आरोप है कि अमित जोगी ने 2013 विधानसभा चुनाव में अपने जन्म स्थान के बारे में चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी थी. पुलिस ने बताया कि छह महीने की जांच के बाद जोगी को गिरफ़्तार किया गया है.
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पुलिस ने चुनाव के दौरान अपने जन्म स्थान के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे एवं पूर्व विधायक अमित जोगी को गिरफ्तार किया है.
बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने यहां बताया कि पुलिस ने मंगलवार को शहर के मरवाही सदन से अमित जोगी को गिरफ्तार किया. अमित जोगी पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को अपने जन्म स्थान के बारे में गलत जानकारी दी थी.
पुलिस ने यह भी बताया कि उन्हें अदालत के आदेशानुसार कोर्ट में पेश किया जाएगा. जोगी के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण दस्तावेज से जालसाजी) 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा) और 471 (किसी फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के बतौर पेश करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गिरफ़्तारी के दौरान जोगी के बंगले पर भारी संख्या में उनके समर्थक भी मौजूद थे और उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
Sanjay Kumar Dhruv, Bilaspur, SP(Rural): He (Amit Jogi) will be produced before a court and as per the orders of the court, action will be taken. He has been accused of giving wrong information in his election affidavit about his birthplace. #Chhattisgarh https://t.co/KsIeqLTnC0 pic.twitter.com/5rAdHfke9Y
— ANI (@ANI) September 3, 2019
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस वर्ष फरवरी महीने में भारतीय जनता पार्टी की ओर से मरवाही विधानसभा सीट से प्रत्याशी रही समीरा पैकरा ने जिले के गौरेला थाना में अमित जोगी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
समीरा का आरोप है कि अमित जोगी का जन्म स्थान अमेरिका में है, जबकि उन्होंने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथपत्र में जन्म स्थान गौरेला क्षेत्र का सारबहरा गांव बताया था.
पैकरा ने आरोप लगाया कि जोगी ने गलत तरीके से सारबहरा गांव में जन्म होने का प्रमाण पत्र प्राप्त किया. पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि छह महीने तक जांच के बाद मंगलवार को अमित जोगी को गिरफ्तार किया गया.
वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद मरवाही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी रही समीरा पैकरा ने जोगी की जाति और उनके जन्म स्थान के संबंध में उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर की थी.
उच्च न्यायालय ने इस वर्ष जनवरी में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने का हवाला देते हुए याचिका खारिज दी थी.
बीते सोमवार को समीरा और मरवाही के लोगों ने बिलासपुर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के सामने जोगी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक इस प्रदर्शन पर अमित ने कहा था कि समीरा और उनके वकील को इतनी सी बात समझ में क्यों नहीं आती कि अगर उन्हें हाईकोर्ट के किसी फैसले को चुनौती देनी है तो सुप्रीम कोर्ट जाएं? थाने में चीखने चिल्लाने से कुछ नहीं होगा. केवल गले में खराश और पेट में दर्द होगा.
मालूम हो कि कांग्रेस में रहे अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस छोड़कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाई थीं. अमित जोगी इसके प्रदेश अध्यक्ष हैं.
अमित जोगी की गिरफ़्तारी को अजीत जोगी ने कोर्ट की अवमानना बताया. उन्होंने कहा, ‘प्रदेश में कानून का राज नहीं है. भूपेश बघेल ने जंगलराज कायम कर रखा है. अमित के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला पहले ही आ चुका है. अगर भूपेश बघेल की पुलिस उस फैसले के खिलाफ जाकर अमित की गिरफ्तारी कर रही है, तो ये कोर्ट की अवमानना है.’
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि गलत काम करेंगे तो गिरफ्तार होंगे ही. देश में सबके के लिए कानून बराबर है. अगर गलतियां की हैं तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, न कि अपने आप को कानून की आड़ में बचाएं.
इससे पहले बीते हफ्ते छत्तीसगढ़ सरकार की समिति ने अजीत जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया था.
अधिकारियों का कहना था कि छानबीन समिति ने पाया कि अजीत जोगी अपने कंवर अनुसूचित जनजाति के सदस्य होने के दावे को साबित करने में असफल रहे हैं. जोगी ने कहा था कि वे इस आदेश को न्यायालय में चुनौती देंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)