हरियाणा के रोहतक में एक रैली को संबोधित करते हुए दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनूंगा, कांग्रेस के साथ या कांग्रेस के बिना.
चंडीगढ़: पिछले चार दशकों से कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद हरियाणा के दो बार के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को रोहतक में अपनी परिवर्तन रैली के मंच से बागी होने का एलान करते हुए कांग्रेस के साथ या कांग्रेस के बिना खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, परिवर्तन रैली के मंच पर हुड्डा पूर्व नियोजित तैयारी के साथ आए थे और उन्होंने हरियाणा के लोगों के लिए नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण के साथ कई योजनाओं की घोषणा कर दी.
हालांकि, कांग्रेस अपना कोई चुनावी घोषणापत्र जारी करने से पहले उसे अपने शीर्ष नेताओं की एक समिति की मदद से तैयार करवाती है. बता दें कि, हरियाणा में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
रोहतक में हुड्डा ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, ‘आज मैं अपनी सारी पाबंदियों से मुक्त होकर आया हूं.’
इसके साथ ही अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ के खिलाफ बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार जो ठीक काम करती है उसको मैं ठीक कहता हूं, चाहे केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की. अनुच्छेद 370 हटाकर अच्छा फैसला किया गया लेकिन मेरी पार्टी भी कुछ भटक गई है, वो पहले वाली कांग्रेस नहीं रही. लेकिन जहां तक सवाल है देशभक्ति और स्वाभिमान का, मैं किसी से समझौता नहीं करुंगा. इसी के वास्ते मैंने अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया.’
BS Hooda: I support the decision to abrogate #Article370 but I want to tell Haryana Govt that you will have to give an account of what you did in 5 years, don't hide behind this decision. Our brothers from Haryana are deployed as soldiers in Kashmir, that is why I supported it. https://t.co/xKGAtqKyY3
— ANI (@ANI) August 18, 2019
उन्होंने कहा, ‘मैं देशभक्ति की भावना में रमे परिवार में जन्मा हूं. जम्मू-कश्मीर पर फैसलों का विरोध करने वालों से कहता हूं कि उसूलों पर जहां आंच आए, वहां टकराना जरूरी है, जो जिंदा है तो जिंदा दिखना जरूरी है.’
इससे पहले इसी महीने हुड्डा ने विधानसभा में कहा था कि यह अच्छा है कि भाजपा ने घोषणापत्र में किए गए अपने एक वादे को पूरा किया.
हुड्डा का हालिया बयान उन खबरों के बीच आया है कि वे कांग्रेस से अलग होकर या तो भाजपा के साथ जा सकते हैं या फिर अपनी नई पार्टी बना सकते हैं.
हालांकि, इस दौरान कांग्रेस नेता ने राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार से पिछले पांच की उनकी उपलब्धियों की जानकारी मांगी. वहीं, रविवार को ही खट्टर ने राज्य में अपनी रथ यात्रा की शुरुआत की जिसमें वे सड़क के रास्ते 2100 किमी का रास्ता तय करेंगे.
हुड्डा के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा, ‘मैं अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने का समर्थन करता हूं लेकिन मैं हरियाणा सरकार को बताना चाहता हूं कि आपको जानकारी देनी होगी कि आपने पांच सालों में क्या किया है, आप इस फैसले के पीछे नहीं छिप सकते हैं.’
उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है. फसलों के दाम नहीं मिल रहे, खाद बीज के दाम बढ रहे हैं, बेरोजगारी को बढ़ावा मिला है और कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. प्रदेश अपराध के मामले में नंबर-1 एक पर है, पारदर्शिता के नाम पर केवल लूट हुई है.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में किसी से नौकरी के नाम पर कोई पैसा नहीं लिया गया और भाजपा सरकार में नौकरी परचून की दुकान की तरह बेची हैं. उन्होंने कहा कि मैं लोगों की सरकार बनाने के लिए आया हूं, मैं रिटायर होना चाहता था, लेकिन जनता की लड़ाई लड़ने के लिए अभी रिटायर नहीं होना चाहता.
Former Haryana Chief Minister & Congress leader, Bhupinder Singh Hooda in Rohtak: If we form the government, we will bring a law like Andhra Pradesh, so that 75% of jobs go to the people of Haryana. pic.twitter.com/2ULokQaSgK
— ANI (@ANI) August 18, 2019
हुड्डा ने कहा, ‘अगर उनकी सरकार बनी तो आंध्र प्रदेश के तहत यहां भी स्थानीय नौकरियों में हरियाणा के लोगों के लिए 75 फीसदी आरक्षण होगा. उन्होंने बुजुर्गों का पेंशन पांच हजार रुपये करने का भी वादा किया. साथ ही कहा कि हरियाणा रोडवेज में महिलाओं की यात्रा फ्री करेंगे. गरीबों के लिए चार लाख घर बना कर दिए जाएंगे. दलित बच्चों को आठवीं तक 500, 12वीं तक 1000 और उससे ऊपर 1500 रुपये देंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हरियाणा के हमारे भाई कश्मीर में तैनात हैं, यही कारण है कि मैं इसका (अनुच्छेद 370) का समर्थन कर रहा हूं.’
हुड्डा के अन्य सहयोगी पलवल के विधायक करन दलाल, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष फूल चंद मुलाना, विधानसभा के पूर्व स्पीकर रघुबीर सिंह कडियान और झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने भी मंच से पार्टी हाईकमान को चुनौती देते हुए कहा कि या तो वे हुड्डा को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करें या नतीजे भुगतें.
हुड्डा को हरियाणा के 15 में से 12 कांग्रेस विधायकों का समर्थन हासिल है. कांग्रेस पार्टी के 60 से अधिक सांसदों और विधायकों ने रविवार को हुड्डा के साथ मंच साझा किया.
पिछले तीन सालों से हुड्डा कैंप पार्टी हाईकमान पर हरियाणा कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर को हटाकर पार्टी अध्यक्ष बनाने का दबाव बना रहा है.
अपने संबोधन में हुड्डा ने आगे के कदम के लिए 13 विधायकों और 12 अन्य की एक 25 सदस्यीय समिति भी बनाने का एलान किया. उन्होंने कहा कि वे एक हफ्ते के अंदर चंडीगढ़ में समिति के फैसले की घोषणा करेंगे.
इसी रैली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और रोहतक से पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ‘मैंने हमेशा राजनीतिक हित से ऊपर राष्ट्रीय हित रखा है. अनुच्छेद 370 की बात की जाए तो जिस तरह से इसे खत्म किया गया था, मैंने इसका विरोध किया, लेकिन मैं इसके हटाने का हमेशा समर्थन करूंगा. जो लोग राजनीतिक लाभ के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं मैं उनके साथ नहीं हूं.’