पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि हम कभी भी युद्ध शुरू नहीं करेंगे. पाकिस्तान और भारत दोनों परमाणु शक्तियां हैं और अगर तनाव बढ़ा तो दुनिया खतरे का सामना करेगी.
लाहौर: कश्मीर को लेकर दोनों पड़ोसी देशों में तनाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि उनका देश कभी भी भारत के साथ युद्ध शुरू नहीं करेगा.
खान ने लाहौर के गवर्नर हाउस में जुटे सिख समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम कभी भी युद्ध शुरू नहीं करेंगे. पाकिस्तान और भारत दोनों परमाणु शक्तियां हैं और अगर तनाव बढ़ा तो दुनिया खतरे का सामना करेगी.’
खान ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं भारत को बताना चाहता हूं कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है. युद्ध में जीतने वाले को भी बहुत कुछ गंवाना पड़ता है. युद्ध कई अन्य मुद्दों को जन्म देता है.’
पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा जनवरी 2016 में पठानकोट स्थित वायुसैनिक अड्डे पर किये गए हमले के बाद भारत की पाकिस्तान से बातचीत नहीं हो रही है और उसका कहना है कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.
Pakistan PM Imran Khan says Pakistan will not use nuclear weapons first amid tensions with India: Reuters pic.twitter.com/0JfFqKUI0r
— ANI (@ANI) September 2, 2019
दोनों देशों के बीच इस साल की शुरुआत में तनाव तब और बढ़ गया था जब पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के एक आत्मघाती हमलावर ने कश्मीर के पुलवाला जिले में सीआरपीएफ जवानों की बस पर हमला किया था. इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे.
बढ़ते आक्रोश के बीच भारतीय वायुसेना ने आतंकवाद निरोधी अभियान चलाया और 26 फरवरी को पाकिस्तान की सीमा के अंदर बालाकोट में जैश के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया.\
इसके अगले ही दिन पाकिस्तानी वायु सेना ने पलटवार करते हुए भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की और इस दौरान हुई हवाई झड़प में एक भारतीय मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जबकि उसके पायलट को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया. उसे एक मार्च को भारत को सौंपा गया.
भारत और पाक के बीच हाल में तनाव उस वक्त फिर बढ़ गया जब भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द कर दिया. इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों का दर्जा कम कर दिया और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्व में हुई अपनी टेलीफोन वार्ता का हवाला देते हुए खान ने कहा, ‘मैंने उन्हें बताया कि भारत और पाकिस्तान दोनों जगह एक जैसे हालात हैं. मैंने उन्हें जलवायु परिवर्तन के बारे में बताया. हम एक विस्फोटक स्थिति का सामना कर रहे हैं. अगर हमनें इस समस्या (जलवायु परिवर्तन) का हल नहीं किया तो (दोनों देशों में) पानी की कमी होगी. मैंने उन्हें बताया कि हम एक साथ कश्मीर मुद्दे का हल वार्ता के जरिये कर सकते हैं.’
पाकिस्तान के साथ वार्ता को लेकर भारत की तरफ से उनके प्रयासों पर ‘कोई प्रतिक्रिया’ नहीं मिलने पर हताशा जाहिर करते हुए खान ने कहा, ‘मैं जो भी प्रयास करता हूं, भारत एक महाशक्ति की तरह व्यवहार करता है और हमसे (वार्ता के लिये) ऐसा करने और वैसा नहीं करने को कहता है. वह हमें आदेश देता है.’
उन्होंने यहां विभिन्न यूरोपीय देशों से सिखों को बताया कि पाकिस्तान सिखों को मल्टीपल वीजा जारी करेगा ताकि वे अपने पवित्र स्थलों की यात्रा कर सकें.
इससे पहले, पाकिस्तान के रेलवे मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा था भारत सुन ले कि पाकिस्तान के पास पाव और आधा पाव के एटम बम भी हैं, जो किसी खास इलाके को निशाना बना सकते हैं. भारत ने कश्मीर के दर्जे में बदलाव कर बातचीत का कोई रास्ता नहीं छोड़ा है. हम जंग नहीं चाहते, लेकिन अगर पाकिस्तान पर हमला तो फिर यह आखिरी जंग होगी.
बता दें कि, इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत परमाणु हथियारों के ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ करने के सिद्धांत पर ‘पूरी तरह प्रतिबद्ध’ है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नियंत्रण वाले भारत के परमाणु हथियारों पर दुनिया को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)