पीठासीन सभापति रमा देवी पर आज़म ख़ान की टिप्पणी पर विभिन्न दलों ने कार्रवाई की मांग की

भाजपा नेता रमा देवी ने कहा कि आज़म ख़ान ने कभी महिलाओं का आदर नहीं किया. उन्हें हर हाल में माफी मांगनी चाहिए. लोकसभा में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा सहित विभिन्न दलों ने पीठासीन सभापति रमा देवी के बारे में सपा नेता आज़म ख़ान की टिप्पणी की निंदा की है.

Moradabad: Samajwadi Party leader Azam Khan addresses an election rally for Lok Sabha elections, in Moradabad, Friday, April 19, 2019. (PTI Photo) (PTI4_19_2019_000118B)
Moradabad: Samajwadi Party leader Azam Khan addresses an election rally for Lok Sabha elections, in Moradabad, Friday, April 19, 2019. (PTI Photo) (PTI4_19_2019_000118B)

भाजपा नेता रमा देवी ने कहा कि आज़म ख़ान ने कभी महिलाओं का आदर नहीं किया. उन्हें हर हाल में माफी मांगनी चाहिए. लोकसभा में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा सहित विभिन्न दलों ने पीठासीन सभापति रमा देवी के बारे में सपा नेता आज़म ख़ान की टिप्पणी की निंदा की है.

Moradabad: Samajwadi Party leader Azam Khan addresses an election rally for Lok Sabha elections, in Moradabad, Friday, April 19, 2019. (PTI Photo) (PTI4_19_2019_000118B)
सपा नेता आज़म ख़ान. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: लोकसभा में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा सहित सभी दलों ने बीते गुरुवार को पीठासीन सभापति रमा देवी के बारे में आज़म ख़ान की टिप्पणी की कड़ी निंदा की और स्पीकर से इस मामले में कठोर कार्रवाई करने की मांग की.

इस मामले पर शून्यकाल में निचले सदन में विभिन्न दलों की महिला सांसदों समेत अन्य नेताओं ने अपनी बात रखी.

महिला सांसदों ने स्पीकर से ऐसी कार्रवाई करने की मांग की जो उदाहरण बन सके. विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि या तो आज़म ख़ान इसके लिए माफी मांगें या उन्हें निलंबित कर दिया जाए.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विभिन्न दलों के नेताओं एवं सदस्यों की बात सुनने के बाद कहा कि वह सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर इस बारे में कोई निर्णय करेंगे.

शुक्रवार को भाजपा नेता रमा देवी ने कहा, ‘उन्होंने (आज़म ख़ान) कभी महिलाओं का आदर नहीं किया. हम सब जानते हैं कि उन्होंने जया प्रदा के बारे में क्या कहा था. उन्हें लोकसभा में रहने का अधिकार नहीं. मैं लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह करूंगी कि वह उन्हें निलंबित करें. आज़म ख़ान को माफी मांगनी चाहिए.’

लोकसभा सदस्य आज़म ख़ान के आचरण पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह पुरुषों समेत सभी सांसदों पर धब्बा है. इस घटना से पूरा सदन शर्मसार हुआ है. अगर ऐसी घटना सदन के बाहर होती तो पुलिस से संरक्षण मांगा जाता.

उन्होंने कहा कि आप ऐसा कुछ करके बचकर नहीं जा सकते. यह सिर्फ महिला का सवाल नहीं है. आप (स्पीकर) ऐसी कार्रवाई करें कि दोबारा ऐसी बात कहने की कोई हिम्मत न कर सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गुरुवार को जो घटना हुई वह अत्यंत निंदनीय है. कोई महिला बड़ी कठिनाई से ऐसे पद तक पहुंचती है और उसे ऐसा अपमान सहना पड़े यह ठीक नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमें राजनीतिक सरोकारों से परे हटकर और एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए और सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

राकांपा की सुप्रिया सुले ने कहा कि गुरुवार की घटना के बाद सिर शर्म से झुक गया है. अगर इस पर सही कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आप (स्पीकर) कार्रवाई करें, सख्त से सख्त कार्रवाई करें.

तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह ऐसी घटना है जो निंदनीय है. महिला के प्रति चाहे शब्द से या कृत्य से किसी तरह का असम्मान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

उन्होंने कहा, ‘14 वर्ष वनवास के दौरान लक्ष्मणजी ने सीताजी का मुंह नहीं देखा. गुरुवार जो बात कही गई (आज़म ख़ान द्वारा) उससे महिलाओं की भावना आहत हुई है. जो हुआ वह अच्छा नहीं था. इस पर कार्रवाई हो.’

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी इस घटना को गलत बताया और कहा कि इस बारे में संसद की आचार समिति या विशेषाधिकार हनन समिति है, वह चर्चा करें.

द्रमुक की कनिमोझी ने कहा कि चाहे हम इधर बैठे हों या उधर बैठे हों… लेकिन गुरुवार को जो घटना घटी उससे सदन का अपमान हुआ है.

उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग की.

बीजद के भतृहरि माहताब ने कहा कि सदन में स्पीकर को पूरी शक्ति दी गई है. आप चाहे तो विभिन्न दलों के नेताओं से चर्चा कर सकते हैं. यह घटना माफ करने योग्य नहीं है. आपने सदस्य से (आज़म ख़ान) से बार-बार खेद प्रकट करने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई हो.

गौरतलब है कि लोकसभा में तीन तलाक पर रोक लगाने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान बृहस्पतिवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब पीठासीन सभापति रमा देवी को लेकर समाजवादी पार्टी नेता आज़म ख़ान की एक टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों ने जोरदार विरोध जताया और उनसे माफी की मांग की थी.

आज़म ख़ान जब ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019’ पर सदन में हो रही चर्चा में भाग ले रहे थे तो पीठासीन सभापति रमा देवी ने उनसे आसन की ओर देखकर बोलने को कहा.

इस पर ख़ान ने कुछ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी की जिस पर भाजपा के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया.

पीठासीन सभापति रमा देवी भी कहते सुनी गयीं कि यह बोलना ठीक नहीं है और इसे रिकॉर्ड से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने इसके लिए आज़म ख़ान से माफी मांगने को भी कहा.

आज़म खान ने कहा कि उनका इरादा अनादर करने का नहीं था, क्योंकि आप मेरी प्यारी बहन जैसी हैं.

उस समय भाजपा के सदस्य माफी पर अड़े रहे और टीका-टिप्पणी जारी रही. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, वन और पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो तथा गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने आसन से मांग की थी कि सपा सदस्य आज़म ख़ान को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने का निर्देश दिया जाना चाहिए.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि सपा नेता आज़म ख़ान को संसद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वह आज़म की अपमानजनक और यौन विभेदकारी टिप्पणी की निंदा करती हैं. उन्हें संसद के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)