कुमारस्वामी सरकार पर लगे फोन टैपिंग के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि वह कांग्रेस के कई नेताओं की मांग पर इन आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देंगे.
बेंगलुरू: जेडीएस के नेतृत्व वाली पूर्व गठबंधन सरकार के दौरान फोन टैपिंग के आरोप सामने आने के कुछ दिनों बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने रविवार को कहा कि वह कांग्रेस के कई नेताओं की मांग पर इन आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देंगे.
येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘टेलीफोन टैपिंग के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरमैया समेत कई नेताओं ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए, इसलिए मैंने सीबीआई जांच का आदेश देने का फैसला किया है. कल ही मैं जांच का आदेश दूंगा.’
उन्होंने कहा कि यह राज्य के लोगों की अपेक्षा है कि विस्तृत जांच की जाए और दोषियों को सजा दी जाए.
गौरतलब है कि अयोग्य करार दिए गए जेडीएस विधायक एएच विश्वनाथ ने पिछले सप्ताह एचडी कुमारस्वामी की सरकार पर फोन टैप करने और उनके समेत 300 से अधिक नेताओं की जासूसी कराने के आरोप लगाए. इसके बाद येदियुरप्पा ने यह घोषणा की है.
फोन टैपिंग के ये आरोप पिछले सप्ताह बेंगलुरू के मौजूदा पुलिस आयुक्त भास्कर राव और कांग्रेस हाईकमान से जुड़े एक कथित शख्स की फोन पर हुई बातचीत के लीक होने से शुरू हुए थे. दोनों के बीच फोन पर हुई यह बातचीत कर्नाटक में स्थानीय चैनलों पर प्रसारित की गई.
येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दो अगस्त को भास्कर राव को पुलिस आयुक्त नियुक्त किया था.
लीक बातचीत में 1990 बैच के एडीजी रैंक के आईपीएस अधिकारी राव कथित बिचौलिए फराज़ को बेंगलुरू पुलिस आयुक्त पद के लिए एक कांग्रेसी नेता के जरिए पैरवी करने के लिए बोल रहे हैं.
बताया जा रहा है कि यह बातचीत जून 2019 से पहले की है जब कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस-जेडीएस सरकार सत्ता में थी और कर्नाटक के कुछ वरिष्ठ अधिकारी पुलिस आयुक्त के पद को हासिल करने की कोशिशें कर रहे थे.
राव ने इस कथित लीक बातचीत पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
सिद्दारमैया, मल्लिकार्जुन खड़गे और गठबंधन सरकार में गृह मंत्री रहे एमबी पाटिल समेत कांग्रेस नेताओं ने जांच की मांग की है जबकि पार्टी के एक अन्य अहम नेता और पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार ने आरोपों को खारिज कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार समेत कई भाजपा नेताओं ने कुमारस्वामी पर अपनी सरकार बचाने के लिए इस प्रकरण के पीछे होने का आरोप लगाया है. विधानसभा में विश्वास मत हारने के बाद पिछले महीने गठबंधन सरकार गिर गई थी.
कुमारस्वामी ने इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे फोन टैप करके कुर्सी बचाने की कोई जरूरत नहीं है. इस मामले में कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, वे सच्चाई से परे हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)