त 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में कन्नड़ लेखक और तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की उनके घर के दरवाज़े पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है कि पुलिस की शिनाख़्त परेड में उनकी पत्नी ने सनातन संस्था से जुड़े एक आरोपी को पहचान लिया है.

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एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)

अगस्त 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में कन्नड़ लेखक और तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की उनके घर के दरवाज़े पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है कि पुलिस की शिनाख़्त परेड में उनकी पत्नी ने सनातन संस्था से जुड़े एक आरोपी को पहचान लिया है.

एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)
एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)

कन्नड़ लेखक और तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की पत्नी उमादेवी कलबुर्गी ने उन पर गोली चलने वाले व्यक्ति को पुलिस की शिनाख्त परेड में पहचान लिया है. 30 अगस्त 2015 को कलबुर्गी की उनके घर के दरवाजे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि बुधवार को पुलिस द्वारा करवाई जाने वाली शिनाख्त कार्रवाई में उमादेवी ने जिस व्यक्ति को पहचाना है वह गणेश मिस्किन (27) हैं.

कर्नाटक  पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा हिंदुत्ववादी समूह सनातन संस्था से जुड़े मिस्किन को पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में पकड़ा गया था.

कलबुर्गी के बेटे श्रीविजय कलबुर्गी ने बताया कि उनकी मां ने अपराधी को पहचान लिया था, लेकिन उन्हें उसकी पहचान नहीं बताई गई है. वहीं कर्नाटक पुलिस के सूत्रों का कहना हैं कि उमादेवी द्वारा पहचाना गया शख्स गणेश मिस्किन है.

राज्य के हुबली से आने वाले मिस्किन को बीते साल गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. नवंबर 2018 में एसआईटी की चार्जशीट में कहा गया था कि लंकेश की हत्या करना के लिए शूटर परशुराम वाघमोरे को उनके घर तक जिस मोटर साइकिल पर ले जाया गया, उसे मिस्किन ही चला रहा था.

लंकेश की हत्या के मामले की जांच में मिले सूत्रों के आधार पर 2018 में ही उसे कर्नाटक सीआईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया. इस साल मार्च में उमादेवी की याचिका पर गौरी लंकेश मामले को देख रही एसआईटी को ही कलबुर्गी हत्या की जांच का ज़िम्मा भी सौंप दिया गया.

उमादेवी की याचिका में दर्ज  एक बिंदु यह भी था कि लंकेश की हत्या मामले में हो रही जांच में सामने आया था कि उनके पति को भी वैसी ही बंदूक से मारा गया था, जिससे गौरी को मारा गया. इसके बाद मई में यह मामला एसआईटी के पास पहुंचा और उसने बताया कि मिस्किन के अलावा प्रवीण प्रकाश चतुर कथित तौर पर कलबुर्गी हत्या में शामिल था.

30 अगस्त 2015 की सुबह कलबुर्गी के घर दो लोग मोटरसाइकिल से पहुंचे थे, जिनमें से एक ने दरवाजा खटखटाया जबकि एक गेट पर मोटर साइकिल लेकर खड़ा रहा. उमा देवी के दरवाजा खोलने पर इस व्यक्ति ने कलबुर्गी के बारे में पूछा. उनके दरवाजे पर आते ही इस व्यक्ति ने उन पर गोली चलाई और भाग निकला.

पुलिस के सूत्रों के अनुसार बुधवार की शिनाख्त के बाद माना जा रहा है कि मिस्किन ही वह व्यक्ति है, जिसने कलबुर्गी को गोली मारी. इससे पहले अन्य गवाहों ने बताया था कि हत्या के रोज़ चतुर को मोटरसाइकिल चलते हुए देखा गया था.

बता दें कि सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति पर एमएम कलबुर्गी, गौरी लंकेश, नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्याओं में शामिल होने का आरोप है.

बीते दिनों एसआईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि तर्कवादी एमएम कलबुर्गी हत्या से पहले उनके हत्यारों के लिए कथित तौर पर ‘ट्रेनिंग कैंप’ यानी कि प्रशिक्षण शिविर लगाए गए थे.