भारत पाक सीमा पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत परमाणु हथियारों के ‘पहले इस्तेमाल न’ करने के सिद्धांत पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
जयपुर/नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत परमाणु हथियारों के ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ [No first Use] करने के सिद्धांत पर ‘पूरी तरह प्रतिबद्ध’ है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
रक्षा मंत्री ने पोकरण का दौरा करने के बाद ट्विटर पर यह बात कही. पोकरण में ही भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 1998 में परमाणु परीक्षण किया था.
सिंह ने कहा, ‘यह एक संयोग है कि आज मैं जैसलमेर में इंटरनेशनल आर्मी स्काउट कम्पीटिशन के लिए आया था और आज ही अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि है. इसलिए मुझे लगा कि मुझे पोखरण की धरती पर ही उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए.’
मालूम हो कि मई 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था.
#WATCH: Defence Minister Rajnath Singh says in Pokhran, "Till today, our nuclear policy is 'No First Use'. What happens in the future depends on the circumstances." pic.twitter.com/fXKsesHA6A
— ANI (@ANI) August 16, 2019
सिंह ने कहा, ‘पोकरण वह इलाका है जो भारत को परमाणु शक्ति बनाने के अटल जी के दृढ़ संकल्प का गवाह बना और इसके बावजूद देश ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध है. भारत ने सख्ती से सिद्धांत का पालन किया है. भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.’
Pokhran is the area which witnessed Atal Ji’s firm resolve to make India a nuclear power and yet remain firmly committed to the doctrine of ‘No First Use’. India has strictly adhered to this doctrine. What happens in future depends on the circumstances.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 16, 2019
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है, ‘भारत का एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करना इस देश के प्रत्येक नागरिक के लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है. देश अटल जी की महानता का ऋणी रहेगा.’
वहीं भारत सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विशेष दर्जा घटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर भी तनाव बना हुआ है.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि परमाणु हथियार से संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच मौजूदा तनाव में युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.
नो फर्स्ट यूज़ का अर्थ है तब तक परमाणु हथियार प्रयोग न करना जब तक विरोधी की ओर से ऐसा न किया जाए. 1998 में हुए परमाणु परीक्षण के बाद भारत सरकार ने इस नीति को अपनाया था. 2014 में सरकार बनाने से पहले नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि भारत किसी भी दुश्मन के खिलाफ आगे बढ़कर परमाणु हथियार प्रयोग नहीं करेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)