यह देश यहां के लोगों से बना है, ज़मीन के टुकड़ों से नहीं: राहुल गांधी

जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को एकतरफा ढंग से विभाजित कर, निर्वाचित प्रतिनिधियों को कैद कर और संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय एकीकरण आगे बढ़ने वाला नहीं है.

Raipur: Congress President Rahul Gandhi addresses a convention of farmers, at Rajyotsav Mela ground in Naya Raipur, Monday, Jan 28, 2019. (PTI Photo) (PTI1_28_2019_000141B)
राहुल गांधी (फोटो: पीटीआई)

जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को एकतरफा ढंग से विभाजित कर, निर्वाचित प्रतिनिधियों को कैद कर और संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय एकीकरण आगे बढ़ने वाला नहीं है.

Raipur: Congress President Rahul Gandhi addresses a convention of farmers, at Rajyotsav Mela ground in Naya Raipur, Monday, Jan 28, 2019. (PTI Photo) (PTI1_28_2019_000141B)
राहुल गांधी (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराएं हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कार्यपालिका की शक्तियों का दुरुपयोग करने से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर को एकतरफा ढंग से विभाजित करके, निर्वाचित प्रतिनिधियों को कैद करके और संविधान का उल्लंघन करके राष्ट्रीय एकीकरण आगे बढ़ने वाला नहीं है.’

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के परिणामों को लेकर आगाह करते हुए गांधी ने कहा, ‘यह देश यहां के लोगों से बना है, न कि जमीन के टुकड़ों से. सरकार द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक साबित होगा.’

सरकार ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से संबंधित संकल्प और विधेयक लोकसभा में चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश किया.

इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केंद्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों एवं विधेयक को मंजूरी दे दी.

बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के फैसले का लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पुरजोर विरोध किया है. पार्टी ने राज्यसभा में इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट भी किया.

कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताया था. वहीं, लोकसभा में विरोध करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस गैरसंवैधानिक बताया.

 

जम्मू कश्मीर पर संसद में जो हो रहा है वो संवैधानिक त्रासदी है: कांग्रेस

कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराएं हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के कदम के संवैधानिक आधार पर सवाल खड़े करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि संसद में आज जो हो रहा है वो एक संवैधानिक त्रासदी है.

जम्मू कश्मीर संबंधित गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश सांविधिक संकल्प पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ भारत का अभिन्न अंग पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनकी सरकार के कारण बने.

जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के इतिहास का उल्लेख करते हुए तिवारी ने कहा कि संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी राज्य को विभाजित करने या उसके भौगोलिक क्षेत्र में बदलाव करने का कदम उठाने से पहले संबंधित राज्यों की विधानसभा की संस्तुति लेनी आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को दो राज्यों में विभाजित करने के लिए वहां की विधायिका की कोई अनुमति नहीं ली गई. वहां की विधानसभा भंग की गई और अब संसद में ही राज्य के बारे में फैसला हो रहा है.

इस पर वाईएसआर कांग्रेस के कुछ सदस्य यह आरोप लगाते सुने गए कि आंध्र के बंटवारे के लिए भी विधानसभा कोई संतुति नहीं ली गई.

तिवारी ने कहा, ‘आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी प्रदेश को केंद्रशासित राज्य में बांटा जा रहा है. इसलिए मैं कहा रहा हूं कि यहां जो रहा है वो संवैधानिक त्रासदी है.’

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पूर्वोत्तर और देश के कुछ अन्य राज्यों को अनुच्छेद 371 के तहत विशेष अधिकार हासिल हैं. क्या आप यह संदेश दे रहे हैं कि राज्य विधानसभाओं की राय लिए बिना वहां के बारे में फैसला करेंगे? क्या आगे आप पूर्वोत्तर के राज्यों से उनके विशेष अधिकार छीन लेंगे? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कदम उठाया है वो देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है.

कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार के कदम का समर्थन किया

सूत्रों से मिला जानकारी के अनुसार, धारा 370 हटाए जाने को लेकर पहले कांग्रेस पार्टी के अंदर स्थिति साफ नहीं थी लेकिन अब पार्टी में इस फैसले का विरोध करने पर सहमति बन गई है. कांग्रेस के अनुसार जिस तरह से इस धारा को हटाया गया है वह तरीका सही नहीं है.

बता दें कि हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी जनार्दन द्विवेदी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है.

दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया था, ‘मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नही, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो.’

मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा था कि दुर्भाग्य से धारा 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है. पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए.

वहीं, जनार्दन द्विवेदी ने कहा था कि यह राष्ट्रीय संतोष की बात है कि स्वतंत्रता के समय की गई गलती को सुधारा गया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मुद्दा है. स्वतंत्रता के बाद कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं चाहते थे कि अनुच्छेद 370 रहे. मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे.

इसके साथ ही कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से विधायक अदिति सिंह ने ट्विटर पर धारा 370 को हटाए जाने का समर्थन किया.

उन्होंने कहा, ‘मैं इस फैसले का पूरी तरह से समर्थन करती हूं. यह जम्मू कश्मीर को मुख्यधारा में लाने में मदद करेगा. यह ऐतिहासिक फैसला है. इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. एक विधायक के तौर पर मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं.’

 (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)