जॉनसन को ब्रेक्जिट प्रस्ताव पर 301 वोट ही मिले, जबकि उनके खिलाफ 328 वोट पड़े. उनकी खुद की कंजर्वेटिव पार्टी के बागी सांसदों ने विपक्षी सांसदों से हाथ मिला लिया.
लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को ब्रेक्जिट पर संसद में बीते मंगलवार को पहली बड़ी हार मिली. जॉनसन को इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर 301 वोट ही मिले, जबकि उनके खिलाफ 328 वोट पड़े.
उनकी खुद की कंजर्वेटिव पार्टी के बागी सांसदों ने विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर हाउस ऑफ कॉमंस के कामकाज का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, जिससे ब्रेक्जिट में देरी हो सकती है और मजबूरन समय से पहले चुनाव कराए जा सकते हैं.
बोरिस जॉनसन इस वादे के साथ प्रधानमंत्री बने थे कि अगर 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट पर समझौता नहीं हुआ तो भी ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा जबकि विरोधी चाहते हैं कि यह समयसीमा बढ़ाई जाए.
जॉनसन की खुद की पार्टी के 21 सांसदों ने सरकार के खिलाफ मतदान किया जिससे देश में अक्टूबर के मध्य तक आम चुनाव कराए जाने की संभावना बन गई है.
"I will never surrender the control of our negotiations in the way Jeremy Corbyn is demanding."
🗣 @BorisJohnson nails Corbyn's #SurrenderBill 👇 pic.twitter.com/2AVZ8QS0H4
— Conservatives (@Conservatives) September 3, 2019
अगर बुधवार को होने वाला मतदान भी जॉनसन के खिलाफ जाता है तो वह संसद द्वारा ब्रेक्जिट समझौते पर पहुंचने के लिए कम से कम 31 जनवरी 2020 की समयसीमा मांगने के लिए बाध्य होंगे.
हालांकि उन्होंने इस मांग के आगे न झुकने की पुष्टि करते हुए एक बयान में कहा कि वह इसके बजाय आम चुनाव कराने के लिए एक प्रस्ताव पेश करेंगे.
प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार हार के तुरंत बाद जॉनसन ने कहा, ‘आज रात मतदान के नतीजों के बारे में कोई वहम मत रखिए. इसका मतलब है कि संसद किसी भी समझौते को खत्म करने की कगार पर है. चूंकि कल होने वाले मतदान से यूरोपीय संघ से बातचीत की कमान संसद के पास चली जाएगी तो इसका मतलब होगा और दुविधा, और विलंब और भ्रम.’
Tonight we defeated Boris Johnson in his first Commons test and tomorrow we will legislate against his disastrous No Deal plans.
We'll support a vote to call a General Election, so the people can decide our country's future, once the Bill to stop No Deal is law.
— Jeremy Corbyn (@jeremycorbyn) September 3, 2019
अपनी पार्टी के बागी सांसदों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर संसद बुधवार को बिना समझौते वाले ब्रेक्जिट विधेयक को रोकने के लिए मतदान करती है तो जनता यह तय करेगी कि 17 अक्टूबर को इस मुद्दे को सुलझाने और ब्रेक्जिट को आगे ले जाने के लिए कौन यूरोपीय संघ जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘इस देश के लोगों को तय करना होगा. विपक्ष के नेता (जेरेमी कोर्बिन) दो वर्षों से चुनाव की गुहार लगा रहे हैं. मैं चुनाव नहीं चाहता लेकिन अगर सांसद कल बातचीत को रोकने के लिए मतदान करते हैं और बिना किसी औचित्य के संभवत: वर्षों तक ब्रेक्जिट को टालने के लिए मजबूर करते हैं तो इसे हल करने का केवल एक रास्ता होगा. मैं पुष्टि कर सकता हूं कि आज रात हम चुनाव कराने के लिए प्रस्ताव पेश कर रहे हैं.’
कोर्बिन ने कहा कि मतदान से पुष्टि हो गई है कि ब्रिटेन में बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए बहुमत नहीं है और जॉनसन को चुनाव कराने का कोई प्रस्ताव पेश करने से पहले बिना समझौते के अलग न होने वाला प्रस्ताव पेश करना चाहिए.
ब्रिटेन की कंजर्वेटिव टोरी पार्टी के विद्रोही सांसद लेबर पार्टी के साथ मिलकर एक प्रस्ताव पेश करने वाले हैं जिसके माध्यम से 31 अक्टूबर को ब्रिटेन को बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से बाहर नहीं निकाला जा सकेगा. इसमें मांग की गई है कि जॉनसन यूरोपीय संघ से मांग करें कि ब्रेक्जिट की समय सीमा 31 जनवरी तय की जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)