भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती उत्तर प्रदेश की रायबरेली जेल बंद अपने चाचा से मिलने के लिए रविवार को गई हुई थीं. इस दौरान एक ट्रक ने उनकी कार में टक्कर मार दी थी. हादसे में युवती की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि युवती और उनके वकील गंभीर रूप से घायल हैं.
लखनऊ/रायबरेली/उन्नाव: भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती रविवार को एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गईं. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए इस हादसे में पीड़िता की दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी.
इस मामले में सोमवार को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 नामजद तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.
रायबरेली के गुरुबक्सगंज थाने में पीड़िता के चाचा महेश सिंह की तहरीर पर भाजपा विधायक सेंगर और उनके भाई मनोज सेंगर के साथ-साथ विनोद मिश्र, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेन्द्र और रिंकू के खिलाफ नामजद तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.
तहरीर में आरोप लगाया गया है कि उन्नाव से भाजपा विधायक सेंगर खुद पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराने वाली उन्नाव के माखी क्षेत्र की निवासी युवती के परिजन को जेल से अपने साथियों के जरिये फोन पर बात करके मुकदमा वापस लेने की धमकी देते थे.
महेश ने आरोप लगाया है कि उन्हें पक्का यकीन है कि रायबरेली में लड़की और उसके परिजन की कार में हत्या की नीयत से ट्रक को टकराया गया.
गौरतलब है कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती, उनकी चाची और मौसी अपने वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा महेश सिंह से रविवार को मुलाकात करने जा रही थी.
रास्ते में रायबरेली के गुरुबख्शगंज क्षेत्र में उनकी कार और एक ट्रक के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर हो गई थी.
इस हादसे में युवती की मौसी ने स्थानीय अस्पताल में दम तोड़ दिया था. वहीं, हादसे में घायल कार उनकी चाची को लखनऊ स्थित एक ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था.
इस घटना में घायल युवती का केस लड़ रहे वकील महेंद्र सिंह की हालत बेहद नाजुक है और वह ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर पर हैं. वहीं, विधायक सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती खुद भी गंभीर रूप से घायल हुई हैं.
सूत्रों ने बताया कि इस घटना में घायल वकील महेंद्र सिंह की हालत बेहद नाजुक है और वह ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर पर हैं. वहीं, विधायक सेंगर पर आरोप लगाने वाली लड़की भी घायल हुई है लेकिन उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जाती है.
रविवार को उन्नाव के पुलिस अधीक्षक एमके वर्मा ने बताया था, ‘जिस समय हादसा हुआ उस समय पीड़िता को मुहैया कराए गए सुरक्षा गार्ड उनके साथ नहीं थे. मामले की जांच जारी है. जांच खत्म होने के बाद कार्रवाई की जाएगी.’
इसके अलावा जिस ट्रक से कार की टक्कर हुई उसके दोनों तरफ के नंबर प्लेट पर ग्रीस पोता गया था, ताकि किसी को नंबर न दिख सके.
इन परिस्थितियों को देखते हुए इस सड़क हादसे पर सवाल उठ रहे थे.
मालूम हो कि इस बलात्कार मामले में उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं. उन्हें पिछले साल 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वह और उनके भाई अतुल सेंगर जेल में बंद हैं. युवती का आरोप है कि साल 2017 में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उनका अपहरण कर उनके साथ बलात्कार किया था.
पिछले साल उन्नाव बलात्कार मामला राष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियों में आया था जब बलात्कार पीड़िता और उनकी मां ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी.
इसके बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत हिरासत में लिया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोट के निशान पाए जाने की बात सामने आई थी.
मालूम हो कि पिछले साल इस मामले के एक गवाह की कथित तौर पर बीमारी से मौत हो गई है. मृतक का नाम यूनुस था और कथित बलात्कार पीड़िता के चाचा के मुताबिक यूनुस पीड़िता के पिता को भाजपा विधायक के भाई तथा अन्य लोगों द्वारा बेरहमी से पीटा जाने का गवाह था.
इस संबंध में पीड़ित लड़की के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि युनुस के शव को पोस्टमॉर्टम कराए बगैर दफना दिया गया. उसके शव को कब्र खोदकर निकलवाया जाना चाहिए और पोस्टमॉर्टम कराया जाना चाहिए ताकि उसकी मौत का असली कारण पता लग सके.
हालांकि, युनुस के भाइयों रईस और जान मोहम्मद ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर बताया था कि उनके भाई की मौत लीवर की बीमारी की वजह से हुई है.
यूपी पुलिस द्वारा भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का बचाव करने के आरोपों के बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने मामले में तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं. ये मामले किशोरी के कथित बलात्कार, उसके पिता की हत्या तथा किशोरी के पिता पर हथियार अधिनियम के तहत दर्ज मामला जिसके आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था, से जुड़े हुए हैं.
पीड़िता की मां ने दुर्घटना को बताया साज़िश, पुलिस ने बताया दुर्घटना
उन्नाव बलात्कार मामले में पीडिता की मां ने रविवार की दुर्घटना को साजिश करार दिया है. मां आशा सिंह ने सोमवार को कहा, ‘यह महज दुर्घटना नहीं थी बल्कि सबका सफाया करने की साजिश थी.’
उन्होंने कहा कि मामले के एक सह आरोपी के पुत्र शशि सिंह और गांव के एक अन्य युवक ने हमें धमकी दी थी कि वे हमसे निपट लेंगे.
वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे की शुरुआती जांच में कोई भी गड़बड़ी नहीं पाए जाने का दावा करते हुए सोमवार को कहा कि अगर पीड़िता के परिजन आग्रह करते हैं तो सरकार इस दुर्घटना की सीबीआई जांच कराने को तैयार है.
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि अगर पीड़िता की मां या अन्य कोई रिश्तेदार आग्रह करता है तो राज्य सरकार रविवार को रायबरेली में हुई दुर्घटना की सीबीआई जांच कराने को तैयार है.
इस बीच, लखनऊ के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को घटना से जुड़े सभी पहलुओं और हादसे को लेकर लड़की के परिजन द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के आदेश दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया यह दुर्घटना का मामला लगता है और इसमें अभी तक किसी तरह की गड़बड़ी के सुबूत नहीं मिले हैं. बहरहाल, पूरे मामले की गहराई से जांच कराई जा रही है.
कृष्णा ने बताया कि कथित बलात्कार पीड़िता को कुल नौ सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए हैं. सुरक्षाकर्मियों ने स्थानीय पुलिस अफसरों को बताया है कि रविवार को लड़की और उसके परिजन ने कार में जगह न होने की बात कहकर किसी भी सुरक्षाकर्मी को अपने साथ ले जाने से मना कर दिया था. बहरहाल, इसकी जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा कि जहां तक परिवार को धमकी दिए जाने की बात है तो उसे पहले ही सुरक्षा मुहैया कराई जा चुकी है. धमकी की शिकायतों और उस पर हुई कार्रवाई की जांच की जा रही है.
कृष्णा ने बताया कि इस मामले में तहरीर आज (सोमवार) ही दी गई है, जिस पर मुकदमा लिखा जा रहा है.
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मायावती ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता के सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने की घटना को लेकर सोमवार को भाजपा पर कटाक्ष किया है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ. भारतीय महिलाओं के लिए एक नया विशेष शिक्षा बुलेटिन है. अगर भाजपा विधायक आपसे बलात्कार का आरोपी हो तो सवाल मत पूछिए.’
Beti Bachao-Beti Padhao
A new special education bulletin for Indian women. Don’t ask questions if a BJP MLA is accused of having raped you.https://t.co/8ObmmFBl0L
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 29, 2019
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस सड़क दुर्घटना को चौंकाने वाली घटना करार देते हुए सोमवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि आखिर भाजपा सरकार से न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ सड़क दुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है.’
प्रियंका ने सवाल किया, ‘इस केस में चल रही सीबीआई जांच कहां तक पहुंची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों?’
#Unnao बलात्कार पीड़िता के साथ सड़कदुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है।
इस केस में चल रही CBI जाँच कहाँ तक पहुँची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों?
इन सवालों के जवाब बिना क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 29, 2019
उन्होंने यह भी पूछा, ‘इन सवालों के जवाब बिना, क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?’
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर होने का दावा किया और कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले की जांच एवं अदालती प्रक्रिया को अपने संज्ञान में लेना चाहिए ताकि मामले में न्याय हो सके तथा पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा और सवाल किया कि क्या यह महज दुर्घटना थी या फिर हत्या का षड्यंत्र?
सुरजेवाला ने कहा, ‘जिस प्रकार से पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हत्या की गई, उसके साक्षी भी सब लोग हैं. यहां तक कि चश्मदीद गवाहों की रहस्यमय हालात में हत्या कर दी गई. अब पीड़िता ने परिवार के कुछ अन्य लोगों को खो दिया.’
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘आदित्यनाथ जी- मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ़ है, वो क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा?’
तिवारी ने कहा, ‘हादसे वाले ट्रक के नंबर प्लेट को जिस तरह काला किया गया उससे साफ होता है कि अभियुक्तों को संरक्षण देने की साजिश है. अमेठी में भी फौज के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को घर से निकालकर मारा गया. ये घटनाएं दिखाती हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब है.’
उन्नाव रेप पीड़िता के कार की रायबरेली में कल ट्रक से टक्क्र प्रथम दृष्टया उसे जान से मारने का षडयंत्र लगता है जिसमें उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई तथा वह स्वंय व उसके वकील गंभीर रूप से घायल हैं। मा. सुप्रीम कोर्ट को इसका संझान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 29, 2019
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस हादसे को षड्यंत्र करार दिया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘उन्नाव रेप पीड़िता की कार की रायबरेली में कल ट्रक से टक्कर प्रथमदृष्टया उसे जान से मारने का षड्यंत्र लगता है. सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए.’
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘बेटी बचाओ! यह नारा इस परिप्रेक्ष्य में एक गंभीर चेतावनी है, जिसमें भाजपा का एक विधायक और पार्टी की राज्य सरकार शामिल है. यह महिलाओं के लिए भाजपा की नीतियों की हकीकत है.’
Beti Bachao! This slogan is a grim warning in this context, which involves a BJP lawmaker and party's state govt. This is the reality of BJP's policies towards women. https://t.co/Vd2Tc1tEli
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 28, 2019
उन्नाव बलात्कार पीड़िता का मुद्दा राज्यसभा में उठा
राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने उन्नाव की बलात्कार पीड़िता के रायबरेली में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के मुद्दे पर हंगामा किया जिसके चलते बैठक 11 बज कर 45 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल में सपा नेता रामगोपाल यादव को एक विशेष मुद्दे के तौर पर उन्नाव की बलात्कार पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना का मुद्दा उठाने की अनुमति दी.
यादव ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि यह पीड़िता को जान से मारने का एक प्रयास था. उन्होंने कहा कि पीड़िता के मामले की आज सुनवाई होनी थी. लेकिन वह कल सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई. हादसे में उसकी दो रिश्तेदारों की मौत हो गई और उसकी ओर से आज अदालत में पेश होने वाले वकील गंभीर रूप से घायल हो कर अस्पताल में पड़े हैं.
सभापति ने इसके बाद अन्य सदस्य को शून्यकाल के तहत उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा. लेकिन सपा, कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्य इस मुद्दे को उठाने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे.
नायडू ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए यादव को इसे उठाने की अनुमति दी थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से इस मुद्दे पर ध्यान देने को कहा है.
उन्होंने सदस्यों से कहा ‘चर्चा न करें और अन्य सदस्यों को उनके मुद्दे उठाने दें.’
बहरहाल, विपक्षी सदस्य इस मुद्दे को उठाने की मांग पर अड़े रहे. कुछ सदस्य अपनी जगहों से बोल रहे थे. हंगामा थमते न देख सभापति ने 11 बज कर 45 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)