केरल: युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दलित विधायक के धरना स्थल का गोबर से ‘शुद्धिकरण’ किया

धरना देने वाली भाकपा की विधायक गीता गोपी ने कहा कि अनुसूचित जाति की एक महिला के विधायक बनने के बाद ये लोग जाति के आधार पर मेरा अपमान कर रहे हैं. इसके साथ ही यह केरल का भी अपमान है, जिसे अक्सर पूरी तरह से शिक्षित राज्य कहा जाता है.

दलित भाकपा विधायिका के धरना स्थल पर गोबर के लेप से 'शुद्दिकरण' करते यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो साभार: एएनआई)

धरना देने वाली भाकपा की विधायक गीता गोपी ने कहा कि अनुसूचित जाति की एक महिला के विधायक बनने के बाद ये लोग जाति के आधार पर मेरा अपमान कर रहे हैं. इसके साथ ही यह केरल का भी अपमान है, जिसे अक्सर पूरी तरह से शिक्षित राज्य कहा जाता है.

दलित भाकपा विधायिका के धरना स्थल पर गोबर के लेप से 'शुद्दिकरण' करते यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो साभार: एएनआई)
दलित भाकपा विधायिका के धरना स्थल पर गोबर मिश्रित पानी से ‘शुद्दिकरण’ करते यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो साभार: एएनआई)

त्रिशूर (केरल): केरल में भाकपा की दलित विधायक के धरने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा कथित प्रतीकात्मक ‘शुद्धिकरण कार्यक्रम’ पर विवाद खड़ा हो गया है. विधायक ने इसे जातिवादी करार देते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

राज्य के मंत्रियों ने भी युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की निंदा की और कहा कि ऐसे कृत्य स्वीकार नहीं किये जा सकते हैं.

त्रिशूर के समीप चेरप्पू में शनिवार को नत्तिका की विधायक गीता गोपी इलाके में सड़क की ‘खराब दशा’ के विरुद्ध लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी थीं.

उनके विरोध में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला और आरोप लगाया कि धरना लोगों को ‘बेवकूफ’ बनाने की हरकत है. जहां पर गीता धरने पर बैठी थीं, वहां युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रतीकात्मक शुद्धिकरण के तौर पर गाय के गोबर मिश्रित पानी का छिड़काव भी किया.

विधायक ने आरोप लगाया कि यह कार्यक्रम जातिवादी था और उन्होंने रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

वहीं, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष डीन कुरियाकोस ने कहा, ‘मैंने पहले ही उस जिले के राज्य महासचिव प्रभावी को उन लोगों को नोटिस देने और उनसे स्पष्टीकरण मांगने के लिए कह दिया है. अगर अनुसूचित जाति/जनजाति भेदभाव से संबंधित कुछ भी हुआ होगा तो मैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करुंगा.’

द न्यूज मिनट के अनुसार, अपनी शिकायत में गीता गोपी ने कहा, ‘अनुसूचित जाति की एक महिला के विधायक बनने के बाद ये लोग जाति के आधार पर मेरा अपमान कर रहे हैं. इसके साथ ही यह केरल का भी अपमान है जिसे अक्सर पूरी तरह से शिक्षित राज्य कहा जाता है.’

केरल के संस्कृति मंत्री एके बलान ने कहा, ‘ऐसी हरकतें आम तौर पर उत्तरी भारत में देखने को मिलती है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.’ स्वास्थ्य मंत्री केके श्यालजा ने भी इस घटना की निंदा की.

चेरप्पू पुलिस ने विधायक की शिकायत पर रविवार को एक मुकदमा दर्ज किया लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है.

यह मुकदमा आईपीसी की धारा 143 (गैरकानूनी सभा), 147 (दंगा), 149 (गैरकानूनी असेंबली के प्रत्येक सदस्य को एक ही जुर्म के अभियोजन में अपराध का दोषी माना जाता है) और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1) (यू) के तहत दर्ज किया गया है.

इससे एक दिन पहले स्थानीय लोगों ने सड़क की मरम्मत का काम तत्काल शुरू कराने की मांग करते हुए विधायक का रास्ता रोक दिया था. इसके बाद ही गीता गोपी ने पीडब्ल्यूडी से काम जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करते हुए धरना दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)