चमोली ज़िले में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद तीन अलग-अलग गांवों में हुए भूस्खलन में मकान ढहने से नौ माह की बच्ची समेत 6 लोगों की मौत हो गई. क्षेत्र में अलर्ट जारी.
देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में घाट क्षेत्र में सोमवार तड़के भारी बारिश के दौरान तीन अलग-अलग गांवों में हुई भूस्खलन की घटनाओं में तीन मकान ढह गए और मलबे के नीचे एक महिला और उसकी नौ माह की बेटी सहित छह व्यक्ति जिंदा दफन हो गए.
यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, भूस्खलन का मलबा घाट क्षेत्र के बांजबगड़, अलीगांव और लांखी गांवों में तीन मकानों पर गिर गया जिससे वे ढह गए और उनमें रहने वाले उसमें फंस गए.
सभी छह व्यक्तियों की दम घुटने से मौत हो गई. मरने वालों में एक को छोड़़कर सभी महिलाएं हैं. बांजबगड़ गांव में रूपा देवी तथा उसकी नौ माह की पुत्री चंदा मारे गए जबकि 21 वर्षीया नौरति की मृत्यु अलीगांव में और अन्य तीन – कुमारी आरती, कुमारी अंजलि और अजय– लांखी गांव में मारे गए.
सभी के शव मलबे से बरामद कर लिए गए हैं. इसके साथ ही इन मकानों में मौजूद 40 बकरियां और दो बैल भी मारे गए.
चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि मंदाकिनी नदी की सहायक नदी चुफलागाड में आई बाढ़ के कारण घाट के मुख्य बाजार की कई दुकानों और इमारतों को भी नुकसान पहुंचा.
#WATCH House collapses as flash flood hits Vikas Khand Ghat's Lankhi village, in Chamoli, #Uttarakhand. State Disaster Response Force team has been rushed to the spot for rescue operation. pic.twitter.com/7KS2VVukcL
— ANI (@ANI) August 12, 2019
कई आवासीय मकान और दुकानें अभी भी खतरे में हैं और खतरे वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू कर चुकी है. इसके अलावा बद्रीनाथ हाईवे क्षेत्रपाल को भी बंद कर दिया है
भूस्खलन की घटनाओं में छह लोगों के मारे जाने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचाने के आदेश दिए हैं.
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, चमोली के घाट क्षेत्र में अतिवृष्टि से जनहानि पर शोक जताते हुए मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की.
उन्होंने चमोली के जिलाधिकारी को राहत व बचाव कार्य तेजी से करने व प्रभावितों को आर्थिक सहायता के साथ अन्य राहत तुरंत उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए.
रावत ने रविवार को बरसाती नदी नीमी के तेज बहाव में बह गए देहरादून के एक निजी विश्वविद्वालय के दो छात्रों की मौत को भी दुखद बताया तथा जनता, खासकर युवाओं, से ऐसे मौसम में नदियों और झरनों के किनारे जाने से परहेज करने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात में नदियों का जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है और लोगों, विशेषकर युवाओं, को चाहिए कि वर्तमान में भारी बारिश को देखते हुए पिकनिक आदि के लिए नदियों, झरनों के समीप न जाएं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)