कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार चिदंबरम का चरित्रहनन करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और ‘बिना रीढ़ वाले मीडिया’ का इस्तेमाल कर रही है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की याचिका पर तत्काल सुनवाई से बुधवार को इनकार कर दिया. इस याचिका में चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग की है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिका में खामियों को अभी-अभी दुरुस्त किया गया है और इसे ‘तत्काल सुनवाई के लिए आज सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता.’ जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस एम शांतनगौडर और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा, ‘याचिका को सूचीबद्ध किए बिना, हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते.’
अदालत में चिदंबरम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जब मामले पर आज ही सुनवाई करने की मांग दोहराई तो पीठ ने कहा, ‘माफ कीजिए श्रीमान सिब्बल, हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते.’
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मौखिक उल्लेख के आधार पर चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई का यह कह कर विरोध किया कि उनके पास कागजात नहीं हैं.
भोजनावकाश के बाद पीठ के फिर से बैठने पर सिब्बल ने कहा कि वह एक बार फिर सूचीबद्ध किए जाने के लिये मामले का उल्लेख कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इसे सूचीबद्ध किए जाने को लेकर रजिस्ट्री से कुछ भी पता नहीं चला है.
INX Media case: Congress leader P Chidambaram’s (in file pic) lawyers Kapil Sibal, Salman Khurshid & Vivek Tankha were present before the CJI Ranjan Gogoi’s Constitution Bench when the Ayodhya Bench was rising for the day, but did not mention urgent listing of interim bail case. pic.twitter.com/8zvXTzUYvW
— ANI (@ANI) August 21, 2019
सिब्बल ने शीर्ष अदालत को बताया कि जांच एजेंसियों ने अब चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारिस कर दिया है जैसे कि वह ‘भागने वाले’ हैं. पीठ ने उनसे कहा कि याचिका में कुछ खामियां थीं और रजिस्ट्री ने उसे इस बारे में सूचित किया है.
जब सिब्बल ने कहा कि खामियों को दूर कर लिया गया है, तो पीठ ने रजिस्ट्रार (न्यायिक) सूर्य प्रताप सिंह को बुलाया और खामियों के बारे में पूछा.
रजिस्ट्रार ने कहा कि खामियों को ‘अभी-अभी’ दुरुस्त किया गया है और याचिका को उचित पीठ के समक्ष आवंटित किए जाने के लिये प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा. इस पर सिब्बल ने कहा कि मामले को आज सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश संविधान पीठ में बैठे हैं और वह चार बजे से पहले नहीं उठ पाएंगे.
वरिष्ठ अधिवक्ता जहां बार-बार मामले में सुनवाई किए जाने पर जोर दे रहे थे वहीं, पीठ ने उनसे कहा, ‘हमने मामले को प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखे जाने का पहले ही निर्देश दे दिया है.’
पीठ ने कहा, ‘आम तौर पर मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किये जाने की खातिर प्रधान न्यायाधीश के समक्ष शाम में रखा जाता है लेकिन हमने सुबह में ही इसे तुरंत सीजेआई के पास भेज दिया.’ साथ ही पीठ ने कहा, ‘यह हमारा काम नहीं बल्कि यह रजिस्ट्री को करना है.’
जब सिब्बल ने पीठ को याद दिलाया कि पूर्व में मौखिक उल्लेख के आधार पर लोगों को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया गया है तो पीठ ने कहा, ‘हमने रजिस्ट्री को निर्देश दिया और उसने पाया कि याचिका में कुछ खामियां थीं.’ सुनवाई के अंत में सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम यह शपथ पत्र देने के लिए तैयार हैं कि वह नहीं भागेंगे लेकिन पीठ ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और सुनवाई समाप्त कर दी.
गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई अधिकारी मंगलवार को चिदंबरम के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे, लेकिन वहां उनसे मुलाकात नहीं होने पर अधिकारियों ने एक नोटिस चस्पां कर उन्हें दो घंटे में पेश होने का निर्देश दिया.
इसके जवाब में चिदंबरम की कानूनी टीम ने कहा कि नोटिस में कानून के उन प्रावधानों का जिक्र नहीं किया गया है जिनके तहत उन्हें तलब किया गया. साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार सुबह उनकी याचिका पर सुनवाई होने से पहले कोई बलपूर्वक कार्रवाई ना करने की अपील भी की.
Enforcement Directorate (ED) issues lookout notice against Congress leader and former Finance Minister #PChidambaram pic.twitter.com/h0dGdJWYSB
— ANI (@ANI) August 21, 2019
सीबीआई की टीम बुधवार को सुबह एक बार फिर चिदंबरम के आवास पहुंची थी. ईडी ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है.
अधिकारियों ने बताया कि इस नोटिस को सड़क और हवाई मार्ग के साथ समुद्री बंदरगाहों का जिम्मा संभालने वाली एजेंसियों को भेजा गया है. इसमें निर्देश है कि चिदंबरम को ईडी की अनुमति के बिना भारत की सीमा से बाहर न जाने दिया जाए.
अधिकारियों ने बताया कि यह एहतियाती कदम है क्योंकि चिदंबरम के पते-ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है और आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच को आगे बढ़ाने में उनकी जरूरत है.
चिदंबरम के चरित्रहनन के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही मोदी सरकार: राहुल
आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद सीबीआई द्वारा उनकी तलाश किए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार चिदंबरम का चरित्रहनन करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और ‘बिना रीढ़ वाले मीडिया’ का इस्तेमाल कर रही है.
Modi's Govt is using the ED, CBI & sections of a spineless media to character assassinate Mr Chidambaram.
I strongly condemn this disgraceful misuse of power.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 21, 2019
गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी सरकार ईडी, सीबीआई और बिना रीढ़ के मीडिया के कुछ धड़ों का इस्तेमाल कर रही है ताकि चिदंबरम का चरित्रहनन किया जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘मैं सत्ता के इस शर्मनाक दुरुपयोग की कड़ी निंदा करता हूं.’
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘बहुत ही योग्य और सम्मानित राज्यसभा सदस्य पी चिदंबरम जी ने दशकों तक बतौर वित्त मंत्री, गृह मंत्री और दूसरे पदों पर रहते हुए पूरी वफादारी से देश की सेवा की है.’
but the truth is inconvenient to cowards so he is being shamefully hunted down. We stand by him and will continue to fight for the truth no matter what the consequences are.
2/2— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 21, 2019
उन्होंने दावा किया, ‘वह बेहिचक सच बोलते हैं और इस सरकार की नाकामियों का खुलासा करते हैं. लेकिन सच कायरों के लिए सुविधाजनक नहीं होता इसलिए शर्मनाक तरीके से उनका पीछा किया जा रहा है. हम उनके साथ खड़े हैं और सच के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे नतीजा कुछ भी हो.’
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार विरोधी नेताओं को चुनकर निशाना बना रही है और यह उसकी कार्यशैली बन चुका है.
चिदंबरम और उनके परिवार से जुड़े कानूनी मामले
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया. वहीं उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले और धन शोधन मामले में मुकदमा चल रहा है.
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एयरसेल मैक्सिस मामलों में चिदंबरम तथा उनके बेटे की जमानत संबंधी याचिकाएं निचली अदालत में लंबित हैं. दोनों को निचली अदालत ने गिरफ्तारी से 23 अगस्त तक अंतरिम राहत प्रदान की है.
एयरसेल मैक्सिस मामलों में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को पहली बार पिछले साल जुलाई में अंतरिम राहत मिली थी. इसके बाद समय समय पर उनकी अंतरिम राहत की अवधि बढ़ाई जाती रही है. पिछले साल 19 जुलाई को सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र में चिदंबरम और कार्ति के नाम थे.
सीबीआई जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए चिदंबरम ने एक विदेशी कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी कैसे दे दी क्योंकि ऐसा करने का अधिकार केवल आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) के पास ही होता है.
प्रवर्तन निदेशालय एयरसेल मैक्सिस प्रकरण में धनशोधन के एक अलग मामले की जांच कर रहा है. इस मामले में एजेंसी चिदंबरम से पूछताछ कर चुकी है और उनकी अग्रिम जमानत याचिका लंबित है.
चिदंबरम 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल मैक्सिस सौदे तथा 305 करोड़ रुपये के आईएनएस मीडिया मामले की जांच कर रही एजेंसियों के दायरे में हैं. दोनों ही उपक्रमों को एफआईपीबी से मंजूरी संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में दी गई थी और तब चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2007 में जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी में अनियमितताएं बरती गईं.
प्रवर्तन निदेशालय ने इस संबंध में 2018 में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई सारदा चिटफंड घोटाले में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. उन पर 1.4 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत लेने का आरोप है.
इस साल फरवरी में कलकत्ता हाईकोर्ट ने उन्हें मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम से एयर इंडिया से जुड़े एक खरीद मामले की जांच में सहयोग करने को कहा था. इस मामले में चिदंबरम के पूर्व मंत्रिमंडलीय सहयोगी प्रफुल पटेल से भी जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी.
इसके अलावा मद्रास हाईकोर्ट ने चिदंबरम, नलिनी, कार्ति, कार्ति की पत्नी श्रीनिधि कार्ति चिदंबरम पर काला धन (अज्ञात विदेशी आय एवं परिसंपत्ति) तथा कर अधिनियम, 2015 के अधिरोपण के तहत मुकदमा चलाने के लिए पिछले साल नवंबर में आयकर विभाग द्वारा जारी मंजूरी संबंधी आदेश रद्द कर दिए थे. हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. फिलहाल यह मामला लंबित है.
सीबीआई ने इन आरोपों की भी प्राथमिक जांच शुरू की है कि तमिलनाडु में एक होटल पूर्व वित्त मंत्री के एक संबंधी ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से हड़प लिया है.
इसके अलावा चिदंबरम के खिलाफ इशरत जहां मामले से जुड़े एक हलफनामे में कथित छेड़छाड़ करने से संबंधित शिकायत दिल्ली पुलिस में लंबित है. आरोप है कि जब हलफनामे में छेड़छाड़ की गई थी तब चिदंबरम गृह मंत्री थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)