अपने ही मिसाइल के निशाने से गिरा था वायुसेना का विमान, पांच अधिकारी दोषी पाए गए: रिपोर्ट

बीते 26 फरवरी को हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक दिन बाद 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर के बड़गाम में वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें वायुसेना के छह जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी.

27 फरवरी को जम्मू कश्मीर के बड़गाम में दुर्घटनाग्रस्त भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर का मलबा. (फोटो: पीटीआई)

बीते 26 फरवरी को हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक दिन बाद 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर के बड़गाम में वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें वायुसेना के छह जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी.

27 फरवरी को जम्मू कश्मीर के बड़गाम में दुर्घटनाग्रस्त भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर का मलबा. (फोटो: पीटीआई)
27 फरवरी को जम्मू कश्मीर के बड़गाम में दुर्घटनाग्रस्त भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर का मलबा. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ हुई हवाई झड़प के दिन भारतीय मिसाइल ने गलती से अपने ही देश के विमान को निशाना बनाया था, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी.

उच्च स्तरीय जांच रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के बडगाम में 27 फरवरी को वायुसेना का दुर्घटनाग्रस्त हेलिकाप्टर एमआई-17 भारतीय मिसाइल का ही निशाना बना था.

इस रिपोर्ट में वायुसेना के 5 अधिकारियों को दोषी पाया गया है. इनमें श्रीनगर बेस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर भी शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

हेलिकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से छह सैन्यकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी. भारतीय वायु सेना ने जांच के नतीजे पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.

वायुसेना मुख्यालय ने घटना की एयर कमोडोर रैंक के अधिकारी के तहत कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (सीओआई) का आदेश दिया था. जांच में पाया गया कि हेलीकॉप्टर में वह प्रणाली बंद थी, जिससे मित्र या दुश्मन की पहचान की जाती है.

इसके साथ ही जमीनी अधिकारियों और हेलीकॉप्टर के चालक दल के बीच संचार और समन्वय में तालमेल नहीं था. इस प्रणाली के तहत हवाई रक्षा रडार से पहचान होती है कि कोई विमान या हेलीकॉप्टर अपना है या शत्रुओं का.

एक सूत्र ने कहा, ‘सैन्य कानून के प्रावधानों के अनुसार दोषी कर्मियों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा.’

उन्होंने कहा कि वायुसेना के शीर्ष अधिकारी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा के बारे में फैसला करेंगे. वायुसेना ने मई में घटना की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए श्रीनगर अड्डे के एयर ऑफिसर कमांडिंग का तबादला कर दिया था.

दरअसल, घटना की प्रारंभिक जांच से यह खुलासा हुआ था कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद 27 फरवरी की सुबह जब भारत और पाकिस्तान के बीच नौशेरा सेक्टर में हवाई संघर्ष हो रहा था उसी दौरान बड़गाम में रूस निर्मित वायुसेना को एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था.

घटना में हेलीकॉप्टर में बैठे वायुसेना के छह जवान शहीद हो गए थे और एक नागरिक की मौत हो गई थी. प्रारंभिक जांच के हवाले से कहा गया है कि इस हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान का समझकर भारतीय वायुसेना की सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल से गलती से इस पर हमला कर दिया गया था.

मालूम हो कि बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवानों की मौत हो गई थी. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था.

इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था.

इसके अगले दिन 27 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत का मिग-21 विमान गिराने का दावा किया था वहीं भारत ने पाकिस्तान का एफ-16 विमान गिराने का दावा किया था. इसी दौरान बड़गाम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ था.

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस हवाई संघर्ष में विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने गिरफ़्तार कर लिया था. हालांकि, पाकिस्तान ने दो दिन बाद अभिनंदन को छोड़ दिया था.