जदयू पर अपने चुनाव चिह्न ‘तीर’ के साथ चुनाव लड़ने से इसलिए रोक लगाई गई है क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ यह काफी मिलता-जुलता है.
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने जनता दल (यूनाइटेड) को अपने चुनाव चिह्न ‘तीर’ का इस्तेमाल झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव में करने से रोक लगा दी है क्योंकि यह चिह्न झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ से मिलता-जुलता है.
चुनाव आयोग ने इससे पहले जदयू को चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 10 के प्रावधानों के तहत दो राज्यों में अपने चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ने की छूट दी थी. अब यह छूट वापस ले ली गई है क्योंकि झामुमो ने बीते 24 जून को चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि चुनाव चिह्नों की समानता से मतदाता भ्रमित हो सकते हैं.
जदयू, झामुमो और शिवसेना क्रमश: बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र की क्षेत्रीय पार्टियां हैं.
JUST IN: Nitish Kumar's JDU cannot contest Jharkhand elections on its party symbol, rules EC @IndianExpress pic.twitter.com/bwLO44as9b
— Ritika Chopra (@RitikaChopra__) August 26, 2019
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जारी अपने आदेश में कहा था, ‘इस मामले में सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आयोग ने जदयू को निर्देश दिया है उसे चुनाव चिह्न आदेश के पैरा 10 के तहत झारखंड और महाराष्ट्र में अब से चुनाव लड़ने की छूट नहीं दी जाएगी.’
इस साल मार्च में आयोग ने आदेश दिया था कि झामुमो और शिवसेना बिहार में अपने चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. आठ मार्च, 2019 के आदेश में जो कहा गया था वह अब भी लागू होगा. और यही चीज महाराष्ट्र में भी लागू होगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार और अरुणाचल प्रदेश में ‘तीर’ चुनाव चिह्न को आवंटित किया गया है, जबकि झामुमो और शिवसेना को ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न झारखंड और महाराष्ट्र में आवंटित किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)