श्रीनगर दौरे को लेकर मायावती ने विपक्ष पर बोला हमला, कहा- भाजपा को दिया राजनीति का मौका

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखण्डता के पक्षधर थे, इसलिए वे जम्मू कश्मीर राज्य में अलग से अनुच्छेद 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे. इसी वजह से बसपा ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया.

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बसपा सुप्रीमो मायावती (फोटो: पीटीआई)

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखण्डता के पक्षधर थे, इसलिए वे जम्मू कश्मीर राज्य में अलग से अनुच्छेद 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे. इसी वजह से बसपा ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया.

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(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: श्रीनगर हवाईअड्डे से विपक्षी दलों के 12 सदस्यों की टीम को वापस भेजे जाने के एक दिन बाद बसपा प्रमुख मायावती ने नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि इससे भाजपा को राजनीति करने का मौका मिला है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मायावती ने कहा कि कश्मीर में हालात सामान्य होने में समय लगेगा और राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों की टीम को श्रीनगर जाने से पहले और विचार-विमर्श करना चाहिए था.

ट्वीट करके बसपा प्रमुख ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन करने पर अपनी पार्टी के रुख को भी साफ किया.

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उन्होंने कहा, ‘जैसा कि विदित है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखण्डता के पक्षधर रहे हैं, इसलिए वे जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे. इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरान्त इस धारा 370 की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा. इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र व वहां के राज्यपाल को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहाँ पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता.’

बता दें कि, राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं के दल को शनिवार को श्रीनगर हवाईअड्डे से वापस भेज दिया गया था. जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दिए जाने पर नेताओं ने सरकार के आलोचना की. माकपा पोलितब्यूरो ने इसे संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों पर दिनदहाड़े डकैती बताया.

कांग्रेस द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में राहुल गांधी अधिकारियों से कह रहे हैं कि घाटी के हालात जानने के लिए नेताओं के दल को राज्य में प्रवेश की अनुमति दी जाए.

वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, ‘राज्यपाल ने कहा कि मैं आमंत्रित हूं. अब मैं आया हूं लेकिन आप कह रहे हैं कि हम नहीं आ सकते हैं. वहीं, सरकार कह रही है कि सब कुछ सामान्य है. अगर सब कुछ सामान्य है तो हमें जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है.’

एक प्रेस वार्ता में जब पूछा गया कि नेताओं के दल को श्रीनगर शहर में जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई तो राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने जम्मू कश्मीर के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के शुक्रवार के ट्वीट को पढ़ दिया.

इसमें कहा गया था, ‘वरिष्ठ नेताओं को सामान्य हालात में लौटने की कोशिश कर रहे राज्य की स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए. राजनीतिक नेताओं से अनुरोध किया जाता है कि वे सहयोग करें और श्रीनगर का दौरा न करें.’