अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कश्मीर बेहद जटिल जगह है. यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है.
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से टकराव का मुद्दा रहे कश्मीर की ‘विस्फोटक’ स्थिति पर एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश की है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष सप्ताहांत में यह मुद्दा उठायेंगे. अमेरिका ने पीएम नरेंद्र मोदी से कश्मीर में तनाव कम करने के लिये कदम उठाने का अनुरोध किया था.
बता दें कि फ्रांस में इस सप्ताह के अंत में जी 7 सम्मेलन में दोनों नेता मिलने वाले हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘कश्मीर बेहद जटिल जगह है. यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है.’ उन्होंने कहा, ‘मध्यस्थता के लिये जो भी बेहतर हो सकेगा, मैं वो करूंगा.’
Trump calls Kashmir 'a complicated situation', once again offers his proposal to mediate
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— ANI Digital (@ani_digital) August 20, 2019
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘ठीक है, वे ऐसा कर रहे हैं- ये सैकड़ों वर्षों से अलग-अलग नामों से भी बातचीत कर रहे हैं. लेकिन यह कश्मीर है और कश्मीर बहुत जटिल जगह है. आपके पास हिंदू हैं और आपके पास मुसलमान हैं, और मैं यह नहीं कहूंगा कि इनके बीच रिश्ते बहुत अच्छे हैं और ये हकीकत है.’
उन्होंने कहा, ‘आपके पास लाखों लोग हैं जो दूसरों का शासन चाहते हैं, और शायद ये बात दोनों तरफ है. आपके पास दो देश हैं जो लंबे समय से साथ काम नहीं कर पा रहे हैं और, स्पष्ट रूप से, यह एक बहुत ही विस्फोटक स्थिति है.’
ट्रम्प ने कहा, ‘मैंने प्रधान मंत्री खान से बात की, मैंने कल प्रधान मंत्री मोदी के साथ भी बात की, वे दोनों मेरे दोस्त हैं, वे महान लोग हैं. वे अपने देश से प्यार करते हैं. और वे दोनों बहुत कठिन स्थिति में हैं.’
वे कहते हैं, ‘कश्मीर की स्थिति बहुत कठिन है और आप जानते हैं कि हम इसके बारे में बात कर रहे हैं. यह कई दशकों से चल रहा है. वहां पर लंबे समय से हॉवित्जर्स जैसे भारी हथियारों की गोलाबारी चल रही है. यह लंबे समय से चल रहा है.’
वे बोले, ‘मैं दोनों प्रधानमंत्रियों के साथ बहुत अच्छी तरह से मिलता हूं. आप जानते हैं, प्रधानमंत्री खान अभी हाल ही में यहां आए थे और मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ फ्रांस में मिलने वाला हूं.’
ट्रंप ने कहा, ‘इसलिए, मुझे लगता है कि हम स्थिति में मदद कर रहे हैं. लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, उन दोनों देशों के बीच जबरदस्त समस्याएं हैं. मैं पूरी कोशिश करूंगा या तो मध्यस्थता या कुछ करने की. मेरा उन दोनों के साथ अच्छा संबंध है लेकिन उनके बीच दोस्ती नहीं है. इसका लेना-देना काफी हद तक धर्म से है. धर्म एक जटिल विषय है.’
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बातचीत की थी और उन्हें कश्मीर पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में एहतियात बरतने को कहा. ट्रंप ने साथ ही स्थिति को मुश्किल बताया और दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा था.
ट्रंप ने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को फोन पर करीब 30 मिनट बात करने के बाद खान से बात की थी. मोदी ने बातचीत के दौरान पाकिस्तानी नेताओं द्वारा भारत विरोधी हिंसा के लिए उग्र बयानबाजी और उकसावे का मुद्दा उठाया था.
व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप ने खान से जम्मू-कश्मीर मामले पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में संयम बरतने और तनाव कम करने को लेकर चर्चा की.
कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए खान ने रविवार को भारत सरकार को ‘फासीवादी’ और ‘श्रेष्ठतावादी’ करार दिया था तथा कहा था कि यह पाकिस्तान और भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरा है.
उन्होंने यह भी कहा था कि दुनिया को भारत के परमाणु हथियार की सुरक्षा पर भी गौर करना चाहिए क्योंकि यह न केवल क्षेत्र, बल्कि विश्व पर असर डालेगा.
व्हाइट हाउस ने कहा कि खान के साथ बातचीत के दौरान, ट्रंप ने दोनों पक्षों से तनाव बढ़ने से बचने और संयम बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसने कहा कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-पाकिस्तान आर्थिक एवं व्यापार सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर भी सहमति जतायी थी.
डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘मध्यस्थ’ बनने की पेशकश की थी. हालांकि भारत ने सीधे तौर पर ट्रंप की इस पेशकश को खारिज कर दिया था. भारत ने इसे द्विपक्षीय मामला बताया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)