कर्नाटक: कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिरी, कुमारस्वामी विश्वास मत हासिल करने में विफल

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 99 विधायकों ने विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है, जबकि 105 सदस्यों ने इसके ख़िलाफ़ मत दिया है. संभावित हंगामे को देखते हुए बेंगलुरु में धारा 144 लागू.

कर्नाटक विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी. (फोटो: पीटीआई)

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 99 विधायकों ने विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है, जबकि 105 सदस्यों ने इसके ख़िलाफ़ मत दिया है. संभावित हंगामे को देखते हुए बेंगलुरु में धारा 144 लागू.

कर्नाटक विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी. (फोटो: पीटीआई)
कर्नाटक विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी. (फोटो: पीटीआई)

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में विफल रही और सिर्फ छह मतों से सरकार गिर गई. इसी के साथ राज्य में करीब तीन हफ्ते से चल रहे राजनीतिक ड्रामे का अंत हो गया.

मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को संख्या बल नहीं मिला और उन्होंने विश्वास मत प्रस्ताव पर चार दिन की चर्चा के खत्म होने के बाद हार का सामना किया. विधानसभा में पिछले बृहस्पतिवार को उन्होंने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था.

विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने ऐलान किया कि 99 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया है. इस प्रकार यह प्रस्ताव गिर गया.

मालूम हो कि कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए आवश्यक सदस्य संख्या 113 है. 15 विधायकों के इस्तीफा स्वीकार हो जाने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन की सदस्य संख्या 102 हो जाती. वहीं 224 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 105 विधायक हैं.

इसलिए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 15 विधायकों के इस्तीफा दे देने के बाद राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में विश्वास मत साबित करना पड़ा.

मालूम हो कि कांग्रेस-जेडीएस गठगबंधन सरकार ने राज्य में महज 14 महीने का कार्यकाल ही पूरा किया था.

कांग्रेस नेता एचके पाटिल ने कहा, ‘कांग्रेस जेडीएस गठबंधन विश्वास मत हासिल करने में असफल रहा. यह हार विधायकों के विश्वासघात की वजह से मिली. हम बहुत सारी चीजों के प्रभाव में आ चुके थे. कर्नाटक के लोग इस तरह के विश्वासघात को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

इस बीच एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलने की अनुमति मांगी.

भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘यह लोकतंत्र की जीत है. लोग कुमारस्वामी सरकार से थक गए थे. मैं कर्नाटक के लोगों को इस बात के लिए आश्वस्त करना चाहता हूं कि विकास का एक नया युग शुरू होगा.’

उन्होंने कहा, ‘हम आश्वस्त करते हैं कि आने वाले दिनों में हम किसानों को ज्यादा महत्व देंगे. इस संदर्भ में हम जल्द ही उचित फैसला लेंगे.’

भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया है. इस्तीफा स्वीकार करने के बाद उन्हें यह निर्णय करना है कि वे भाजपा में शामिल हों या नहीं. वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभी हमारे 105 विधायक हैं. यह भाजपा के लिए बहुमत है, हम एक स्थायी सरकार बनाएंगे.’

कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता आमने-सामने, बेंगलुरु में निषेधाज्ञा

कर्नाटक में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों की कथित मौजूदगी और उनके भाजपा से जुड़ने की खबरों के बाद बेंगलुरु के एक अपार्टमेंट में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के पहुंचने पर निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी.

राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पुलिस ने शहर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है और मंगलवार की शाम छह बजे से बृहस्पतिवार की सुबह छह बजे तक शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है.

दो निर्दलीय विधायकों आर. शंकर और एच. नागेश ने जुलाई की शुरुआत में सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.

उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा की वजह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश की. वहां पुलिस के पहुंचने के बाद पार्षद पद्मनाभ रेड्डी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गये।

पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘इस बात की पूरी संभावना है कि विरोध, प्रदर्शन और रैलियां होंगी, जिससे राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हो सकती हैं.’

उन्होंने कहा कि इस बात की भी आशंका है कि असमाजिक तत्व शराब पीकर माहौल को खराब कर सकते है. उन्होंने कहा कि मंगलवार की शाम से बृहस्पतिवार की सुबह तक शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)