कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने महसूस किया कि लोकतांत्रिक तरीका अपनाया जाना चाहिए और हर किसी के विचार को शामिल किया जाना चाहिए. इसीलिए उन्होंने खुद को चयन प्रक्रिया से अलग कर लिया.
नई दिल्ली: कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी में शीर्ष स्तर पर परामर्श का दौर जारी है, हालांकि पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके राहुल गांधी ने शनिवार को इस प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया.
नए अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई और इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं के साथ अलग-अलग समूहों में परामर्श का दौर चल रहा है.
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से बाहर निकलने के बाद सोनिया ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यक्ष तय करने के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई है. मैं और राहुल इसका हिस्सा नहीं हो सकते. मेरा नाम बैठक के लिए गलती से शामिल हो गया था.
Sonia Gandhi on leaving from Congress Working Committee meeting: Now consultation(to decide next party chief) is going on and naturally me and Rahul ji cannot be a part of it pic.twitter.com/OcMoztJtuQ
— ANI (@ANI) August 10, 2019
दरअसल, इस्तीफा देते समय राहुल गांधी ने स्पष्ट किया था कि गांधी परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बनेगा और वह इसके चयन की प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे.
यहां सीडब्ल्यूसी की बैठक में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे , राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य नेता शामिल हुए.
पार्टी के नये अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है. वैसे, अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के कई नेता प्रियंका गांधी के नाम की पैरवी कर चुके हैं.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था, हालांकि गांधी अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा.
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अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए गांधी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी वह पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे. उनके समर्थन में बहुत सारे नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया था.
गांधी के इस्तीफे के बाद से अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी में लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है. नये अध्यक्ष को चुनने के लिए कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पायी.
समिति ने पांच समूह बनाए हैं, जो नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर क्षेत्रीय नेताओं से बातचीत करेंगे. हर समूह एक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगा जिसमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और पूर्वोत्तर शामिल है.
कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की अगली बैठक अब शनिवार रात आठ बजे होगी.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘सभी सदस्यों ने राहुल गांधी से अध्यक्ष बने रहने और नेतृत्व करने का एक सहमति से आग्रह किया. उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि आज जब मौजूदा सरकार संवैधानिक प्रावधानों, नागरिकों के अधिकारों और संस्थाओं पर आक्रमण कर रही है तो ऐसे समय मजबूत विपक्ष के लिए और कांग्रेस को नेतृत्व देने के लिए राहुल गांधी उपयुक्त व्यक्ति है.’
उन्होंने कहा कि गांधी ने अपना इस्तीफा वापस लेने से इनकार किया और कहा कि सीडब्ल्यूसी के सदस्यों और दूसरे नेताओं से नए अध्यक्ष को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया जाए.
सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने महसूस किया कि लोकतांत्रिक तरीका अपनाया जाना चाहिए और हर किसी के विचार को शामिल किया जाना चाहिए. इसीलिए उन्होंने खुद को चयन प्रक्रिया से अलग कर लिया.’
सुरजेवाला ने कहा कि सीडब्ल्यूसी पांच अलग-अलग समूहों में परामर्श कर रही है. रात आठ बजे सीडब्ल्यूसी की फिर बैठक होगी जिसमें इन समूहों की बातचीत में निकले निष्कर्ष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा.
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अभी गांधी का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है और सीडब्ल्यूसी के विचाराधीन है.
बता दें कि, 23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद 25 मई को अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा कर चुके राहुल गांधी की जगह कांग्रेस अभी तक कोई नया अध्यक्ष नहीं चुन सकी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)