श्रीनगर में सेना ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि खुफिया जानकारी मिली थी कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं. इसके बाद यात्रा मार्ग पर खोजी अभियान चलाया गया था. इस दौरान भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. इनमें पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री के ठप्पे वाली लैंड माइन और अमेरिकी एम-24 स्नाइपर राइफल भी शामिल हैं.
श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए समय से अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाते हुए सभी सैलानियों से जल्द से जल्द कश्मीर छोड़ देने के लिए कहा है.
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर निर्धारित समय से एक पखवाड़े पहले ही अमरनाथ यात्रा रोक लगानी पड़ रही है.
अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से जारी सुरक्षा निर्देशों में यात्रियों और पर्यटकों से घाटी में अपनी रुकने के समय को घटना के साथ ही जल्द से जल्द वापस लौटने के लिए कहा गया है.
J&K govt issues security advisory in the interest of #AmarnathYatra pilgrims and tourists, "that they may curtail their stay in the Valley immediately and take necessary measures to return as soon as possible", keeping in view the latest intelligence inputs of terror threats. pic.twitter.com/CzCk6FnMQ6
— ANI (@ANI) August 2, 2019
यह आदेश गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा की ओर से जारी किया गया है.
फिलहाल खराब मौसम की वजह से जम्मू रूट से अमरनाथ यात्रा चार अगस्त के लिए निलंबित है. इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर बताया कि इस साल एक महीने के अंदर तकरीबन 3.40 लाख यात्री अमरनाथ गुफा का दर्शन कर चुके हैं.
उधर, सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा मार्ग से लैंड माइन और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं. सेना ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने श्रीनगर में सुरक्षा बलों के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खुफिया जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान के आतंकवादी आईईडी का इस्तेमाल करके यात्रा को निशाना बना सकते हैं और श्रद्धालुओं पर हमला कर सकते हैं. इसके बाद यात्रा मार्ग पर खोजी अभियान चलाया गया था.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा अमरनाथ यात्रा मार्ग पर चलाए गए बड़े अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. इनमें पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री के ठप्पे वाली लैंड माइन और अमेरिकी एम-24 स्नाइपर राइफल भी शामिल है.
Jammu & Kashmir: The Pakistan Ordnance factory anti-personnel mine recovered from a terror cache busted by security forces. pic.twitter.com/d0g4zui5Y4
— ANI (@ANI) August 2, 2019
ढिल्लन ने उस स्थान के बारे में स्पष्ट रूप से बताने से इनकार किया जहां से हथियार बरामद किए गए क्योंकि तलाशी अभियान अब भी जारी है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आईईडी का खतरा अंदरूनी भागों में अधिक है जबकि नियंत्रण रेखा पर स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण बनी हुई है.
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन सेना एलओसी पर उनके प्रयासों को नाकाम कर रही है.
घाटी में अतिरिक्त जवान भेजने संबंधी खबरों पर जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाकर्मी चुनावों तथा अन्य के कारण से सालभर नियमित ड्यूटी पर रहते हैं और उनके पास आराम करने का समय नहीं होता.
DG JK Police:We're getting inputs that violence levels are likely to be increased by militants. So, we've tried to strengthen grid on ground.Also,we've been told that troops must get time to relax.This is time for turnover.But grid will be in as much active form as required.(2/2) https://t.co/hEmhrcpoPg
— ANI (@ANI) August 2, 2019
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा हिंसा बढ़ाने का ताजा इनपुट मिला है जिसके लिए जमीन पर जवाबी खुफिया ढांचा मजबूत करने की जरूरत है.
सिंह ने यह बताने से इनकार किया कि कितनी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा रही है. उन्होंने कहा कि वे मोर्चे पर तैनात जवानों को कुछ आराम करने का समय देंगे और सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करेंगे.
मालूम हो कि हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कश्मीर घाटी में 10 हज़ार जवान तैनात किए गए हैं. इसके बाद 28 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती किए जाने की भी सूचना है.
इस बीच आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त (बड़गाम) सुदेश नुग्याल ने कश्मीर में हालात बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर कानून-व्यवस्था से निपटने के लिए कर्मचारियों को कम से कम चार महीने के लिए रसद जमा कर लेने, सात दिन के लिए पानी एकत्र कर लेने और गाड़ियों में ईंधन भरकर रखने को कहा था.
इस संबंध में आरपीएफ अधिकारी ने एक पत्र जारी किया था. इसके बाद इस अधिकारी का तबादला कर दिया गया था.
नुग्याल द्वारा लिखे पत्र में कहा गया था, ‘विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी/जीआरपी/एसआईएनए (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सरकारी रेलवे पुलिस, श्रीनगर) द्वारा कश्मीर घाटी में हालात बिगड़ने की आशंका के संबंध में मिली जानकारी, और लंबे समय तक कानून-व्यवस्था की स्थिति बने रहने को लेकर 27 जुलाई को एक एहतियाती सुरक्षा बैठक हुई थी.’
एलओसी पर स्थिति नियंत्रण में है: सेना
सेना ने शुक्रवार को कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थिति नियंत्रण में है और काफी हद तक शांतिपूर्ण है.
सेना ने कहा कि वह पाकिस्तान को कश्मीर में शांति भंग करने नहीं देगी. सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया कि कश्मीर के शोपियां में तलाशी अभियान चल रहा है जहां बीते गुरुवार की रात सुरक्षा बलों पर हमला करने का प्रयास किया गया था.
कश्मीर के आईजी एसपी पाणि ने कहा कि घाटी में ज्यादातर पुलवामा और शोपियां के इलाकों में आईईडी विस्फोट करने के 10 से अधिक गंभीर प्रयास किए गए थे. सेना ने कहा कि 83 प्रतिशत आतंकवादियों का इतिहास पथराव का रहा है.
कश्मीर में सुरक्षा बलों की 280 से अधिक कंपनियां तैनात की जा रही हैं
कश्मीर में सुरक्षा बलों की 280 से अधिक कंपनियां तैनात की जा रही हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों को शहर के अतिसंवेदनशील इलाकों तथा घाटी की अन्य जगहों पर तैनात किया जा रहा है. इनमें अधिकतर सीआरपीएफ कर्मचारी हैं.
सूत्रों ने कहा कि इस तरह अचानक 280 से अधिक कंपनियों (28,000 सुरक्षाकर्मियों) को देर शाम तैनात किए जाने का कोई कारण नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा कि शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है. स्थानीय पुलिस की महज प्रतीकात्मक उपस्थिति है.
अधिकारियों ने कहा कि कुछ छिटपुट धर्मस्थलों से सुरक्षा हटा ली गई है क्योंकि खुफिया जानकारी मिली थी कि विदेशी आतंकवादी वहां पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में पहले ही ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है और वे बृहस्पतिवार से दस दिन तक के लिए बंद रहेंगे.
स्थानीय निवासी घबराए हुए हैं और उन्होंने कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर जरूरी सामान खरीदना शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने बीते बृहस्पतिवार को कहा कि सभी स्थापित मानवीय एवं सैन्य व्यवहार के नियमों का पालन करने के लिए भारत द्वारा लगातार याद दिलाए जाने के बावजूद सीमा पर पाकिस्तान संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कुछ दिनों पहले भारत ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा बिना उकसावे की गोलीबारी में निर्दोष नागरिक के मारे जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी.
कुमार ने कहा, ‘हमने उन्हें बताया था कि यह सभी स्थापित मानवीय एवं सैन्य व्यवहार के नियमों के विरुद्ध है.’
उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि हमारी ओर से लगातार याद दिलाए जाने के बावजूद पाकिस्तान संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है और हमने उनसे एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए 2003 में बनी संघर्ष विराम सहमति का पालन करने के लिए कहा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)