जनजातीय समूह के प्रमुख ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर किसानों, लकड़हारों और खनिकों को अमेज़न के जंगलों की कटाई को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया. विश्व के करीब 60 प्रतिशत वर्षा वन अकेले अमेज़न के जंगलों में हैं. पृथ्वी को 20 प्रतिशत ऑक्सीजन यहीं से मिलता है.
रियो डी जिनेरियो: ब्राजील के जनजातीय समूह के प्रमुख राउनी मेटुकतिरे ने देश के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर आरोप लगाया है कि वह अमेज़न वर्षा वन को नष्ट करना चाहते हैं.
उन्होंने आग को काबू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की मांग की है.
आग की घटना को लेकर दुनिया भर में बढ़ रहे आक्रोश के बीच जनजातीय समूह ‘कायापो’ के प्रमुख राउनी ने बोल्सोनारो को सत्ता से हटाने की मांग की.
राउनी ने जर्मनी से फोन पर बातचीत करते हुए समाचार एजेंसी ‘एएफपी’ से कहा, ‘वह जंगलों के साथ हमें भी खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने जो किया वह बेहद भयानक है.’
उन्होंने राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर किसानों, लकड़हारों और खनिकों को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया.
ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक ब्राजील के जंगलों में आग लगने की 76,720 घटनाएं हुई हैं. इनमें से आधी से अधिक अमेज़न में हुई हैं.
इस बीच बोल्सोनारो ने अमेज़न वर्षा वन में लगी आग को काबू करने के लिए ब्राजील के सशस्त्र बलों की वहां तैनाती को शुक्रवार को मंजूरी दे दी.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अमेज़न के जंगल में लगी आग से जूझ रहे ब्राजील की मदद करने की पेशकश की.
ट्रम्प ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने बोल्सोनारो से बात की और कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार की संभावनाएं कभी इतनी नहीं रहीं.
ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘मैंने उन्हें बताया कि अमेरिका अमेज़न वर्षा वन में लगी आग से निपटने में मदद कर सकता है. हम मदद के लिए तैयार हैं.’
Just spoke with President @JairBolsonaro of Brazil. Our future Trade prospects are very exciting and our relationship is strong, perhaps stronger than ever before. I told him if the United States can help with the Amazon Rainforest fires, we stand ready to assist!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) August 23, 2019
मालूम हो कि अमेज़न के वर्षा वनों में लगी भीषण आग ने यहां रहने वाले प्राचीन जनजातीय समूहों के घरों को तबाह कर दिया है. जनजातीय समूहों ने ब्राजील की वर्तमान सरकार पर जंगल की कटाई को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने गैर सरकारी संगठन इंस्टिट्यूटो सोशियोएंबिएंटल के आंकड़ों के आधार पर बताया है कि अमेज़न राज्य में मुरा जनजातीय समूह के 18 हज़ार से ज्यादा लोग रहते हैं. अमेज़न राज्य ब्राजील के वर्षा वनों का सबसे बड़ा और संरक्षित क्षेत्र हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरणविदों ने दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर किसानों और लकड़हारों को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया है. मालूम हो कि ब्राजील के राष्ट्रपति ने इस संरक्षित क्षेत्र के विकास का आह्वान किया है. आरोप है कि कई बार ज़मीन खाली करने के लिए किसान खुद ही जंगलों में आग लगा देते हैं.
एक जनजातीय नेता हैंडर्च वकाना मुरा ने कहा, ‘हर गुजरते दिन के साथ जंगलों की कटाई और जंगलों में अतिक्रमण के रूप में हम यहां विनाश देख रहे हैं. हम दुखी हैं कि हर क्षण जंगल मर रहा है. हम महसूस करने रहे हैं कि मौसम बदल रहा है और विश्व को जंगलों की जरूरत है.’
ब्राजील स्पेस रिसर्च एजेंसी आईएनपीई के मुताबिक अमेज़न में इस साल के पहले सात महीने में पिछले साल इसी अवधि के दौरान जंगल की कटाई में 67 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं.
मिरर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार अमेज़न राज्य के हुमैता में रहने वाले जनजातीय नेता रैमुंडो मुरा ने कहा, ‘मैं अपने खून का आखिरी कतरा भी इस जंगल के लिए दे दूंगा. सभी पेड़ जिंदा थे, उन्हें जिंदा रहना चाहिए था. हमारे लिए यह विनाश है. यहां जो भी हो रहा है वह हमारे खिलाफ क्रूरता है.’
रिपोर्ट के अनुसार, 15 अगस्त से ब्राजील भर में 9,500 से ज्यादा आग लगने के मामले सामने आए हैं और इसमें से अधिकांश घटनाएं अमेज़न वर्षा वनों में हुई हैं. विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि आग लगने से हर मिनट तकरीबन तीन फुटबॉल मैदानों के जितना वर्षा वन खत्म हो रहा है.
ब्राजील के नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (आईएनपीई) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में अमेज़न वर्षा वनों ने 519 वर्ग मील क्षेत्र के पेड़ खो दिए. एक महीने में जंगल की कटाई का यह आंकड़ा सर्वाधिक है.
आईएनपीई की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत से आग लगने की घटनाओं में 84 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस साल अब तक आग लगने की 74,155 घटनाएं हुई हैं.
ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच की ओर से कहा गया है कि 13 से 22 अगस्त के बीच ब्राजील में आग लगने के 109,000 एलर्ट जारी किए गए हैं.
ब्राजील के सबसे बड़े राज्य अमेज़न में बीते सोमवार को आपातकाल घोषित किया गया है.
मालूम हो कि अमेज़न के जंगल 5.5 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. विश्व के करीब 60 प्रतिशत वर्षा वन अकेले अमेज़न के जंगलों में हैं. पृथ्वी का 20 प्रतिशत ऑक्सीजन यहीं से मिलता है, इसलिए अमेज़न को जंगलों को दुनिया का फेफड़ा भी कहा जाता है. यहां 16,000 से अधिक जीवों की प्रजातियां भी निवास करती हैं.
अमेज़न में लगी आग के बाद ‘कैप्टन नीरो’ के टैग को ब्राजील के राष्ट्रपति ने किया खारिज
ब्रासीलिया: ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी नीतियां अमेज़न जंगल में लगी भयानक आग के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने मीडिया पर आरोप लगाया कि वह उन्हें ‘कैप्टन नीरो’ कहकर देश के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
बोल्सोनारो ने शुष्क मौसम में लगी आग का हवाला देते हुए कहा, ‘मैं आग लगने की घटना का बचाव नहीं करता हूं क्योंकि हमेशा ही आग लगती रही है और यह लगती रहेगी. दुर्भाग्यवश अमेज़न के जंगल में ऐसा हमेशा होता है.’
राष्ट्रपति ने ब्रासीलिया में अपने आवास के बाहर कहा कि आग के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना ब्राजील के खिलाफ अभियान है.
‘कैप्टन नीरो’ का यह टैग रोम के राजा नीरो से आया है, जो रोम के जलने के दौरान बांसुरी बजा रहे थे. बोल्सोनारो पूर्व में सेना में कैप्टन रह चुके हैं.
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया था कि अमेज़न जंगल में लगी आग एक अंतराष्ट्रीय संकट है और उसे इस सप्ताहांत में फ्रांस में होने वाले जी-7 देशों के सम्मेलन के दौरान बातचीत के क्रम में शीर्ष प्रमुखता दी जाए.
Our house is burning. Literally. The Amazon rain forest – the lungs which produces 20% of our planet’s oxygen – is on fire. It is an international crisis. Members of the G7 Summit, let's discuss this emergency first order in two days! #ActForTheAmazon pic.twitter.com/dogOJj9big
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) August 22, 2019
इस ट्वीट पर ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि मैक्रों ‘उपनिवेशवादी मानसिकता’ के हैं.
बोल्सोनारो ने एक ट्वीट में कहा, ‘फ्रांस के राष्ट्रपति का वह सुझाव उनकी औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है कि अमेज़न जंगल में लगी आग के बारे में जी-7 बैठक के दौरान चर्चा की जाए, वह भी संबंधित क्षेत्र के प्रतिनिधियों की भागीदारी के बिना. इस मानसिकता के लिए 21वीं शदी में कोई जगह नहीं है.’
फ्रांस के राष्ट्रपति ने ट्वीट किया था, ‘हमारा घर जल रहा है. वास्तव में. अमेज़न वर्षा वन-हमारा फेफड़ा है जो पृथ्वी पर 20 फीसदी ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है, उसमें आग लगी है. यह एक अंतरराष्ट्रीय संकट है. आइए हम जी-7 शिखर सम्मेलन के सदस्य इस आपात स्थिति पर चर्चा करें.’
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी इस आग पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
अमेज़न के जंगलों में लगी आग को जी7 के एजेंडा में शामिल किया जाए
बर्लिन: अमेज़न वर्षा वनों में लगी आग घोर आपातकाल साबित हो सकती है और इस सप्ताहांत में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन के लिए फ्रांस में जुटे विश्व नेताओं को इस पर चर्चा करनी चाहिए. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के प्रवक्ता स्टीफन सीबर्ट ने शुक्रवार को यह बात कही.
स्टीफन सीबर्ट ने बर्लिन में संवाददाताओं से कहा, ‘अमेज़न क्षेत्र में आग जिस पैमाने पर फैली है वह चौंकाने वाला है और यह न सिर्फ ब्राजील तथा अन्य प्रभावित देशों के लिए भयावह है बल्कि पूरे विश्व के लिए है.’
उन्होंने कहा, ‘चांसलर इस बात पर सहमत हैं कि जब जी7 देश इस सप्ताहांत में साथ आएंगे तो अमेज़न वर्षा वन की इस घोर समस्या को एजेंडा में शामिल किया जाएगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)