कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली का यह बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की उस टिप्पणी पर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमेशा खलनायक की तरह पेश करना गलत है और ऐसा करके विपक्ष एक तरह से उनकी मदद करता है.
बेंगलुरूः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमेशा खलनायक की तरह पेश न करने के पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की टिप्पणी पर गहरी नाराजगी जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में नीतिगत पंगुता के लिए जयराम रमेश जिम्मेदार थे.
इसके साथ ही वीरप्पा मोइली ने पार्टी नेता शशि थरूर के इस बयान पर नाराजगी जाहिर की जिसमें थरूर ने कहा था कि सही चीज करने पर प्रधानमंत्री की सराहना करने से विपक्ष की आलोचना की साख बनेगी.
मालूम हो कि जयराण रमेश ने बीते बुधवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करके और हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है.
मोइली ने रमेश और थरूर के बयानों को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कांग्रेस नेतृत्व से दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया.
मोइली ने रमेश के बयान को लेकर सवाल किया कि क्या कांग्रेस मोदी को खलनायक की तरह पेश कर रही है? उन्होंने रमेश के बयान को बहुत बुरा बताते हुए कहा कि इस तरह के बयान देकर वह भाजपा के साथ समझौता कर रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमेशा खलनायक की तरह पेश करने वाले जयराम रमेश के बयान का कांग्रेस के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं अभिषेक मनु सिंघवी और शशि थरूर ने भी समर्थन किया था.
मोइली ने कहा, ‘अगर कोई भी नेता इस तरह का बयान देता है तो मैं मानता हूं कि वह कांग्रेस या इसके नेतृत्व के लिए काम नहीं कर रहा है.’
उन्होंने कहा कि क्योंकि जब इस तरह के नेता सत्ता में होते हैं तो वे मंत्री होने के नाते अधिकारों का उपयोग करते हैं और विपक्ष में आने पर सत्तारूढ़ पार्टी के संपर्क में बने रखेंगे.
मोइली ने कहा, ‘वे (रमेश) यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में नीतिगत पंगुता के लिए जिम्मेदार हैं और कई बार प्रशासन के सिद्धांतों के साथ समझौता करने के लिए भी जिम्मेदार हैं.’
वहीं शशि थरूर पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी परिपक्व राजनीतिज्ञ नहीं समझा गया.
मोइली ने कहा, ‘थरूर अक्सर बयानबाजी करते रहते हैं और इस तरह उन्हें प्रेस में जगह मिलती रहती है. मैं नहीं समझता के उनके बयान को गंभीरता से लिया जा सकता है. उन्हें गंभीर राजनीतिज्ञ बनना होगा.’
मोइली ने कहा, ‘मेरे विचार से कांग्रेस पार्टी के लिए यह समय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और ऐसे लोगों को आगाह करने का है जो कांग्रेस पार्टी को छोड़कर जाना चाहते हैं. उन्हें सीधे-सीधे जाने दिया जाए, वे पार्टी में रहकर, पार्टी के साथ और उसकी विचारधारा के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करें.’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री मोइली ने जोर देकर कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के स्तर और राज्य स्तर पर कांग्रेस नेतृत्व के लिए पार्टी को पुनर्जीवित करने की खातिर तत्काल कदम उठाना जरूरी है. इसका कोई विकल्प नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमें यह कदम उठाने में सिर्फ इसलिए देर नहीं करनी चाहिए कि दो या तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
मोइली ने कहा कि ऐसे में हर बार चुनाव का बहाना बन जाता है. पार्टी को ऐसे लोगों को पूरी मजबूती के साथ संगठित करना चाहिए, जो कांग्रेस के मूल्यों को महत्व देते हैं और जनता की नब्ज समझते हैं.
उन्होंने कहा, ‘पार्टी के लोगों को पहले ही लग रहा है कि इसके लिए यह सही समय है क्योंकि ऐसा न करने पर भाजपा के हौसले हमारे काडर को परेशान करने के लिए बुलंद होंगे. सरकार में बैठे लोगों को, भाजपा को कांग्रेस पार्टी की ओर सम्मान और डर की नजरों से देखना होगा, अन्यथा पूरे विपक्ष के लिए उनके मन में भय का कोई भाव नहीं होगा.’