कड़कड़डूमा कोर्ट को दिए अपने हलफ़नामे में कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर ने पॉलीग्राफ टेस्ट देने से साफ़ इंकार कर दिया है.
1984 दिल्ली सिख दंगे के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कराने से इंकार कर दिया है. सीबीआई से दंगे के लिए क्लीन चिट पा चुके टाइटलर से दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने 9 मई को पूछा था कि क्या वो ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ देना चाहते हैं? इसके लिए उन्हें 2 हफ्ते का वक़्त भी दिया गया था.
जस्टिस शिवली शर्मा की बेंच को दिए अपने हलफ़नामे में टाइटलर ने साफ़ इंकार कर दिया है कि वो किसी भी प्रकार का लाई डिटेक्टर टेस्ट नहीं देंगे. टाइटलर के वकील ने अदालत में यह भी कहा कि जांच एजेंसी ने इस टेस्ट के लिए कोई विशेष कारण नहीं दिया है. उन्होंने सीबीआई पर क़ानून के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है.
Jagdish Tytler does not give consent, refuses to undergo lie detector test In 1984 Anti-Sikh Riots Case, before Delhi's Karkardooma Court. pic.twitter.com/zKrMdEDzVc
— ANI (@ANI) May 22, 2017
टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने 1 नवंबर, 1984 को गुरुद्वारा पुलबंगश के पास भीड़ का नेतृत्व किया था, जिसमें 3 सिखों की हत्या हुई थी. हथियारों के व्यापारी अभिषेक वर्मा के आरोपों के बाद सीबीआई द्वारा क्लीन चिट पा चुके टाइटलर पर लगे आरोपों के मुक़दमे को जांच एजेंसी ने दिसंबर 2015 में वापस खोल दिया था.
वर्मा ने आरोप लगाया था कि टाइटलर ने चश्मदीद गवाहों को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे और उसी घटना के गवाह सुरेंद्र सिंह के बेटे को कनाडा भेजने का लालच भी दिया था. इससे पहले अप्रैल में टाइटलर ने टेस्ट देने से मना कर दिया था. इसी मामले में उनके ख़िलाफ़ गवाह बने वर्मा ने अदालत से कहा है कि उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाए, क्योंकि उनकी जान को ख़तरा है.
अदालत के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की फिर से जांच शुरू की थी. एजेंसी ने इसी साल फरवरी में टाइटलर और वर्मा पर ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ की अनुमति मांगी थी. अदालत ने यह साफ़ कर दिया था कि इस टेस्ट के लिए दोनों को अदालत में ख़ुद आकर सहमति देनी होगी. हालांकि, वर्मा के वकील को अदालत ने 2 जून तक का वक़्त दिया है.
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में सिख दंगे में टाइटलर ने सहभागिता होने की बात से बहुत बार इंकार किया है. उन्हें सीबीआई से इसी मामले में 3 बार क्लीन चिट मिल चुकी है. मामले से जुड़े पीड़ितों ने सीबीआई की रिपोर्ट को अदालत में चुनौती दी थी.