सुप्रीम कोर्ट ने सीताराम येचुरी को माकपा नेता तारिगामी से मिलने के लिए कश्मीर जाने की इजाजत दी

कोर्ट ने यह भी कहा कि येचुरी तारिगामी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के अलावा किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.

कोर्ट ने यह भी कहा कि येचुरी तारिगामी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के अलावा किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.

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माकपा महासचिव सीताराम येचुरी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को उनके सहयोगी माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मुलाकात करने के लिए जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दे दी.

लाइव लॉ के मुताबिक कोर्ट ने येचुरी से यह भी कहा कि वे अपने दोस्त से मिलने के अलावा कुछ और नहीं करेंगे. वे इस मौके को किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगे.

इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तारिगामी ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. वे कोई ऐसे व्यक्ति नहीं है जो कि गायब हो गए हों.

इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, ‘चाहे जेड हो या जेड प्लस, अगर कोई व्यक्ति देश के किसी हिस्से में जाना चाहता है तो उसे बिल्कुल जाने दिया जाना चाहिए.’

हालांकि कोर्ट ने येचुरी के लिए पेश हुए सीनियर वकील राजु रामचंद्रन से कहा कि इस यात्रा को तारिगामी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. पीठ ने यह भी कहा कि राज्य उनकी इस यात्रा को सुविधाजनक बनाए.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अगर सीताराम येचुरी किसी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते हैं तो प्रशासन इस बात की जानकारी सर्वोच्च न्यायालय को देने के लिए आजाद है.

इसके अलावा कोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र और जम्मू कश्मीर निवासी मोहम्मद अलीम सईद को जम्मू कश्मीर में उनके परिवार से मिलने की अनुमति दी. आगे की सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा.

वहीं कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.

कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले को लेकर दायर सभी याचिकाओं पर सुनवाई अक्टूबर महीने से पांच जजों वाली संविधान पीठ करेगी.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों को खत्म करने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी किया और सात दिन के भीतर इस मामले पर विस्तृत जवाब दायर करने को कहा है.