लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू कश्मीर संबंधी संकल्प पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को स्थित स्पष्ट करनी चाहिए.
नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को सरकार से जानना चाहा कि जम्मू कश्मीर देश का आंतरिक विषय है या द्विपक्षीय मामला. साथ ही कहा कि 1948 से संयुक्त राष्ट्र राज्य संबंधी स्थिति की निगरानी कर रहा है.
निचले सदन में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू कश्मीर संबंधी संकल्प पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा, ‘मैं शंका में हूं. आप कहते हैं कि जम्मू कश्मीर देश का आंतरिक विषय है. आपने एक राज्य को दो भागों में विभाजित कर दिया, लेकिन मेरा कहना है 1948 से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) राज्य संबंधी स्थिति की निगरानी कर रहा है, वो क्या आंतरिक मामला है?’
उन्होंने कहा कि यह बुनियादी प्रश्न है और सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. आप बताएं कि यह आंतरिक मामला है या द्विपक्षीय.
सत्तापक्ष के सदस्यों ने चौधरी के इस बयान का विरोध किया. इस दौरान टोका-टोकी की स्थिति भी देखने को भी मिली.
कांग्रेस नेता ने शिमला समझौते, लाहौर समझौते को लेकर भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की.
उन्होंने कहा, ‘शिमला समझौता, लाहौर एग्रीमेंट हम लोग किए थे वो क्या आंतरिक मामला है या द्विपक्षीय. कुछ दिन पहले जयशंकर जी (विदेश मंत्री) ने पोम्पियो जी (अमेरिकी विदेश मंत्री) को कहा कि ये हमारा द्विपक्षीय मामला है. आप इसमें दखलअंदाजी मत करो. उसके बावजूद क्या जम्मू कश्मीर आंतरिक मामला हो सकता है?’
#WATCH Adhir Ranjan Chowdhury, Congress, in Lok Sabha: You say that it is an internal matter. But it is being monitored since 1948 by the UN, is that an internal matter? We signed Shimla Agreement & Lahore Declaration, what that an internal matter or bilateral? pic.twitter.com/RNyUFTPzca
— ANI (@ANI) August 6, 2019
अधीर रंजन ने कहा, ‘ये तरह-तरह की बात है. सब की धज्जियां उड़ाकर आपको हमें समझाना चाहिए. हम जानना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं. अमरनाथ यात्रा को क्यों बंद किया गया है? जम्मू कश्मीर को जेलखाना बना दिया गया है.
इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने पूछा कि जैसा कि अभी कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कश्मीर का मसला संयुक्त राष्ट्र में है और संयुक्त राष्ट्र इस पर निगरानी रख रहा है तो इस मामले में सरकार कैसे विधेयक ला रही है?
उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस से कहना है कि इस मामले में उन्हें अपना रुख साफ करना चाहिए.
इसका कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि चौधरी का यह आशय नहीं था. इस पर अमित शाह ने दोबारा अधीर रंजन चौधरी से बात रखने का आग्रह किया.
चौधरी ने कहा कि वह इस विषय पर सरकार से सिर्फ स्पष्टीकरण चाहते हैं.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा संकल्प का विरोध किए जाने पर शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत का हिस्सा नहीं मानती है? लेकिन हम इसके लिए जान भी देने को तैयार हैं। जम्मू कश्मीर का मतलब पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन से भी है क्योंकि इसमें दोनों समाहित हैं.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पीओके और अक्साई चीन में समाहित हैं, इसके लिए जान दे देंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)