उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी का निधन हो गया था. बुधवार को उन्नाव के गंगाघाट पर चाची का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
लखनऊ/उन्नाव: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हुईं उन्नाव बलात्कार केस की पीड़िता और उनके वकील की हालत में कुछ खास सुधार नहीं है. दोनों अभी भी होश में नहीं हैं. पीड़िता अभी भी वेंटीलेटर पर है जबकि उसके वकील को आज भी कुछ देर के लिए वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया.
हादसे में पीड़िता की चाची की मौत हो गई थी. बुधवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान परोल पर जेल से बाहर आए उनके पति और पीड़िता के चाचा ने सड़क हादसे के संबंध में कहा कि ये सब कुछ भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने कराया है.
हादसे में गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उनके वकील की हालत पर लखनऊ किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने बुधवार को बताया, ‘पीड़िता के शरीर में कई जगह हड्डियां टूटी हैं, साथ ही सीने में भी चोट है. आज पीड़िता की हालत में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन अभी इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता. पीड़िता को अभी तक होश नहीं आया है.’
उन्होंने बताया कि पीड़िता का बीते मंगलवार को सीटी स्कैन कराया गया था लेकिन सिर में कोई चोट फिलहाल नजर नहीं आई थी. लेकिन इसके बावजूद सिर में जख्म होने से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि बहुत सी सिर की चोटें सीटी स्कैन में नजर नहीं आतीं.
उन्होंने बताया कि पीड़िता की हालत स्थिर है और डॉक्टरों की टीम 24 घंटे से उसकी निगरानी कर रही है. अभी भी वह वेंटीलेटर पर है.
डॉ. तिवारी ने बताया कि घायल वकील को आज भी दिन में कुछ देर के लिए वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया था, इस दौरान उनकी तबीयत स्थिर रही. बाद में फिर उन्हें वेंटीलेटर पर कर दिया गया.
उनसे जब पूछा गया कि क्या इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाने की कोई योजना है, तो उन्होंने कहा कि केजीएमयू के पास विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी नहीं है. लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम शहर के दूसरे अस्पतालों- संजय गांधी पीजीआई और लोहिया अस्पताल- के डॉक्टरों को भी बुला सकते हैं.
पीड़िता की चाची का अंतिम संस्कार, चाचा का आरोप- विधायक सेंगर ने सब कुछ कराया
रायबरेली में हुए हादसे की शिकार उन्नाव बलात्कार पीड़िता की चाची का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह उन्नाव के गंगा घाट पर कड़ी सुरक्षा के बीच कर दिया गया.
बलात्कार पीड़िता के चाचा ने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार किया. वह परोल पर जेल से लाए गए थे.
अंतिम संस्कार में करीब एक दर्जन नाते-रिश्तेदार ही शामिल थे. स्थानीय लोगों और मीडिया को श्मशान घाट नहीं जाने दिया गया. केवल सगे संबंधी और मित्रों को ही इसमें शामिल होने दिया गया. जिलाधिकारी देवेंद्र पांडेय, पुलिस अधीक्षक एमपी वर्मा और अन्य अधिकारी भी घाट पर मौजूद थे.
भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अंतिम संस्कार होने के बाद प्रशासन ने पीड़िता के चाचा को एक बंद गाड़ी में बिठा दिया और ले जाने लगे.
इसी बीच मीडिया को देखते ही पीड़िता के चाचा ने कहा, ‘मेरा पूरा परिवार साफ करा दिया. बस हम ही हम रह गए हैं. मेरे ऊपर नाजायज मुकदमे लगाए गए हैं. विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने सब कुछ कराया है. मेरे पास सारे साक्ष्य हैं.’
पीड़िता की चाची के अंतिम संस्कार के बाद उसके चाचा को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रायबरेली जेल भेज दिया गया. महेश को उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था.
गंगातट पर अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहे पुलिस महानिरीक्षक एसके भगत ने कहा हाईकोर्ट ने संक्षिप्त अवधि की जमानत पर पूरी सुरक्षा में ले जाकर अंतिम संस्कार में शामिल कराने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि वह यह देखने आए हैं कि सुरक्षा में कोई चूक न हो.
भगत ने कहा कि घटना वाले दिन पीड़िता के साथ जो सुरक्षाकर्मी थे वह किन परिस्थितियों में साथ नहीं गए, इसे लेकर भी जांच करनी थी लेकिन पीड़िता के चाचा इस संबध में कोई जानकारी नहीं दे पाए हैं.
इसलिए अब उन्नाव के पुलिस अधीक्षक मामले की जांच कर रहे हैं. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी.
केंद्र सरकार ने पीड़िता के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच सीबीआई को सौंप दी है. सीबीआई ने सड़क हादसा मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और 10 अन्य के खिलाफ हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है.
मालूम हो कि इस बलात्कार मामले में उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं. उन्हें पिछले साल 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वह और उनके भाई अतुल सेंगर जेल में बंद हैं. युवती का आरोप है कि साल 2017 में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उनका अपहरण कर उनके साथ बलात्कार किया था.
पिछले साल उन्नाव बलात्कार मामला राष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियों में आया था जब बलात्कार पीड़िता और उनकी मां ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी.
इसके बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत हिरासत में लिया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोट के निशान पाए जाने की बात सामने आई थी.
मालूम हो कि पिछले साल इस मामले के एक गवाह की कथित तौर पर बीमारी से मौत हो गई है. मृतक का नाम यूनुस था और कथित बलात्कार पीड़िता के चाचा के मुताबिक यूनुस पीड़िता के पिता को भाजपा विधायक के भाई तथा अन्य लोगों द्वारा बेरहमी से पीटा जाने का गवाह था.
इस संबंध में पीड़ित लड़की के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि यूनुस के शव को पोस्टमॉर्टम कराए बगैर दफना दिया गया. उसके शव को कब्र खोदकर निकलवाया जाना चाहिए और पोस्टमॉर्टम कराया जाना चाहिए ताकि उसकी मौत का असली कारण पता लग सके.
हालांकि, यूनुस के भाइयों रईस और जान मोहम्मद ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर बताया था कि उनके भाई की मौत लीवर की बीमारी की वजह से हुई है.
यूपी पुलिस द्वारा भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का बचाव करने के आरोपों के बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने मामले में तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं. ये मामले किशोरी के कथित बलात्कार, उसके पिता की हत्या तथा किशोरी के पिता पर हथियार अधिनियम के तहत दर्ज मामला जिसके आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था, से जुड़े हुए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)