जम्मू से धारा 144 हटाई गई, जुमे की नमाज़ के लिए कश्मीर में प्रतिबंधों में दी गई ढील

श्रीनगर में लोगों ने मस्जिदों में नमाज़ अदा की. जम्मू ज़िले के सभी स्कूल और कॉलेज 10 अगस्त से खुलेंगे.

Jammu: A Rapid Action Force (RAF) personnel stand guard during restrictions in Jammu, Friday, Aug 9, 2019. Restrictions have been imposed in several districts of Jammu and Kashmir as a precautionary measure after the state lost its special status and was bifurcated on Tuesday as Parliament approved a resolution scrapping Article 370 of the Constitution and passed a bill to split the state into two Union Territories. (PTI Photo)(PTI8_9_2019_000056A)(PTI8_9_2019_000161B)
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने के बाद जम्मू में तैनात एक सुरक्षाकर्मी. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर में लोगों ने मस्जिदों में नमाज़ पढ़ी. जम्मू ज़िले के सभी स्कूल और कॉलेज 10 अगस्त से खुलेंगे.

Jammu: A Rapid Action Force (RAF) personnel stand guard during restrictions in Jammu, Friday, Aug 9, 2019. Restrictions have been imposed in several districts of Jammu and Kashmir as a precautionary measure after the state lost its special status and was bifurcated on Tuesday as Parliament approved a resolution scrapping Article 370 of the Constitution and passed a bill to split the state into two Union Territories. (PTI Photo)(PTI8_9_2019_000056A)(PTI8_9_2019_000161B)
जम्मू में तैनात आरएएफ का एक जवान. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर/जम्मू: कश्मीर में शुक्रवार को प्रतिबंधों में ढील दी गई ताकि लोग स्थानीय मस्जिदों में जुम्मे की नमाज पढ़ सकें. साथ ही, किसी भी संभावित विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पूरी घाटी में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी कश्मीरी को परेशान नहीं किया जाए. इसके बाद यह कदम उठाया गया है.

अन्य अधिकारियों ने बताया कि जुमे की नमाज से पहले पूरी कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के खिलाफ संभावित विरोध प्रदर्शन नहीं हो पाएं.

प्रशासन के इस फैसले के बाद श्रीनगर में लोगों ने मस्जिदों में नमाज पढ़ी.

उधर, जम्मू की जिलाधिकारी सुषमा चौहान ने बताया कि जम्मू नगर पालिका से धारा 144 (चार लोगों से ज्यादा के एक साथ जमा होने पर प्रतिबंध) हटा ली गई है और 10 अगस्त से सभी स्कूल और कॉलेज खोले जाएंगे.

मालूम हो कि बीते पांच अगस्त को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान की धारा 370 का ख़त्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव संसद में पारित किया था. इसी दिन जम्मू कश्मीर में धारा 144 लागू कर दी गई थी.

अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर के सिविल लाइंस और डल झील के कुछ इलाकों में लोगों को आवाजाही की छूट देने के एक दिन बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ये एहतियाती कदम उठाए गए हैं.

एक सुरक्षा अधिकारी ने दिन में पहले बताया था, ‘जुमे की नमाज के लिए मस्जिदों में लोगों के एकत्र होने की संभावना है और इसलिए सामूहिक प्रदर्शनों की आशंका है जिसे ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए गए ताकि शांति सुनिश्चित हो सके.’

अधिकारियों ने हालांकि स्पष्ट किया कि जुमे पर लोगों के श्रीनगर ऐतिहासिक जामा मस्जिद में एकत्र होने की इजाजत नहीं होगी. लोग अपने इलाके की स्थानीय मस्जिदों में नमाज पढ़ सकते हैं.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुनीर खान ने कठुआ में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि जम्मू में स्थितियां सामान्य हैं. कश्मीर में भी स्थितियां नियंत्रण में हैं. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे. राज्यपाल ने ईद-उल-अजहा को लेकर प्रशासन द्वारा की गईं तैयारियों की भी चर्चा की.

एक अधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से शुक्रवार को मुलाकात कर वर्तमान स्थितियों का जायजा लिया. बीते मंगलवार से अजीत डोभाल जम्मू कश्मीर में ही हैं.

घाटी में अधिकारी लोगों के पास जाकर उनकी मदद करें : मलिक

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर घाटी के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे लोगों के पास जाएं और उनकी राशन, दवा और अन्य दैनिक जरूरतों की जानकारी लेकर उन्हें शीघ्रता से पूरा करें.

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद से मलिक रोजाना प्रशासन से हालात की जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने गुरुवार रात सुरक्षा हालात की समीक्षा की.

राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने घाटी के जिलों में तैनात उपायुक्त और अन्य अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर लोगों की राशन, दवा और अन्य जरूरतों की जानकारी लेकर उन्हें शीघ्रता से पूरी करने का निर्देश दिया. राज्यपाल ने उनसे कम से कम 20 परिवारों से मिलने और उनकी समस्या का हल करने को कहा.

प्रवक्ता ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की बिक्री के लिए विशेष वैन लगाई गई हैं. अधिकारियों को मुनाफाखोरों और व्यापार में गलत तरीके अपनाने वालों पर नजर रखने को कहा गया है.

राज्यपाल ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे लोगों तक जाएं और पता लगाएं कि कहीं कोई ऐसा मरीज तो नहीं है जिसे त्वरित आधार पर चिकित्सा सेवा की जरूरत है.

उन्होंने जरूरतमंद मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने को भी कहा है.

जिन लोगों के बच्चे राज्य से बाहर हैं उनसे बात करने की सुविधा देने के लिए उपायुक्तों को जिला मुख्यालय में टेलीफोन हेल्पलाइन बनाने का निर्देश दिया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर के उपायुक्त कार्यालय का हेल्पलाइन नंबर 9419028242 और 9419028251 है.

लगभग 25 अलगाववादियों को श्रीनगर से आगरा ले जाया गया

इस बीच बीते गुरुवार को लगभग 25 अलगाववादियों के एक समूह को विमान के जरिये श्रीनगर से आगरा ले जाया गया.

सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस समूह में शामिल अलगाववादी पथराव संबंधी घटनाओं में शामिल रहे हैं और उनका इतिहास गड़बड़ी पैदा करने का रहा है.

उन्होंने साथ ही बताया कि वे कश्मीर घाटी में अलगाववादी समूहों के कथित सक्रिय सदस्य रहे हैं.

इन 25 अलगाववादियों में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कय्यूम भी शामिल है.

अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी कय्यूम और मुबीन शाह उन कैदियों के समूह में शामिल थे जिन्हें श्रीनगर से बृहस्पतिवार को हवाई मार्ग से आगरा ले जाया गया है.

कय्यूम श्रीनगर के एक विख्यात वकील हैं और अलगाववादी नेताओं से जुड़े कई मामलों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

इन लोगों को वायुसेना के एक विशेष विमान से उत्तर प्रदेश ले जाया गया और आगरा के केंद्रीय कारागार में बंद कर दिया गया.

उधर, आगरा से मिली खबरों के अनुसार, अलगाववादियों को जम्मू कश्मीर से वायु मार्ग से आगरा केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित किया गया है.

आगरा एयर फोर्स हवाई अड्डे से जब कड़ी सुरक्षा के बीच अलग-अलग तीन गाड़ियों में बंदियों को लाया गया तो सूत्रों ने बताया कि इन बंदियों को आगरा की जेल में भेजा गया है.

बंदियों को लाते समय गाड़ियों की खिड़कियों को भी सुरक्षा के लिहाज से ढक कर रखा गया था. इस संबंध में जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.

अधिकारियों ने केवल इतना कहा कि सुरक्षा के लिहाज से उनको निर्देश है कि किसी को कोई भी सूचना न दी जाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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