विदेश जा रहे शाह फैसल को दिल्ली हवाईअड्डे से हिरासत में लिया गया, वापस श्रीनगर भेजे गए

पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल को वापस श्रीनगर भेज दिया गया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया.

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Srinagar: IAS officer Shah Faesal addresses a press conference after announcing his resignation, in Srinagar, Friday, Jan. 11, 2019. Faesal, who has been in the limelight since becoming the first Kashmiri to top the civil services exam in 2009, announced his resignation on January 9 through social media to protest the "unabated" killings in Kashmir and the marginalisation of Indian Muslims.(PTI Photo)(PTI1_11_2019_000092B)
Srinagar: IAS officer Shah Faesal addresses a press conference after announcing his resignation, in Srinagar, Friday, Jan. 11, 2019. Faesal, who has been in the limelight since becoming the first Kashmiri to top the civil services exam in 2009, announced his resignation on January 9 through social media to protest the "unabated" killings in Kashmir and the marginalisation of Indian Muslims.(PTI Photo)(PTI1_11_2019_000092B)

पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल को वापस श्रीनगर भेज दिया गया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया.

Srinagar: IAS officer Shah Faesal addresses a press conference after announcing his resignation, in Srinagar, Friday, Jan. 11, 2019. Faesal, who has been in the limelight since becoming the first Kashmiri to top the civil services exam in 2009, announced his resignation on January 9 through social media to protest the "unabated" killings in Kashmir and the marginalisation of Indian Muslims.(PTI Photo)(PTI1_11_2019_000092B)
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल को बुधवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें वापस श्रीनगर भेज दिया गया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया.

ऐसी खबर है कि शाह फैसल तुर्की के इस्तांबुल जा रहे थे.

1978 में लागू जम्मू कश्मीर पीएसए के जरिए सरकार किसी भी शख्स को बिना किसी ट्रायल के तीन से छह महीने की अवधि के लिए हिरासत में ले सकती है.

फैसल ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए इसे राज्य में मुख्यधारा की राजनीति का अंत बताया था.

फैसल ने कहा था, ‘मैं इसे हमारे सामूहिक इतिहास में एक भयावह मोड़ की तरह देखता हूं. एक ऐसा दिन जब हर कोई महसूस कर रहा है, यह हमारी पहचान, हमारे इतिहास, हमारी जमीन को लेकर हमारे अधिकार, हमारे अस्तित्व को लेकर हमारे अधिकार का अंत है. पांच अगस्त से एक नए आक्रोश की शुरुआत हुई.’

साल 2009 में आईएएस की परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले फैसल पहले कश्मीरी थे. उन्होंने इस साल की शुरुआत में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने के उद्देश्य से जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी की स्थापना की थी.

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के सरकार का प्रस्ताव पेश करने से एक दिन पहले चार अगस्त को राज्य में पूरी तरह से बंदी थी. घाटी में मोबाइल, इंटरनेट और केबल टीवी कनेक्शन बंद कर दिया गया था.

पुलिस का कहना है कि घाटी में पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित लगभग 400 नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, बुधवार को जम्मू से कर्फ्यू पूरी तरह से हटा दिया गया लेकिन कश्मीर के कुछ हिस्सों में यह अभी भी जारी है.