राजस्थान के उदयपुर ज़िले के हिरणमगरी थाना क्षेत्र में निर्माणाधीन सीवरलाइन में मिट्टी धंसने से हुआ हादसा. वहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो लोगों की दम घुटने से मौत हो गई.
उदयपुर/मथुरा: राजस्थान के उदयपुर जिले के हिरणमगरी थाना क्षेत्र में बुधवार को निर्माणाधीन सीवरेज कार्य के दौरान हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई. वहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा में सेप्टिक टैंक साफ करने के दौरान दो लोगों की मौत हो गई.
उदयपुर में हुए हादसे के संबंध में पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान सुपरवाइजर कान सिंह (22), कैलाश मीणा (18), जेसीबी चालक धर्मचंद मीणा और ट्रैक्टर चालक प्रहलाद मीणा के रूप में की गई है.
हादसा हिरणमगरी-एकलिंगपुरा मार्ग पर मानवखेड़ा में डाली गई सीवरलाइन में हुआ. राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, ये सीवरलाइन 19 फीट गहरी है. जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश देकर एक समिति का गठन कर दिया है.
पुलिस ने बताया कि मनवाखेड़ा स्कूल के पास स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे सीवरेज का काम चल रहा है और दो श्रमिक कार्य के लिए सीवरेज लाइन में उतरे थे और अचानक दोनों मजदूर मिट्टी धंस जाने से अंदर फंस गए.
उन्होंने बताया कि इस दौरान कोई हलचल नहीं होने पर दो अन्य मजदूर उनके बचाव में सीवरेज लाइन में उतरे लेकिन वो भी अंदर फंस गए.
प्रशासन और आपदा प्रबंधन सहायता व नागरिक सुरक्षा विभाग के दल ने राहत एवं बचाव कार्य के बाद चारों के शवों को बाहर निकाला.
जिला पुलिस अधीक्षक कैलाशचंद्र बिश्नोई ने चारों मजदूरों की मृत्यु की पुष्टि करते हुए बताया के मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा क्योंकि दम घुटने के कारण होने वाली मौतों की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता.
बचाव दलों को उनके शरीर पर हेलमेट, बूट या मुखौटा जैसे कोई सुरक्षा साधन नहीं मिले.
मथुरा में सेप्टिक टैंक साफ करते हुए दो की मौत, तीसरा गंभीर
उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में बुधवार दोपहर कोसीकलां कस्बे में एक मकान में सेप्टिक टैंक साफ करते समय तीन लोग सीवर में दमघोंटू गैस के कारण बेहोश हो गए, जिसमें से दो की मौत हो गई जबकि तीसरे का इलाज जारी है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोसीकलां कस्बा निवासी प्राइमरी विद्यालय में सरकारी अध्यापक सुरेश चंद्र भाटिया ने अपने किराएदार हरिओम को अपना सेप्टिक टैंक साफ कराने का ठेका दिया था. उसने इस काम के लिए दो अन्य युवकों अपने रिश्तेदार विष्णु व दीपक वाल्मीकि को बुला लिया और सीढ़ी लगाकर टैंक में उतार दिया.
पुलिस ने बताया कि पहले दीपक उतरा और जब वह बाहर नहीं आया तो विष्णु गया, लेकिन विष्णु भी गैस के प्रभाव में आकर बेहोश हो गया. जब उन दोनों में से कोई भी व्यक्ति कई बार आवाज देने के बाद भी बाहर नहीं आया तो हरिओम खुद उतरा. उतरते-उतरते जब उसके भी होश गायब होने लगे तो उसने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया.
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उसके बेहोश होकर टैंक में गिर जाने से पूर्व उसकी आवाज सुन ली और उसे जल्दी से बाहर निकाल लिया.
पुलिस ने बताया कि बाद में होश आने पर उसने दो अन्य लोगों के बारे में बताया तो लोगों ने किसी प्रकार उन तीनों को अस्पताल भेजा जहां चिकित्सकों ने दीपक व विष्णु को तो मृत घोषित कर दिया.
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार ने बताया, ‘इस मामले में हरिओम के परिजनों की ओर से मकान मालिक सुरेश चंद्र भाटिया एवं उनकी पत्नी निशा भाटिया के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप के तहत आईपीसी की धारा 304 एवं अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)