विश्वकप क्रिकेट फाइनल के आखिरी ओवर में फेंके गए ओवरथ्रो पर अंपायर कुमार धर्मसेना ने छह रन दिया था. इस फैसले को पूर्व अंपायर साइमन टफेल समेत कई विशेषज्ञों ने गलत बताया था.
नई दिल्ली: क्रिकेट विश्वकप फाइनल के अंतिम ओवर में फेंके गए ओवरथ्रो पर इंग्लैंड की टीम को छह रन देने वाले अंपायर ने अपनी गलती मानी है और कहा है कि उन्हें एक रन कम देना चाहिए था.
यह घटना फाइनल मैच के अंतिम ओवर में हुई. अंतिम ओवर में इंग्लैंड को 15 रन चाहिए थे. आदिल राशिद और बेन स्टोक्स क्रीज पर थे. इस ओवर की चौथी गेंद पर दो रन लेने के दौरान दौरान न्यूजीलैंड के खिलाड़ी मार्टिन गुप्टिल के ओवरथ्रो पर गेंद स्टोक्स के बैट से लगकर सीमा रेखा के पार चली गई थी.
मालूम हो कि दोनों खिलाड़ियों के दो रन पूरा करने से पहले ही गेंद स्टोक्स के बल्ले से लगकर सीमा रेखा के पार चली गई थी. इस तरह मैदानी अंपायर श्रीलंका के कुमार धर्मसेना ने इस गेंद पर कुल छह रन इंग्लैंड को दे दिए थे.
इसके तीन बॉल बाद 50 ओवर पूरे होने पर मुकाबला टाई हो गया था क्योंकि न्यूजीलैंड के 241-8 स्कोर के जवाब में इंग्लैंड ने 241 रन बना लिए थे.
यही कारण था कि क्रिकेट विश्वकप का फाइनल मुकाबला सुपर ओवर में चला गया था. हालांकि, सुपर ओवर भी टाई होने के बाद पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके- छक्के की संख्या के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया था.
बता दें कि, श्रीलंका के कुमार धर्मसेना और दक्षिण अफ्रीका के मारियास इरासमुस मैदानी अंपायर थे.
श्रीलंका के द संडे टाइम्स के अनुसार, पूर्व श्रीलंकाई टेस्ट खिलाड़ी धर्मसेना ने कहा कि उनके पास टीवी रिप्ले देखने का सुविधा नहीं था जिसमें दिखाया गया कि बल्लेबाज एक-दूसरे को पार नहीं कर पाए थे.
उन्होंने बताया, ‘अब टीवी रिप्ले देखने के बाद मैं सहमत हूं कि फैसला करने में गलती हुई थी. लेकिन मैदान पर हमारे पास टीवी रिप्ले देखने की सुविधा नहीं होती है और मैंने जो फैसला किया उस पर मुझे कोई पछतावा नहीं है.’
धर्मसेना ने कहा कि उन्होंने मैच के अन्य अधिकारियों से सलाह करने बाद ही छह रन दिया था. उन्होंने कहा, ‘मैंने कम्यूनिकेशन सिस्टम के माध्यम से लेग अंपायर (मारियास इरासमुस) से सलाह करने के बाद यह फैसला दिया था जिसे अन्य सभी अंपायर और मैच रेफरी सुनते रहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब वे टीवी रिप्ले चेक नहीं कर पाए तब उन्होंने बल्लेबाज द्वारा दूसरा रन पूरा करने की पुष्टि की. इसके बाद मैंने अपना फैसला किया.’
Nowadays in cricket you need luck not skills to be world champion @icc #CWC19Final #CWC19 #NZvENG Watch “England lucky 4 overthrow” on #Vimeo https://t.co/nMaEij7XLe and 4(s) in super over ;
— Nishant Rana (@nishantranaCRM) July 14, 2019
बता दें कि, इस पूरे विवाद पर आईसीसी के पांच बार के वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अंपायर चुने गए ऑस्ट्रेलिया के साइमन टफेल ने कहा था कि विश्व कप फाइनल के अंपायरों ने इंग्लैंड को ‘ओवरथ्रो’ के लिए पांच के बजाय छह रन देकर गलत फैसला किया.
उनका कहना था कि टीवी रीप्ले से साफ लग रहा था कि आदिल राशिद और स्टोक्स ने तब दूसरा रन पूरा नहीं किया था, जब गुप्टिल ने थ्रो किया था. लेकिन मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना और मारियास इरासमुस ने इंग्लैंड के खाते में छह रन जोड़ दिए. चार रन बाउंड्री के तथा दो रन जो बल्लेबाजों ने दौड़कर लिए थे.
टफेल ने कहा था, ‘यह साफ गलती थी. यह बहुत खराब फैसला था. उन्हें (इंग्लैंड) पांच रन दिए जाने चाहिए थे छह रन नहीं.’
वहीं, पूर्व भारतीय अंपायर के. हरिहरन ने टफेल की बात से सहमति जताते हुए कहा था, ‘कुमार धर्मसेना ने न्यूजीलैंड के विश्व कप के सपने को तोड़ दिया. यह छह नहीं पांच रन होने चाहिए थे.’
हालांकि, आईसीसी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. उसके प्रवक्ता ने कहा था, ‘अंपायर नियमों को ध्यान में रखकर मैदान पर फैसले करते हैं और नीतिगत मामलों में हम किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.’
हालांकि, टफेल ने मैच के अंपायरों का बचाव करते हुए कहा था कि अंपायरों को उलझे हुए फैसले करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा था, ‘यह कहना गलत होगा कि इस फैसले ने मैच के नतीजे में बदलाव किया क्योंकि यह समझ पाना नामुमकिन है कि पांच रन दिए जाने के बाद आखिरी बॉलों पर क्यो होता.’
इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा, इस तरह के नतीजे उचित नहीं
इंग्लैंड के पहले विश्व कप खिताब जीतने के एक हफ्ते बाद भी कप्तान इयोन मोर्गन इस जीत से जुड़े सवालों से जूझ रहे हैं और उनका मानना है कि इस तरह का नतीजा उचित नहीं था.
मेजबान इंग्लैंड ने 50 ओवर का मैच और फिर सुपर ओवर भी टाई रहने के बाद लार्ड्स के मैदान पर अधिक बाउंड्री लगाने के कारण न्यूजीलैंड को पछाड़कर विश्व कप जीता.
‘द टाइम्स’ ने मोर्गन के हवाले से कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इसे जीतने से स्थिति आसान हुई है. जब दोनों टीमों के बीच बेहद कम अंतर था तब मुझे नहीं लगता कि इस तरह का नतीजा उचित है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई एक लम्हा था जब आप कह सको कि इसके कारण असल में मैच गंवाया. यह काफी संतुलित था.’
माना जा रहा था कि विजेता टीम का हिस्सा होना पर्याप्त होगा लेकिन जीत के तरीके से मोर्गन परेशान महसूस कर रहे हैं लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि अगर वह हारने वाली टीम का हिस्सा होते तो स्थिति और बदतर होती.
उन्होंने कहा, ‘थोड़ा-बहुत (परेशान हूं) क्योंकि ऐसा कोई निर्णायक लम्हा नहीं था कि हम कह सके कि हां, हम इसके हकदार थे. यह अजीब है. बेशक, हारने पर हालात और अधिक मुश्किल होते.’
मैच में हालांकि एक टर्निंग प्वाइंट रहा जब इंग्लैंड की पारी के अंतिम ओवर में मार्टिन गुप्टिल की थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर सीमा रेखा को पार कर गई और मेजबान टीम को छह रन दिए गए. बाद में नियमों के विश्लेषण से सुझाव मिला कि इंग्लैंड को पांच रन दिए जाने चाहिए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)