जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के हटने का विरोध करते हुए पाक ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को घटाया. कहा- भारत से अपने राजदूत को वापस बुलाएंगे.
इस्लामाबाद: भारत सरकार के अनुच्छेद 370 के प्रावधान घटाने और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से नाराज़ पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने का फैसला किया और द्विपक्षीय व्यापार रोक दिया.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत द्वारा रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है. साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को निलंबित करने का भी ऐलान किया है.
Pakistan National Security Committee decided to take following actions
1. Downgrading of diplomatic relations with India.
2. Suspension of bilateral trade with India.
3. Review of bilateral arrangements. 2/2 https://t.co/PBj5OA16Rc— ANI (@ANI) August 7, 2019
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने टीवी पर कहा, ‘हम अपने राजदूत को दिल्ली से वापस बुलाएंगे और भारतीय राजदूत को वापस भेज रहे हैं.’
वहीं एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के साथ राजनयिक संबंधों में बढ़ती कड़वाहट के बीच अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर रोक लगाएगा.
पाक प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया.
बैठक में शीर्ष सैन्य और असैन्य नेतृत्व भी शरीक हुए. ज्ञात हो कि एनएससी सैन्य और असैन्य शीर्ष नेतृत्व का सर्वोच्च फोरम है, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा की जाती है.
बयान में कहा गया है कि एनएससी ने यह विषय (कश्मीर से जुड़ा) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने के साथ भारत के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख- के रूप में विभाजित करने का भी फैसला किया है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के इस निर्णय के बाद मंगलवार को संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने पर पुलवामा जैसा हमला दोबारा हो सकता है.
खान ने कहा, ‘इस दृष्टिकोण से एक बार फिर पुलवामा जैसे हमले हो सकते हैं. मैं आशंका जता चुका हूं, यह होगा. एक बार फिर वे हम पर दोष मढ़ेंगे. वे हम पर फिर हमला कर सकते हैं और हम जवाब देंगे.’
इमरान खान ने सांसदों से यह भी कहा, ‘फिर क्या होगा? जंग कौन जीतेगा ? कोई भी नहीं जीतेगा और सारी दुनिया के लिए इसके गंभीर नतीजे होंगे. परमाणु हमले को लेकर ब्लैकमेल करने की बात नहीं है.’
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की तीन दिनों में यह दूसरी बैठक बुलाई थी. खान ने रविवार को क्षेत्र में घटनाक्रमों के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एनएससी की बैठक बुलाई थी.
‘जब कोई राजनयिक संबंध नहीं है तो हम राजनयिकों पर पैसे खर्च क्यों कर रहे हैं’
इससे पहले पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के साथ राजनयिक संबंध समाप्त कर लेना चाहिए। चौधरी अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा समाप्त किए जाने के बाद कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाये गये संसद के संयुक्त सत्र में बोल रहे थे.
चौधरी ने कहा, ‘भारतीय उच्चायुक्त यहां क्यों हैं, हम राजनयिक संबंध समाप्त क्यों नहीं कर रहे हैं. जब दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है तो हमारे उच्चायुक्त वहां (भारत में) क्या कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब कोई राजनयिक संबंध नहीं है तो हम राजनयिकों पर पैसे खर्च क्यों कर रहे हैं. हमें भारत के साथ राजनयिक संबंध खत्म कर देना चाहिए.’
प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी ने हालांकि भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को एक अच्छा व्यक्ति बताकर उनकी प्रशंसा की लेकिन उन्होंने भारत सरकार की कार्रवाइयों की आलोचना की.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को कश्मीर को दूसरा फलस्तीन नहीं बनने देना चाहिए. पाकिस्तान को युद्ध से नहीं घबराना चाहिए क्योंकि सम्मान किसी भी अन्य चीज से अधिक महत्वपूर्ण है. हमें अपमान और युद्ध में से एक को चुनना होगा. युद्ध सम्मान के लिए लड़े जाते हैं, न कि हारने या जीतने के लिए लड़े जाते हैं. इसलिए हमें युद्धों से डरना नहीं चाहिए.’
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अपनी भूमिका निभाने की अपील की और कहा, ‘यदि युद्ध होता है तो हर सरकार को उसकी गंभीरता महसूस होगी.’
इससे पहले उन्होंने एक निजी खबरिया चैनल से कहा था कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय न्यायालय जा सकता है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के नेताओं ने भी मांग की कि भारत के साथ राजनयिक संबंध खत्म कर दिया जाना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)