अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बीते सप्ताह कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता का आग्रह किया था. भारत ने ट्रम्प के दावे और किसी भी तरह की मध्यस्थता की बात ख़ारिज करते हुए कहा था कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसमें किसी मध्यस्थ की ज़रूरत नहीं है.
नई दिल्लीः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है लेकिन अगर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश इस दशकों पुराने मुद्दे को सुलझाने में उनकी मदद चाहेंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं.
ट्रम्प पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पिछले हफ्ते हुई बैठक का हवाला दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मदद की पेशकश की थी. भारत ने इस पेशकश को खारिज कर दिया था जबकि पाकिस्तान ने ट्रम्प के बयान का स्वागत किया था.
कश्मीर पर मध्यस्थता की उनकी पेशकश को भारत की ओर से खारिज किए जाने पर पूछे गए एक सवाल पर ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह (मध्यस्थता की पेशकश स्वीकार करना) पूरी तरह प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) पर निर्भर करता है.
ट्रम्प से जब भारत द्वारा मध्यस्थता की पेशकश खारिज किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस संबंध में जानने के लहजे में सवाल किया, ‘उन्होंने पेशकश स्वीकार की या नहीं?’
ट्रम्प ने कहा, ‘मेरे विचार में वे बेहतरीन लोग हैं. मेरा मतलब खान और मोदी से है. मुझे लगता है कि दोनों के बीच इस पर अच्छे से बातचीत हो सकती है लेकिन अगर वे चाहते हैं कि उनकी मदद के लिए कोई हस्तक्षेप करे और मैंने पाकिस्तान से भी इस बारे में बात की और भारत से भी.’
उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि कश्मीर मुद्दा लंबे समय से चल रहा है. ट्रम्प से उन्होंने जब पूछा गया कि ‘वह कैसे कश्मीर मुद्दा सुलझाना चाहते हैं?’ तो उन्होंने कहा, ‘अगर वे चाहेंगे तो, मैं निश्चित तौर पर हस्तक्षेप करूंगा.’
ट्रम्प ने पिछले सप्ताह अपने ओवल ऑफिस में इमरान खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भारत को यह कहकर चौंका दिया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता की मांग की थी.
कश्मीर पर कोई भी वार्ता केवल पाकिस्तान के साथ और द्विपक्षीय ही होगी: विदेश मंत्री
कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पेशकश के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय होगी.
जयशंकर इस समय थाईलैंड की राजधानी में हैं. वह आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक, नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक, 26वें आसियान क्षेत्रीय मंच और 10वें मेकोंग गंगा निगम मंत्रिस्तरीय बैठक समेत कई सम्मेलनों में भाग लेने यहां आए हैं.
जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पिओ से क्षेत्रीय मामलों पर विस्तृत वार्ता हुई. अमेरिकी समकक्ष पोम्पिओ को स्पष्ट रूप से यह बता दिया गया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय होगी.’
जयशंकर ने बैंकॉक में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर पोम्पिओ से मुलाकात की. भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता संबंधी ट्रम्प के विवादास्पद बयान के बाद दोनों अधिकारियों की यह पहली आधिकारिक बैठक है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)