उन्नाव रेप पीड़िता के चाचा ने रायबरेली जेल में जान का खतरा बताते हुए दिल्ली के तिहाड़ जेल में भेजने की मांग की थी.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्नाव मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि ट्रक हादसे की शिकार बलात्कार पीड़िता और उसके वकील को इलाज के लिए दिल्ली नहीं शिफ्ट किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता के परिवार और उसके वकील की तरफ से कहा गया कि अभी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में ही दोनों का इलाज होने दिया जाए.
पीड़िता के परिजनों की ओर से अदालत में कहा गया कि उसकी (पीड़िता) की हालत गंभीर है और वह बेहोश है. पीड़िता के वकील ने बताया कि परिजन उसका लखनऊ में ही कराना चाहते हैं, जिसे अदालत ने मान लिया.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर पीड़ित परिवार को किसी भी तरह की इमरजेंसी परिस्थिति में अदालत आना है तो वो सेक्रेटरी जरनल के पास किसी भी वक्त आ सकते हैं.
Supreme Court defers shifting of survivor and her lawyer from King George Medical College at Lucknow as relatives inform the court that as of now their treatment could continue in the Lucknow hospital. #UnnaoCase https://t.co/wgqO9RTMj2
— ANI (@ANI) August 2, 2019
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया. मालूम हो कि पीड़िता के चाचा ने रायबरेली जेल में जान का खतरा बताते हुए तिहाड़ भेजने की मांग की थी.
Unnao rape case: Supreme Court orders immediate transfer of rape survivor’s uncle from Rae Bareli jail to Tihar jail in Delhi pic.twitter.com/zKT8rq67Op
— ANI (@ANI) August 2, 2019
अदालत ने यह भी कहा कि कोई भी मीडिया संगठन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन्नाव रेप पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं करेगा.
आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अदालत को जानकारी दी कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ ने संभाल ली है. उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि पीड़िता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा दे दिया गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को उन्नाव बलात्कार घटना से संबंधित सभी पांच मुकदमे दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने के साथ ही उनकी सुनवाई 45 दिन के भीतर पूरी करने का आदेश दिया था.
उन्नाव रेप पीड़िता के साथ बीते 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को एक हफ्ते का समय दिया है. इसके साथ ही मामले में आरोप पत्र 15 दिन में दाखिल करने का समय दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्पष्ट किया कि जांच ब्यूरो असाधारण परिस्थितियों में ही इस दुर्घटना की जांच पूरी करने की अवधि सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली के निकट हुई सड़क दुर्घटना में जख्मी बलात्कार पीड़ित को अंतरिम मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का भी आदेश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया है.
इसके साथ ही अदालत ने दुर्घटना में घायल होने वाले पीड़िता के वकील को भी 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इसके साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रक और बलात्कार पीड़ित की कार में हुई टक्कर की घटना की जांच सात दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्नाव रेपकांड से जुड़े सभी पांच मामले दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर किए गए हैं और इन सभी केस की सुनवाई जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में होगी.