मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं कारोबारी रतुल पुरी को ईडी ने 354 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में गिरफ़्तार किया है. इससे पहले सीबीआई ने 18 अगस्त को एक मामला दर्ज कर पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता पुरी और अन्य के ठिकानों पर छापे मारे थे.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 354 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं कारोबारी रतुल पुरी को गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों नें मंगलवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि मोजर बियर के पूर्व कार्यकारी अधिकारी पुरी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत सोमवार देर रात गिरफ्तार किया गया. पुरी को मंगलवार को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
ईडी ने पुरी को बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में तलब किया था. सीबीआई ने 18 अगस्त को एक मामला दर्ज किया था और पुरी, उनके पिता एवं ‘मोजर बियर’ कंपनी के प्रमोटर दीपक पुरी, मां नीता पुरी और अन्य के ठिकानों पर छापे मारे थे.
यह कार्रवाई आयकर विभाग की बेनामी रोकथाम इकाई की उस कार्रवाई के एक हफ्ते बाद सामने आई है जिसमें उसने मोजर बियर कंपनी के नाम पर दिल्ली के लुटियंस में दर्ज 300 करोड़ के बंगले और 40 मिलियन डॉलर के एफडीआई को अटैच कर लिया था.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का आरोप है कि लंबे समय में कंपनी ने अलग-अलग बैंकों से 1962 करोड़ का कई तरह का कर्ज लिया था. नवंबर, 2011 तक बैंक ने कंपनी को कुल 332 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था.
बैंक ने दावा किया कि कंपनी और उसके निदेशकों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को धन जारी करने को प्रेरित करने के लिए जाली और मनगढ़ंत दस्तावेज तैयार किए. उसने अपनी शिकायत में एक ऑडिट रिपोर्ट का भी हवाला दिया है.
इससे पहले, ईडी ने सोमवार को यहां एक अदालत से कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में जांच में शामिल होने से बच रहे हैं.
ईडी ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष ये आरोप लगाये थे, जो पुरी की उस अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे जिसके मार्फत उन्होंने अपने खिलाफ एक गैर जमानती वारंट रद्द करने का अनुरोध किया था.
जांच एजेंसी ने पुरी की याचिका का विरोध किया था और कहा था कि उसने रविवार और सोमवार सहित कई मौकों पर पुरी को बुलाया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए.
इस पर पुरी के वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया कि एजेंसी पुरी के प्रति निष्पक्ष नहीं रही है, जो कि जांच में सहयोग करना चाहते हैं.
अग्रवाल ने अदालत से कहा था, ‘वह ईडी के साथ जांच में शामिल होना चाहते हैं लेकिन ईडी ने आज दोपहर 11 बज कर 55 मिनट पर उन्हें एक ई-मेल भेजा और दोपहर 1 बजे बुलाया. यह अनुचित है. कोई व्यक्ति इतने कम समय के नोटिस में जांच में कैसे शामिल हो सकता है.’
बहरहाल, अदालत ने पुरी की याचिका पर अपना आदेश 21 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने पुरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए ईडी की इस दलील का जिक्र किया था कि वह साक्ष्य से छेड़छाड कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जैसा कि वह पहले भी कर चुके हैं.
बता दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को पुरी को 20 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था. यह अदालत 20 अगस्त को इस विषय पर आगे की सुनवाई करने वाली है. हाईकोर्ट ने ईडी को इस बात की इजाजत दी थी कि वह जरूरत पड़ने पर जांच के लिए पुरी को बुला सकता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)