अमरनाथ यात्रा के बाद किश्तवाड़ ज़िले में 42 दिन तक चलने वाली मचैल माता यात्रा भी रद्द. केंद्र द्वारा घाटी में सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के आदेश के बाद से कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है. क़ानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते लोग राशन और आवश्यक सामान खरीदने की दुकानों के बाहर कतारों में दिखाई दे रहे हैं.
श्रीनगर: कश्मीर में पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों के लिए घाटी छोड़ने के ताजा परामर्श से निवासियों के बीच भय पैदा हो गया है और उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते राशन और आवश्यक सामान जमा करना शुरू कर दिया.
राज्य सरकार ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को परामर्श जारी कर तत्काल कश्मीर छोड़ने के लिए कहा है.
गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश में यहां कहा गया है, ‘आतंकवादी खतरों खासतौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने की ताजा खुफिया सूचनाओं और कश्मीर घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए पर्यटकों तथा अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के हित में यह परामर्श दिया जाता है कि वे फौरन घाटी में रुकने की योजना स्थगित कर दें और जल्द से जल्द लौटने के आवश्यक कदम उठाए.’
इस आदेश से कश्मीर में भय व्याप्त हो गया. केंद्र द्वारा घाटी में सेना की 100 अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के आदेश के बाद से कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है. सैनिकों की तैनाती और विभिन्न आदेशों से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे कुछ बड़े फैसलों को लेकर अटकलें बढ़ गई हैं.
कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते लोग शहर में तथा अन्य जगहों पर राशन और आवश्यक सामान खरीदने दुकानों के बाहर कतारों में दिखाई दिए. पेट्रोल पम्पों पर भी भारी संख्या में उपभोक्ता दिखाई दिए.
इससे पहले सेना ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी घाटी में अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की फिराक में हैं. सेना ने हालांकि यह भी कहा कि सुरक्षा बल ऐसी किसी भी योजना को विफल करने के लिए मुस्तैद हैं.
Complete chaos on the streets of Srinagar. People rushing to ATMs, petrol pumps & stocking up on essential supplies. Is GOI only concerned about the safety of yatris while Kashmiris have been left to their own devices?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 2, 2019
वहीं, कई जगहों पर यातायात जाम के बीच पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘श्रीनगर की सड़कों पर एकदम अराजकता है. लोग एटीएम, पेट्रोल पंपों की ओर दौड़ रहे हैं, घरों में जरूरी सामान भर रहे हैं. क्या भारत सरकार केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए चिंतित है और कश्मीरियों को उनके हालात पर अकेला छोड़ दिया गया है?’
सुरक्षा कारणों से रोकी गई ‘मचैल माता यात्रा’
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले की 43 दिन तक चलने वाली ‘मचैल माता यात्रा’ को सुरक्षा कारणों से शनिवार को रोक दिया गया. अधिकारियों ने लोगों से यात्रा नहीं शुरू करने और जो लोग रास्ते में हैं उनसे वापस लौटने को कहा है.
किश्तवाड़ के उपायुक्त अंग्रेज सिंह राणा ने बताया, ‘सुरक्षा कारणों के चलते तत्काल प्रभाव से यात्रा रोक दी गई है.’ यह यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और पांच सितंबर को इसे खत्म होना था.
देश भर से हजारों श्रद्धालु यात्रा के दौरान खूबसूरत पद्दार घाटी को देखने आते हैं जो नीलम की खानों के लिए भी प्रसिद्ध है. श्रद्धालु 30 किलोमीटर के मुश्किल रास्ते को तय कर किश्तवाड़ के मचैल गांव में दुर्गा माता मंदिर में पूर्जा-अर्चना करते हैं.
किश्तवाड़ जिसे एक दशक पहले आतंकवाद मुक्त घोषित कर दिया गया था वहां पिछले साल एक नवंबर को भाजपा के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजित परिहार की हत्या के बाद से सनसनी फैल गई थी.
बाद में नौ अप्रैल को एक स्वास्थ्य केंद्र के भीतर आरएसएस के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत शर्मा और उनके सुरक्षा गार्ड की भी हत्या कर दी गई थी.
सुरक्षा कारणों से वार्षिक अमरनाथ यात्रा पहले ही रोकी जा चुकी है.
डीजीसीए ने एयरलाइंसों को श्रीनगर से अतिरिक्त उड़ानों के लिए तैयार रहने की सलाह दी
कश्मीर में स्थिति अशांत होने के बीच विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को एरलाइंसों को सलाह दी कि वे जरूरत पड़ने पर श्रीनगर हवाई अड्डे से अतिरिक्त उड़ानों के संचालन के लिए तैयार रहें .
सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
डीजीसीए की यह सलाह, भारतीय सेना की उस सूचना के कुछ ही घंटों के भीतर आयी है जिसमें सेना ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं .
सेना के इस खुलासे के तुरंत बाद ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से घाटी में अपने आवास की अवधि घटाने और तुरंत घाटी छोड़ने को कहा था.
घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने प्रेट्र को बताया,‘ डीजीसीए ने एरलाइंसों को सलाह दी है कि वे जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त उड़ानें भरने के लिए तैयार रहें .’
‘ रात्रि करीब पौने नौ बजे श्रीनगर हवाई अड्डे पर स्थिति की जांच की गयी और उसे सामान्य पाया गया.ऐसा पाया गया कि अभी अतिरिक्त उड़ानों की कोई जरूरत नहीं है लेकिन बाद में अगर जरूरत पड़ती है तो एयरलाइंसों को सलाह दी गयी है कि वे अतिरिक्त उड़ानों के लिए तैयार रहें .’ सूत्र ने यह जानकारी दी.
शुक्रवार की शाम को इंडिगो ने ट्विटर पर कहा था, ‘ श्रीनगर में मौजूदा हालात और इस संबंध में सरकारी परामर्श को देखते हुए हम नौ अगस्त 2019 तक श्रीनगर को जाने वाली और वहां से आने वाली सभी उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव या रद्द करने के संबंध में पूर्ण शुल्क छूट उपलब्ध करा रहे हैं .’
घरेलू हवाई यातायात क्षेत्र में करीब 49 फीसदी की भागीदारी के साथ इंडिगो देश की प्रमुख एयरलाइन है.
उधर, विस्तारा एयरलाइन ने भी ट्वीट किया, ‘कश्मीर में सुरक्षा हालात के मद्देनजर हम अगले सात दिन : नौ अगस्त 2019: तक श्रीनगर को जाने वाली और वहां से आने वाली सभी उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव या रद्द करने के संबंध में पूर्ण शुल्क छूट उपलब्ध करा रहे हैं . यदि यात्रा तारीखों में कोई बदलाव किया जाता है तो किराये में केवल अंतर को ही लागू किया जाएगा.’
एयर इंडिया ने ट्विटर पर लिखा कि जम्मू कश्मीर के हालात के मद्देनजर वह 15 अगस्त 2019 तक श्रीनगर को जाने वाली और वहां से आने वाली सभी उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव या रद्द करने के संबंध में पूर्ण शुल्क छूट उपलब्ध कराएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)