बीते 21 अगस्त की रात पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद से वह सीबीआई की हिरासत में हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली की एक सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की हिरासत अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी. वह दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे.
चिदंबरम पर आरोप है कि साल 2007 में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने भारी मात्रा में विदेशी फंड मुहैया कराने में आईएनएक्स मीडिया की मदद की थी. इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम का भी नाम है. फिलहाल वह जमानत पर हैं.
सीबीआई ने इस मामले में अदालत से हिरासत अवधि पांच दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया था.
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने हिरासत अवधि बढ़ाने का आदेश पारित किया.
चिदंबरम को उनकी चार दिनों की सीबीआई हिरासत समाप्त होने के बाद विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ के समक्ष पेश किया गया.
73 वर्षीय चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन उन्हें अदालत में पेश किया गया था. उसके बाद से वह सीबीआई हिरासत में हैं.
21 अगस्त की रात चिदंबरम को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनसे आठ दिन हिरासत में पूछताछ की जा चुकी है.
चिदंबरम के पुत्र कार्ति भी अदालत में मौजूद थे.
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने कहा कि चिदंबरम से आंशिक रूप से पूछताछ की गई है और उन्हें दस्तावेज दिखाने हैं.
न्यायाधीश ने सीबीआई से सवाल किया कि उसे क्यों चिदंरबम से पांच दिन और पूछताछ करने की जरूरत है. उन्होंने केस डायरी भी दिखाने को कहा.
जब एएसजी ने उनसे कहा कि काफी दस्तावेज हैं तो न्यायाधीश ने कहा, ‘आप दस्तावेजों की संख्या से अवगत थे, आपने पहली बार सिर्फ पांच दिनों की हिरासत अवधि की ही क्यों मांग की, दूसरी बार भी आपने सिर्फ पांच दिन ही मांगा. यह रुख क्यों.’
नटराज ने जवाब दिया कि यह इस बात पर निर्भर था कि चिदंबरम सवालों का जवाब किस प्रकार देते हैं.
न्यायाधीश ने केस डायरी पर गौर करने के बाद कहा कि आपने हिरासत में पूछताछ के लिए जो आधार दिया है, वह अस्पष्ट है.
अदालत ने कहा कि सीबीआई को हिरासत में पूछताछ के लिए पहली बार में ही 15 दिनों की मांग करनी चाहिए थी.
चिदंबरम 2004-14 के दौरान कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार में गृह और वित्त मंत्री रहे थे.
मालूम हो कि चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2018 में इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)