विधायक कुलदीप सेंगर को तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का आदेश

विधायक कुलदीप सेंगर को तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिल्ली की अदालत ने दिया है. इससे पहले जान का खतरा बताने पर बीते 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था.

भाजपा विधायक कुलदीप ​सेंगर. (फोटो: पीटीआई)

विधायक कुलदीप सेंगर को तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिल्ली की अदालत ने दिया है. इससे पहले जान का खतरा बताने पर बीते 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था.

भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर. (फोटो: पीटीआई)
विधायक कुलदीप सेंगर. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव बलात्कार मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का सोमवार को निर्देश दिया.

सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सामूहिक बलात्कार के मामले में आरोप तय करने को लेकर दलीलों के लिए सात अगस्त की तारीख तय की है. यह दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित किए गए चार मामलों में से एक है.

न्यायाधीश के आदेश पर सेंगर और सह आरोपी शशि सिंह को विधायक के आवास पर नाबालिग लड़की के साथ 2017 में हुए बलात्कार के मामले में अदालत में पेश किया गया. अदालत ने सिंह को भी तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है.

कुछ ही दिन पहले रायबरेली में एक कार और ट्रक की टक्कर में बलात्कार पीड़ित और उसके वकील के गंभीर रूप से घायल होने के बाद सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने हत्या का मामला दर्ज किया था.

हादसे में पीड़ित की दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. उसके परिवार ने इसमें साजिश का आरोप लगाया है. शीर्ष अदालत ने मामले की रोज सुनवाई करने और इसे 45 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था.

मुख्य मामले के अलावा तीन अन्य मामलों को भी राष्ट्रीय राजधानी की अदालत में स्थानांतरित किया गया है. ये मामले पीड़िता के पिता के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज करने, हिरासत में उनकी मौत और पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार के हैं.

इससे पहले, बीते 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था. मालूम हो कि पीड़िता के चाचा ने रायबरेली जेल में जान का खतरा बताते हुए तिहाड़ भेजने की मांग की थी.

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ बीते 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को एक हफ्ते का समय दिया है. इसके साथ ही मामले में आरोप पत्र 15 दिन में दाखिल करने का समय दिया है.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्पष्ट किया था कि जांच ब्यूरो असाधारण परिस्थितियों में ही इस दुर्घटना की जांच पूरी करने की अवधि सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली के निकट हुई सड़क दुर्घटना में जख्मी बलात्कार पीड़ित को अंतरिम मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का भी आदेश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया था.

इसके साथ ही अदालत ने दुर्घटना में घायल होने वाले पीड़िता के वकील को भी 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.

इससे पहले सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव की बलात्कार पीड़िता को दिल्ली के एम्स में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने पीड़िता की गंभीर हालत को देखते हुए ये आदेश दिया था.

सड़क हादसे में बुरी तरह से जख्मी पीड़िता का लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल अस्पताल (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में बीते आठ दिन से इलाज चल रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)