दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अगले साल से शुरू होगा ‘देशभक्ति’ पाठ्यक्रम: अरविंद केजरीवाल

'संविधान के सत्तर साल' अभियान शुरू करने के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देशभक्ति पाठ्यक्रम छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना जगाएगा.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई)

‘संविधान के सत्तर साल’ अभियान शुरू करने के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देशभक्ति पाठ्यक्रम छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना जगाएगा.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को घोषणा की कि छात्रों के मन में राष्ट्रवाद का भाव जगाने के लिए अगले साल सरकारी स्कूलों में नया पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा.

‘संविधान के सत्तर साल’ अभियान शुरू करने के मौके पर उन्होंने कहा कि यह फैसला मंगलवार को उनके और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बीच हुई बैठक के दौरान लिया गया है. सिसोदिया के पास राज्य के शिक्षा मंत्री का प्रभार भी है.

यह अभियान सभी सरकारी स्कूलों में चलाया जाएगा और यह 26 नवंबर को समाप्त होगा क्योंकि भारत ने संविधान का अंगीकार 26 नवंबर, 1949 को किया था.

उन्होंने कहा, ‘हम अगले साल देशभक्ति पाठ्यक्रम लाएंगे. यह छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना जगाएगा.’ छठी से लेकर नौवीं कक्षा और 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्रा इस अभियान में हिस्सा लेंगे.

केजरीवाल ने कहा, ‘आम तौर पर हमें अपने देश के प्रति प्रेम की याद तब दिलाई जाती है जब भारत-पाकिस्तान के बीच मैच हो या सीमा पर तनाव हो. रोजमर्रा के जीवन में हम अपना देश भूल जाते हैं. देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है ताकि प्रत्येक नागरिक अपने देश से सच्चा प्रेम कर सके.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारे बच्चे जब बड़े होंगे और काम करना शुरू करेंगे और किसी समय अगर वह रिश्वत लेंगे तो उन्हें यह जरूर महसूस होना चाहिए कि उन्होंने अपनी भारत माता को धोखा दिया है. जब वह यातायात का नियम तोड़ें तो उन्हें लगे कि उन्होंने अपने देश के साथ गलत किया है.’

उन्होंने कहा, ‘बच्चों को देश के गौरव के बारे में जरूर पढ़ाया जाना चाहिए. प्रत्येक बच्चे को उसकी जिम्मेदारी और देश के प्रति कर्तव्यों से अवगत कराना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘भारत के सामने सैंकड़ों समस्याएं हैं. हम गरीब हैं, हमारे किसान आत्महत्या कर रहे हैं. लेकिन ये सारी समस्याएं कौन सुलझाएगा? हमें ही इसके समाधान तलाशने होंगे.’

सिसोदिया ने कहा कि इस पाठ्यक्रम को तैयार करने में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की तरह ही सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

केजरीवाल ने कहा कि यह पाठ्यक्रम 73वें स्वतंत्रता दिवस के ‍अवसर सबसे बड़ा तोहफा है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने विभाग को इस संबंध में एक समूह बनाने का आदेश दिया है और देशभर के लोगों से विचार मांगने को कहा है. मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि ्अगले शैक्षणिक सत्र से हम इसे लांच कर देंगे.’